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Karpoori Thakur Janm Jayanti: 22 नेताओं का जिक्र किया नीतीश कुमार ने पर ललन सिंह का नाम तक नहीं लिया

Bihar News: ललन सिंह का नाम नहीं लिए जाने की चर्चा अब राजनीतिक गलियारों में होने लगी है. इसके मायने भी निकाले जाने लगे हैं. इससे पहले भाजपा नेताओं का कहना था कि जेडीयू में ललन सिंह का पत्ता कट गया है और यह ललन सिंह के लिए खतरे की घंटी है. 

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Karpoori Thakur Janm Jayanti: 22 नेताओं का जिक्र किया नीतीश कुमार ने पर ललन सिंह का नाम तक नहीं लिया
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Zee Bihar-Jharkhand Web Team|Updated: Jan 24, 2024, 07:16 PM IST

Karpoori Thakur Janm Jayanti: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष ललन सिंह के बीच संबंध कैसे हैं, इसकी एक बानगी उस समय मिल गई, जब नीतीश कुमार कर्पूरी ठाकुर की जन्मशती पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 22 नेताओं का जिक्र किया पर ललन सिंह का नाम तक नहीं लिया. 22 नेताओं में से 2 विधायकों का भी नाम लिया पर ललन सिंह के बारे में बात करना मुनासिब नहीं समझा.

जेडीयू की ओर से आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करने पहुंचे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ललन सिंह के संबोधन के बाद अपना भाषण दिया. नीतीश कुमार ने अपने भाषण में पार्टी के 22 नेताओं का नाम लिया पर ललन सिंह का नाम नहीं लिया. नीतीश कुमार ने यहां तक कि उमेश कुशवाहा से लेकर दो विधायकों तक का जिक्र किया लेकिन ललन सिंह का नाम नहीं लिया, जो 29 दिसंबर तक पार्टी के अध्यक्ष रहे थे. 

नीतीश कुमार ने जिन 22 जेडीयू नेताओं का नाम लिया, उनमें उमेश कुशवाहा, धर्मेंद्र कुमार चंद्रवंशी, रामनाथ ठाकुर, वशिष्ठ नारायण सिंह, केसी त्यागी, मंगनी लाल मंडल, बिजेंद्र प्रसाद यादव, विजय कुमार चैधरी, महेश्वर हजारी, अली अशरफ फातिमी, श्रवण कुमार, अशोक चैधरी, लेसी सिंह, मदन साहनी, शीला मंडल, जमा खान, सुनील कुमार, जयंत राज, रत्नेश सदा, सुमित कुमार सिंह, हरिनारायण सिंह और नरेंद्र नारायण यादव आदि शामिल हैं. हालांकि एक कुर्सी दूर बैठे ललन सिंह का नाम नीतीश कुमार ने नहीं लिया.  

ललन सिंह का नाम नहीं लिए जाने की चर्चा अब राजनीतिक गलियारों में होने लगी है. इसके मायने भी निकाले जाने लगे हैं. इससे पहले भाजपा नेताओं का कहना था कि जेडीयू में ललन सिंह का पत्ता कट गया है और यह ललन सिंह के लिए खतरे की घंटी है. 

भाजपा का आरोप था कि नीतीश कुमार ने ललन को राजद से नजदीकी के चलते अध्यक्ष पद से विदा कर दिया. भाजपा का यह भी आरोप था कि ललन सिंह, तेजस्वी यादव को सीएम बनाने देने के पक्ष में थे और यही बात नीतीश कुमार को नागवार गुजरी और उन्होंने ललन सिंह को अध्यक्ष पद से रुखसत कर दिया और खुद ही अध्यक्ष पद पर विराजमान हो गए.

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