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Bihar Politics: जातीय गणना को लेकर ये क्या बोल गए शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर, क्या हैं इसके मायने?

Bihar Politics: बिहार में जातीय जनगणना शुरुआत से ही राजनीति का अखाड़ा बन गया. हालांकि इस जनगणना को कई बाधाओं से भी गुजरना पड़ा. इस पर रोक भी अदालत के द्वारा लगाई गई लेकिन, अब एक बार फिर से बिहार में अदालत के फैसले के बाद से जातीय जनगणना का रास्ता साफ हो गया है.

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(फाइल फोटो)
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Gangesh Thakur|Updated: Aug 10, 2023, 05:12 PM IST

पटना: Bihar Politics: बिहार में जातीय जनगणना शुरुआत से ही राजनीति का अखाड़ा बन गया. हालांकि इस जनगणना को कई बाधाओं से भी गुजरना पड़ा. इस पर रोक भी अदालत के द्वारा लगाई गई लेकिन, अब एक बार फिर से बिहार में अदालत के फैसले के बाद से जातीय जनगणना का रास्ता साफ हो गया है. अब आपको बता दें कि इस जातीय जनगणना को लेकर बिहार सरकार में शिक्षा मंत्री और राजद नेता डॉ चंद्रशेखर ने जो कहा उसके कई मायने निकाले जा रहे हैं. 

बता दें कि डॉ चंद्रशेखर ने बिहार में जातीय व्यवस्था पर सवाल उठाया गया. उन्होंने साफ कहा कि भारत को अगर विश्व गुरु बनना है तो जाति, धर्म और मजहब से ऊपर उठना होगा और हमें इसपर विशेष ध्यान देना होगा. सिमुलतला आवासीय विद्यालय के 14वें स्थापना दिवस पर वह मुख्य अतिथि के रीप में पहुंचे थे. 

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उन्होंने साफ कहा कि यहां जातीय व्यवस्था ईश्वरीय व्यवस्था के कारण नहीं यह तो पुरखों के कारण बनी है. उन्होंने कहा कि विश्व में 195 देश है इसमें से कुछ देशों जैसे भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश आदि कुछ देशों को छोड़ दें तो कहीं भी जात-पात का भेद भाव नहीं है. हमारा शरीर तो पंच तत्वों से बना है फिर यहां जाति कहां से आई? 

राम चरित मानस पर सवाल उठाने वाले चंद्रशेखर ने भगवान राम को लेकर कहा कि उन्होंने शबरी का जूठा बेर खाया था. ऐसे में उन्होंने कहा कि इससे साफ पता चलता है कि जात-पात कुछ नहीं होता. उन्होंने कहा कि दुनिया में जब कोई विश्वविद्यालय नहीं था तब बिहार में कई विश्वविद्यालय थे.    

शिक्षकों के पलायन के सवाल पर उन्होंने कहा कि शिक्षकों के पलायन को रोकना होगा. इसकी जानकारी हमें भी है. इस मौके पर चंद्रशेखर ने कई छात्रों को सम्मानित भी किया है. 

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