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नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले 6 दरिंदों को उम्रकैद की सजा, 2 साल 8 महीने बाद मिला न्याय

महिलाओं और नाबालिग बच्चियों के साथ हो रही हैवानियत के बीचे इंसाफ की एक बड़ी खबर सामने आई है. झारखंड के चाईबासा व्यवहार न्यायालय ने नाबालिग बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म के एक मामले में 6 लोगों दोषी करार देते हुए सभी को एक साथ उम्र कैद की सजा सुनाई है.

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नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले 6 दरिंदों को उम्रकैद की सजा, 2 साल 8 महीने बाद मिला न्याय
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Zee Bihar-Jharkhand Web Team|Updated: Dec 21, 2022, 07:13 PM IST

चाईबासाः महिलाओं और नाबालिग बच्चियों के साथ हो रही हैवानियत के बीचे इंसाफ की एक बड़ी खबर सामने आई है. झारखंड के चाईबासा व्यवहार न्यायालय ने नाबालिग बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म के एक मामले में 6 लोगों दोषी करार देते हुए सभी को एक साथ उम्र कैद की सजा सुनाई है. अदालत का यह फैसला इतना कड़ा और सख्त है कि अदालत ने सभी 6 आरोपियों को तब तक जेल में रखने की सजा सुनाई, जब तक जेल में इनकी आखरी सांस नहीं निकल जाती है. यानि की एक नाबालिग बच्ची से दुष्कर्म करने वाले 6 दरिंदों को अब मरते दम तक जेल में ही सड़ना होगा. जिन दरिंदों को यह सजा सुनाई गई है उसमें महेंद्र बाकिरा, विजय बांकिरा, चंदन हांसदा, राजकुमार तांती, रावकन केराई और चुनमुन केराई शामिल हैं.

2020 का है ये मामला 
बता दें कि मामला पश्चिम सिंहभूम जिले के टोकलो थाना क्षेत्र का है. जहां वर्ष 2020 में  एक बच्ची के साथ 6 लोगों ने सामूहिक बलात्कार किया था. एक मासूम बच्ची के साथ दरिंदगी की इस कहानी ने लोगों को झकझोर कर रख दिया था. वर्ष 2020 में वह दौर था जब देश में पहली बार कोरोना के कारण लॉकडाउन लगाया गया था. इस लॉकडाउन में टोकलो में रहने वाली एक नाबालिग बच्ची के माता- पिता पश्चिम बंगाल में ईंट भट्टा में काम करने के दौरान फंस गए थे. सरकार के कड़े फैसले और कोरोना नियमों के कारण बच्ची के माता- पिता चाह कर भी अपने घर टोकलो नहीं लौट पाए थे.

रिश्तेदार और उसके 5 दोस्त ने मिलकर किया दुष्कर्म 
इसी का फायदा नाबालिग बच्ची के एक रिश्तेदार ने उठा लिया. 4 अप्रैल 2020 को नाबालिग बच्ची जब शाम को शौच करने अपने घर से निकली तो उसके रिश्तेदार ने उसे जबरन पकड़ लिया. इसके बाद रिश्तेदार और उसके 5 दोस्त मिलकर बच्ची को पास की झाड़ियों में ले गए और उसके साथ दुष्कर्म और हैवानियत की. दुष्कर्म के बाद सभी ने बच्ची को धमकी दी कि वह इस घटना के बारे में किसी को नहीं बताए नहीं तो उसकी हत्या कर दी जाएगी. बच्ची ने घुट- घुट कर एक दिन बिताया, लेकिन इसके बाद उसने इस घटना की जानकारी अपनी मौसी को दे दी. जिसके बाद बच्ची की मौसी बच्ची को साथ लेकर टोकलो थाना गयी और वहां पूरी घटना की जानकारी पुलिस को दी.

6 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा
घटना की सूचना के बाद जानकारी तत्कालीन पश्चिम सिंहभूम एसपी इन्द्रजीत महथा तक पहुंची, उन्होंने इस मामले को गंभीरता से लिया. एसपी के निर्देश पर पूरे मामले की संजीदगी से जांच की गयी और पास्को एक्ट और भादवि की धारा 376 डी के तहत टोकलो थाने में बच्ची के रिश्तेदार समेत 6 नामजद महेंद्र बांकिरा, विजय बांकिरा, चंदन हांसदा, राजकुमार तांता, रावकन केराई और चुनमुन केराई के खिलाफ मामला दर्ज किया गया. सभी आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार भी कर लिया. एसपी इन्द्रजीत महतो के कारण टोकलो थाना की पुलिस ने इस मामले में गहन छानबीन कर सभी ठोस सबूत और गवाह जुटा लिये. इन सभी ठोस सबूत और गवाह के आधार पर चाईबासा व्यव्हार न्यायलय ने सभी 6 आरोपियों को मंगलवार को अंतिम सांस तक जेल में रहने की आजीवन कारावास की सख्त सजा सुनाई है.

घटना के 2 साल 8 महीने 16 दिन बाद पश्चिम सिंहभूम जिले के टोकलो थाना क्षेत्र में रहने वाली पीड़ित नाबालिग बच्ची को न्याय मिला है. चाईबासा व्यवहार न्यायालय से आये इस फैसले से उन लोगों में भी न्याय की उम्मीद जगी है जो इस तरह के अपराध का शिकार हुए हैं. वहीं न्यायलय के ऐसे सख्त फैसलों से अपराध करने वालों में भी एक कड़ा सन्देश जा रहा है कि ऐसे मामलों में अपराध करने वालों को कानून छोड़ेगी नहीं, बल्कि सबूत और गवाह के आधार पर सख्त से सख्त सजा दी जाएगी.
इनपुट- आनंद प्रियदर्शी

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