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Basant Panchami 2023 Saraswati Vandana: बसंत पंचमी से पहले जानिए मां सरस्वती की वंदना और उसका अर्थ, जरूर मिलेगी सफलता

Basant Panchami Saraswati Vandana: ब्रह्मा की ब्राह्मी शक्ति और मां भगवती के सरस, सरल सत्व गुणी शक्ति के रूप में स्थित मां सरस्वती इस संसार की विद्या और आद्य शक्ति हैं.

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Basant Panchami 2023 Saraswati Vandana: बसंत पंचमी से पहले जानिए मां सरस्वती की वंदना और उसका अर्थ, जरूर मिलेगी सफलता
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Zee Bihar-Jharkhand Web Team|Updated: Jan 25, 2023, 10:39 AM IST

पटना: Basant Panchami Saraswati Vandana: ब्रह्मा की ब्राह्मी शक्ति और मां भगवती के सरस, सरल सत्व गुणी शक्ति के रूप में स्थित मां सरस्वती इस संसार की विद्या और आद्य शक्ति हैं. संसार में मौजूद सभी प्रकार की विद्या देवी के ही प्रताप से हैं. 

ब्रह्मांड में मौजूद चारों वेद माता सरस्वती के चार हाथ हैं जिससे वह संसार का कल्याण करती हैं. वीणा पुस्तक धारण करने वाली मां सरस्वती का प्राकट्य बसंत पंचमी के दिन हुआ था. अगर आप इस दिन देवी की वंदना करना चाहते हैं तो इन श्लोकों से जरूर करें. जानिए अर्थ सहित इनका महत्व.

या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता , 
या वीणावरदण्डमण्डित  करा या श्वेत पद्मासना । 
या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता , 
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा । । 

अर्थात--
माँ सरस्वती की इस प्रार्थना का अर्थ है - " जो विद्या की देवी सरस्वती कुन्द के फूल , चन्द्रमा , हिम के हार की भाँति श्वेत वर्ण की हैं , सफेद वस्त्र धारण करती हैं , जिनके हाथ में वीणा दण्ड सुशोभित हैं और जो श्वेत कमल पर आसीन हैं , ब्रह्मा , विष्णु और महेश जैसे प्रसिद्ध देवता , जिनकी सदैव वन्दना करते हैं , वही समग्र जड़ता और अज्ञान को दूर करने वाली माँ सरस्वती मेरा पालन करें ।

शुक्लां ब्रह्मविचारसारपरमामाद्यां जगद्व्यापिनीम् ,
वीणा पुस्तकधारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम् । 
हस्ते स्फाटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम् , 
वन्दे तां परमेश्वरी भगवतीं बुद्धि प्रदां शारदाम् । । 

अर्थात--
सफेद रंग वाली , सम्पूर्ण जगत में व्याप्त आद्या शक्ति , परब्रह्म के विषय में किये गए चिन्तन के सार को धारण करने वाली , अभयदायिनी , अज्ञान रूपी अन्धकार को नष्ट करने वाली , हाथों में वीणा , पुस्तक और स्फटिक की माला लिये हुए , पद्मासन पर विराजित , बुद्धि देने वाली , ऐश्वर्य से अलंकृत माँ परमेश्वरी भगवती सरस्वती देवी की मैं वन्दना करता हूँ ।

इस ब्रह्माण्ड को नियंत्रित तथा संचालित करने वाली आद्या शक्ति , अपने दिव्य स्वरूप के अंश और विग्रह द्वारा विभिन्न लोकों में अपने सृष्टि कार्यों को सुव्यवस्थित और सुसमन्वित करती हैं ।

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