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Pawan Singh: आसनसोल से BJP का टिकट लौटाने के बाद दिल्ली पहुंचे पवन सिंह, जेपी नड्डा से की मुलाकात

Pawan Singh News: सूत्रों का कहना है कि बीजेपी अध्‍यक्ष जेपी नड्डा ने पवन सिंह को बातचीत करने के लिए दिल्ली बुलाया है. दिल्ली में पवन सिंह अब पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से मुलाकात कर रहे हैं. 

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पवन सिंह
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K Raj Mishra|Updated: Mar 04, 2024, 01:48 PM IST

Pawan Singh News: भोजपुरी स्टार पवन सिंह (Pawan Singh) को बीजेपी ने पश्चिम बंगाल की आसनसोल (Asansol) लोकसभा सीट से टिकट दिया था, लेकिन भोजपुरी एक्टर ने वहां से चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया. बीजेपी का टिकट लौटाने के बाद पवन सिंह अब दिल्ली पहुंच गए हैं. यहां उन्होंने आज (सोमवार, 4 मार्च) को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की. बता दें कि बीजेपी ने शनिवार (2 मार्च) को अपने प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी की थी. इस लिस्ट में पवन सिंह का भी नाम था. आसनसोल सीट से टिकट मिलने पर पवन सिंह ने खुशी जाहिर करते हुए पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व का आभार जताया था. लेकिन इसके 24 घंटे के अंदर ही उन्होंने आसनसोल से चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया. इससे बीजेपी की काफी किरकिरी हुई है. 

आसनसोल पर उनका मुकाबला टीएमसी सांसद और बॉलीवुड स्टार शत्रुघ्न सिन्हा से होना था, लेकिन उन्होंने पहले ही सरेंडर कर दिया. टिकट लौटाते हुए पवन सिंह कहा कि बीजेपी ने मुझ पर विश्वास करके आसनसोल से उम्मीदवार घोषित किया, लेकिन किसी कारणवश में आसनसोल से चुनाव नहीं लड़ पाऊंगा. पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को दिल से आभार प्रकट करता हूं. हालांकि, उन्होंने अभी तक चुनाव नहीं लड़ने के कारण का खुलासा नहीं किया है. पर माना जा रहा है कि टीएमसी नेताओं ने जिस तरह से उनकी फिल्मों और एलबम को लेकर मोर्चा खोला था, उससे वह पीछे हट गए. 

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पवन सिंह अब दिल्ली में पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से मुलाकात कर रहे हैं. सूत्रों के मुताबक, पवन सिंह ने टिकट नहीं लौटाया, बल्कि बीजेपी ने ही उनको दावेदारी वापस लेने के लिए कहा है. सूत्रों का कहना है कि पवन सिंह की कुछ फिल्में और एलबम के कारण उनका पत्ता कटा है. दरअसल, संदेशखाली की घटना से ममता बनर्जी सरकार बैकफुट पर है. बीजेपी को चुनाव से पहले एक बड़ा हथियार लग गया है. लेकिन पवन सिंह के बहाने टीएमसी को काउंटर करने का मौका मिल गया था.

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पवन सिंह की फिल्मों और गानों को शेयर करते हुए टीएमसी नेताओं ने बीजेपी पर जबरदस्त तरीके से पलटवार किया था और इसे बंगाली अस्मिता से जोड़ दिया था. राजनीतिक पंडितों का कहना है कि अगर पवन सिंह का नाम वापस ना लिया जाता तो बीजेपी को इसका नुकसान हो सकता था. बंगाली अस्मिता के नाम ममता बनर्जी पहले भी बंगाल विधानसभा चुनाव में बीजेपी को करारी शिकस्त दे चुकी हैं.

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