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गंडक ने धरा विकराल रूप, तीन गांव का सड़क सम्पर्क टूटा

बिहार को पहले सूरज ने अपने ताप से हलकान किया अब मानसून के आने के साथ नदियों के बढ़ते जलस्तर की वजह से लोग परेशान हो रहे हैं.

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(फाइल फोटो)
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Zee Bihar-Jharkhand Web Team|Updated: Jul 06, 2023, 04:21 PM IST

बेतिया: बिहार को पहले सूरज ने अपने ताप से हलकान किया अब मानसून के आने के साथ नदियों के बढ़ते जलस्तर की वजह से लोग परेशान हो रहे हैं. बता दें कि बिहार में नदियों के बढ़ते जलस्तर की वजह से लोग कटाव और बाढ़ की समस्या से बेहाल हो जा रहे हैं. 

खबर बेतिया से आ रही है जहां गंडक नदी के जलस्तर बढ़ने से तीन गांव का सड़क संपर्क टूट गया है. योगापट्टी के दियारावर्ती गांव बाढ़ के चपेट में आ गए हैं. ग्रामीण सड़क पर जान हथेली पर रख आवागमन कर रहे हैं. 

दियारावर्ती जरलपुर पंचायत के जरलपुर गजना और बैसिया गांव में आने-जाने का एक मात्र सड़क सम्पर्क भंग हो गया है. सड़क पर तीन से चार फिट पानी चल रहा है. बता दें की वाल्मीकिनगर गंड़क बराज से लगातार पानी डिस्चार्ज हो रहा है. जिससे गंड़क नदी का जलस्तर बढ़ गया है और अब नदी के निचले इलाकों में यह कहर बरपा रही है. इन इलाकों में आने-जाने के लिए सिर्फ नाव ही सहारा है. 

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ग्रामीण मजहर देवन शमशाद अंसारी हरिंदर मुखिया बताते हैं की अब यह गांव चार महीना टापू में तब्दील रहेगा. कोई नेता जनप्रतिनिधि हमें देखने नहीं आएगा. हर वर्ष हमलोग बाढ़ का दंश झेलने को मजबूर हैं. सरकार एक पुल भी नहीं बना रही है. जिससे आवागमन की सुविधा बनी रहे. बाढ़ पूर्व तैयारी का प्रशासन जो दावा कर रही है उसकी पोल खुल गई है. क्योंकि गंड़क बराज से अभी सिर्फ एक लाख बीस हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. 

बरसात में गंड़क बराज से चार लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा जाता है. अभी तो पूरी बरसात बाकी है और अभी ही इन इलाकों में सड़क सम्पर्क भंग हो गया है. ग्रामीणों में प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के खिलाफ आक्रोश है. ग्रामीण प्रशासन से नाव की मांग कर रहें है ताकि आवागमन बना रहे.

(Report- Dhananjay Dwivedi)

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