पटना: Bihar News: बिहार में एक तरफ लोकसभा चुनाव को लेकर इंडिया गठबंधन के घटक दल अपनी तरफ से तैयारियों में लगे हुए हैं तो वहीं दूसरी तरफ चुनाव की तैयारियों में NDA की तरफ से भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जा रही है. बिहार और यूपी वैसे भी जाति आधारित चुनाव के लिए जाना जाता है. यहां वोट जाति के आधार पर होता है. ऐसे में बिहार में 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए मतदान में भाजपा को तमाम तरह की चुनौतियां मिलने वाली है. नीतीश कुमार के एनडीए से अलग होने के बाद तो भाजपा की परेशानी ज्यादा बढ़ गई है.
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वहीं बिहार में नीतीश सरकार की तरफ से कराए गए जातीय जनगणना की रिपोर्ट आने के बाद तो यह मुश्किल और बढ़ी है. बिहार की कुल आबादी का 14.26 प्रतिशत से ज्यादा यादवों की संख्या है. ऐसे में भाजपा इस 'Y' फैक्टर वाले विपक्ष के गोलबंद वोट बैंक में सैंध लगाने की तैयारी में जुटी हुई है. ऐसे में भाजपा की तरफ से एक नया दांव खेला गया है.
दरअसल भाजपा मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव को 'यादव ब्रांड' बनाकर बिहार की यात्रा पर बुला रही है. पटना में 18-19 जनवरी को मोहन यादव रहेंगे. इस दौरान वह पटना में सभा को संबोधित भी करेंगे. वह भाजपा के प्रदेश कार्यालय में भी जाएंगे. इसके बाद पटना इस्कॉन मंदिर में पूजा-अर्चना भी करेंगे. मतलब साफ है कि भाजपा मोहन यादव को बड़े यादव नेता के तौर पर प्रसतुत करने के प्लान में है.
इसके लिए कृष्ण चेतना मंच की तरफ से मोहन यादव के कार्यक्रम का आयोजन भी किया जाएगा. यहां कर्यक्रम में 18 जनवरी को उनका सम्मान भी होगा. जिसमें बड़ी संख्या में यादव समाज के लोग उपस्थित होंगे. इसमें कई प्रदेशों से आए यादव महासंघ के बड़े नेताओं के साथ बिहार के यादव समाज के नेता और अन्य भी उपस्थित रहेंगे. हालांकि इसे गैर राजनीतिक कार्यक्रम बताया जा रहा है.
हालांकि बिहार में भाजपा के इस प्रयोग को राजद मिसाइल की तुलना छुरछुरी से बता रही है. वैसे भाजपा भी जानती है कि इस बार उनका मुकाबला केवल राजद से नहीं है नीतीश कुमार की जदयू भी उस गठबंधन का हिस्सा है. ऐसे में अगर सभी वर्गों के वोट बैंक में सेंधमारी नहीं की गई तो उनके लिए जीतना असंभव हो जाएगा.