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India Biggest Railway Accident : 43 साल पहले देश में हुआ था सबसे बड़ा रेल हादसा, सहरसा की बागमती नदी में समा गई थी ट्रेन, सैकड़ों लोगों ने गंवाई थी जान

Train Accidents : 43 साल बाद फिर एक बड़ा ट्रेन हादसा हुआ है. मंगलवार को चक्रधरपुर रेल मंडल के सीनियर अफसर राहत ट्रेन के साथ मौके पर पहुंचे हैं. चक्रधरपुर मंडल के सीनियर डीसीएम आदित्य कुमार चौधरी ने इस हादसे की पुष्टि की है.

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India Biggest Railway Accident : 43 साल पहले देश में हुआ था सबसे बड़ा रेल हादसा, सहरसा की बागमती नदी में समा गई थी ट्रेन, सैकड़ों लोगों ने गंवाई थी जान
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PUSHPENDER KUMAR|Updated: Jul 30, 2024, 11:07 AM IST

India Biggest Railway Accident : भारत के सबसे बड़े ट्रेन हादसों में से एक बिहार का वह हादसा था जिसमें लगभग 1000 लोगों की जान चली गई थी. यह घटना 7 जून 1981 को हुई थी और यह भारत का सबसे बड़ा और विश्व का दूसरा सबसे बड़ा ट्रेन हादसा माना जाता है. उस दिन, मानसी से सहरसा के लिए जा रही एक पैसेंजर ट्रेन बागमती नदी के पुल संख्या 51 से गुजरते समय दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी. यह घटना इतनी भयानक थी कि पूरे देश को हिला कर रख दिया. अब, 43 साल बाद एक और बड़ा ट्रेन हादसा मंगलवार सुबह झारखंड के चक्रधरपुर रेल मंडल में हुआ है. राजखरसावां और बडाबांबो स्टेशन के बीच हावड़ा से मुंबई जा रही 12810 मुंबई मेल दुर्घटनाग्रस्त हो गई. इस हादसे में ट्रेन की 18 बोगियां पटरी से उतर गईं.

43 साल पहले हुआ था देश का सबसे बड़ा हादसा
43 साल पहले हुए इस हादसे की याद आज भी बिहार के लोगों के दिलों में ताजा है. उस दिन, ट्रेन बदला घाट और धमारा घाट स्टेशन के बीच से गुजर रही थी, जब अचानक एक बड़ी दुर्घटना घट गई. ट्रेन की 9 में से 7 बोगियां बाढ़ से बहती बागमती नदी में गिर गईं. यह दृश्य बहुत ही डरावना और दर्दनाक था. यात्रियों ने अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागना शुरू किया, लेकिन तत्काल राहत की कोई व्यवस्था नहीं थी. सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस हादसे में लगभग 300 लोगों की मौत हुई थी, लेकिन कुछ रिपोर्ट्स में मृतकों की संख्या करीब 800 बताई गई. कई शव बरामद नहीं हो पाए और गोताखोरों को कई दिनों तक सर्च ऑपरेशन चलाना पड़ा.

लोगों की कहानी बनकर रह गया हादसा
हादसे की असली वजह आज भी पूरी तरह स्पष्ट नहीं हो पाई है. कुछ लोगों का कहना है कि बागमती नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया था, जिससे पुल ढह गया और ट्रेन के डिब्बे नदी में गिर गए. वहीं, कुछ लोगों का मानना है कि पुल पर एक गाय को बचाने के लिए लोको पायलट ने इमरजेंसी ब्रेक लगा दिए थे, जिससे ट्रेन के डिब्बे पलट गए और पुल को तोड़ते हुए नदी में गिर गए. यह हादसा इतना गंभीर था कि पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई.

चक्रधरपुर रेल मंडल के कई सीनियर अफसर मौके पर पहुंचे
अब, 43 साल बाद, एक और बड़ा ट्रेन हादसा मंगलवार सुबह झारखंड के चक्रधरपुर रेल मंडल में हुआ है. राजखरसावां और बडाबांबो स्टेशन के बीच हावड़ा से मुंबई जा रही 12810 मुंबई मेल दुर्घटनाग्रस्त हो गई. इस हादसे में ट्रेन की 18 बोगियां पटरी से उतर गईं. इस घटना में अब तक दो यात्रियों की मौत हो गई है और 50 लोग घायल हुए हैं. रेलवे की टीम राहत और बचाव कार्य में लगी हुई है और कई घायल यात्रियों को नजदीक के अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

ट्रेन की 8-10 बोगियां हुई बेपटरी
चक्रधरपुर रेल मंडल के सीनियर अफसर मौके पर पहुंच चुके हैं और राहत कार्य तेजी से चल रहा है. चक्रधरपुर मंडल के सीनियर डीसीएम आदित्य कुमार चौधरी ने इस दुर्घटना की पुष्टि की है. सरायकेला जिला प्रशासन के अनुसार, इस दुर्घटना में दो यात्रियों की मौत हुई है और घायल यात्रियों को बस के माध्यम से अस्पताल ले जाया गया है. बताया गया कि इस रूट पर एक मालगाड़ी दो दिन पहले डिरेल हो गई थी, और मेल एक्सप्रेस उसी मालगाड़ी के डिब्बों से टकरा गई. इसके परिणामस्वरूप ट्रेन की 8-10 बोगियां बेपटरी हो गईं, कुछ डिब्बे आपस में चढ़ गए और कई बोगियां गति तेज होने के कारण बीच से मुड़ गईं.

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