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Bihar Politics: बिहार कैबिनेट के सियासी पर्दे के पीछे चल रहा ये खेल, तेजस्वी के खास मंत्रियों में क्यों हुआ फेरबदेल

Bihar News : चंद्रशेखर ने इस पुस्तक को आलोचना की और देवी-देवताओं पर टिप्पणी की. इसके बाद नीतीश ने चंद्रशेखर को शिक्षा मंत्री से हटा दिया और गन्ना उद्योग विभाग का मंत्री बनाया.

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Bihar Politics: बिहार कैबिनेट के सियासी पर्दे के पीछे चल रहा ये खेल, तेजस्वी के खास मंत्रियों में क्यों हुआ फेरबदेल
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Zee Bihar-Jharkhand Web Team|Updated: Jan 21, 2024, 04:17 PM IST

पटना: बिहार में राजनीतिक गतिविधियों में हलचल मच गई है, क्योंकि आरजेडी (RJD) पार्टी के तीन मंत्रियों के विभाग बदल दिए गए हैं. इन तीनों मंत्रियों में से दोनों लालू यादव और उनके बेटे तेजस्वी बेहद करीबी हैं. इस फेरबदल की कहानी में चंद्रशेखर नामक एक मंत्री की बातें भी सामने आ रही हैं. चंद्रशेखर पहले भूमि सुधार और राजस्व मंत्री थे, लेकिन उन्हें शिक्षा मंत्री बना गया है.

इस फेरबदल का मुख्य कारण यह बताया जा रहा है कि चंद्रशेखर ने रामचरित मानस पर दिए गए विवादित बयान के कारण नीतीश कुमार से नाराजगी पैदा की थी. चंद्रशेखर ने इस पुस्तक को आलोचना की और देवी-देवताओं पर टिप्पणी की. इसके बाद नीतीश ने चंद्रशेखर को शिक्षा मंत्री से हटा दिया और गन्ना उद्योग विभाग का मंत्री बनाया. इसके परिणामस्वरूप लालू ने अब यह तैयारी की हो सकती है कि वे नीतीश को मनाने के लिए यह कदम उठाएं या फिर यह भी हो सकता है कि इसका उद्देश्य आईएएस पाठक को बनाने के लिए एक प्रयास है.

इसी बीच भूमि सुधार और राजस्व मंत्री रहे आलोक मेहता ने भी ट्रांसफर पोस्टिंग के माध्यम से विवादों में हिस्सा लिया. उन्होंने अपने विभाग के कई अधिकारियों को ट्रांसफर कर दिया था, जिस पर नीतीश ने रोक लगा दी थी. इससे उत्पन्न गड़बड़ियों और शिकायतों के बावजूद लालू ने इस पर कार्रवाई की सहमति दी. यह बताता है कि यह फेरबदल नीतीश की नाराजगी की चल रही है और लालू के साथ मिलकर इस पर काम किया जा रहा है.

साथ ही, बिहार में इंडिया गठबंधन में सीटों का बंटवारा भी अभी तक नहीं हुआ है और नीतीश कुमार को इसके लिए बहुत नाराजगी है. वह चाहते हैं कि जल्दी ही यह मुद्दा हल हो, लेकिन इसमें देरी हो रही है. इसके साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि लालू चाहते हैं कि नीतीश अब सीएम की कुर्सी छोड़ें और उनके बेटे तेजस्वी को सीएम बनाया जाए. इस बीच नीतीश की नाराजगी की चर्चा भी हो रही है और यह साफ दिख रहा है कि वह किसी भी दबाव में नहीं रहेंगे.

साथ ही एक साक्षत्कार में गृहमंत्री अमित शाह से पूछा गया कि क्या जो लोग पहले से साथ थे और अब फिर से वापस आना चाहते हैं, उनके लिए रास्ते खुले हैं क्या. अमित शाह ने इसका उत्तर देते हुए कहा कि इस पर विचार होगा और कोई प्रस्ताव हो तो उसका विचार किया जाएगा. इस तरह बिहार में राजनीति में चर्चाएं बढ़ रही हैं और नीतीश कुमार के साथ नए विकल्पों का मुद्दा उत्पन्न हो रहा है. साथ ही कहा कि लालू यादव और उनके बेटे तेजस्वी की भूमिका भी महत्वपूर्ण हो सकती है, जो महागठबंधन के नेता बनने के लिए उतरे हुए हैं.

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