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स्कूलों में पढ़ाई का स्तर सुधारने के लिए शिक्षा विभाग ने उठाया ये कदम, देखें एक नजर

Bihar Education: बिहार के शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों की पढ़ाई को बेहतर बनाने के लिए एक नया कदम उठाया है. हर महीने सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले एक शिक्षक, एक छात्र और एक छात्रा को शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव द्वारा सम्मानित किया जाएगा.  

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स्कूलों में पढ़ाई का स्तर सुधारने के लिए शिक्षा विभाग ने उठाया ये कदम, देखें एक नजर
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Zee Bihar-Jharkhand Web Team|Updated: Aug 10, 2024, 04:14 PM IST

पटना: बिहार के शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों में पढ़ाई का स्तर सुधारने के लिए एक नया कदम उठाया है. अब हर प्रखंड के सरकारी स्कूलों के शिक्षक सिर्फ पढ़ाई ही नहीं, बल्कि स्कूल के प्रबंधन का काम भी देखेंगे. सबसे अच्छे प्रदर्शन करने वाले एक शिक्षक, एक छात्र और एक छात्रा को हर महीने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव द्वारा सम्मानित किया जाएगा. इसके लिए विभाग जल्दी ही चयन प्रक्रिया की जानकारी देगा.

जानकारी के लिए बता दें कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने जिला शिक्षा अधिकारियों को एक नई मार्गदर्शिका भेजी है, जिसे 'शिक्षक मार्गदर्शिका' कहा गया है. इस मार्गदर्शिका में बताया गया है कि शिक्षक बच्चों को कैसे मैनेज करें, उनका पहनावा और लुक कैसा हो. अभिभावकों को कैसे संभालें और स्कूल का प्रबंधन कैसे करें. शिक्षकों की भूमिका और दायित्वों को पांच मुख्य श्रेणियों में बांटा गया है.

छात्र स्वरूप: शिक्षक यह सुनिश्चित करेंगे कि छात्र समय पर स्कूल ड्रेस और सभी जरूरी किताबें, नोटबुक, पेंसिल बॉक्स, और पानी की बोतल लेकर आएं. छात्रों के नाखून कटे हुए और बाल संवारें हुए होने चाहिए. अभिभावकों से भी उम्मीद की जाती है कि वे बच्चों को स्कूल भेजने से पहले इन बातों का ध्यान रखें.

छात्र प्रबंधन : शिक्षक रोजाना चेतना सत्र में छात्रों की भागीदारी सुनिश्चित करेंगे. वे स्कूल में एक हेड गर्ल और एक हेड ब्वॉय का चयन करेंगे. छात्रों को चार समूहों (हाउस) में बांटेंगे और प्रतियोगिताओं का आयोजन करेंगे. कमजोर बच्चों को तेज बच्चों के साथ बैठाकर उनकी मदद करेंगे.

विद्यालय प्रबंधन: शिक्षक विशेष अवसरों जैसे विश्व स्वास्थ्य दिवस और शिक्षक दिवस पर बच्चों को इन दिनों की महत्ता समझाएंगे. सभी शिक्षक अनिवार्य रूप से छह दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण पूरा करेंगे.

अभिभावक प्रबंधन: अगर कोई बच्चा लगातार तीन दिन स्कूल नहीं आता, तो शिक्षक उसके अभिभावक से संपर्क करेंगे और यदि बात नहीं हो पाए तो घर जाकर जानकारी लेंगे. अभिभावकों को स्कूल की महत्वता समझाएंगे और नियमित रूप से अभिभावक-शिक्षक मीटिंग करेंगे.

क्लास प्रबंधन: क्लास में सफाई सुनिश्चित करेंगे और क्लास शुरू होने के पांच मिनट के भीतर हाजिरी अपडेट करेंगे. अगर क्लास में बच्चे ज्यादा हों, तो सेक्शन बना देंगे. यदि विषयवार शिक्षक की कमी हो, तो मिक्स क्लास चलाएंगे. नियमित रूप से टेस्ट लेंगे और परिणाम अभिभावकों को भेजेंगे.

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