Intermittent Fasting: क्या आपने कभी इंटरमिटेंट फास्टिंग के बारे में सुना है. इंटरमिटेंट फास्टिंग एक प्रकार का आहार है जो इस बात पर अधिक ध्यान देता है कि आपको क्या खाना चाहिए इसके बजाय आपको कब खाना चाहिए। इस पैटर्न को मुख्य रूप से युवा आबादी और कई अन्य लोगों द्वारा दिलचस्प माना जाता है. इनमें से कई लोगों को इसका सही तरीका नहीं पता होता, जिसकी वजह से उन्हें फायदे के बजाय नुकसान हो सकता है. जानिए क्या है इसके फायदे और कैसे करना है.
कब न करें ये उपवास
1.ब्लड प्रेशर, हृदय रोग या फिर ब्लड शुगर की दवा लेने वाले इसे करने से पहले डॉक्टर की सलाह लें.
2.आपका वज़न ज़्यादा नहीं है तो इसे फॉलो न करें.
3.गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं इसे ना करें.
ध्यान रखें ये बातें
1.सब्जियां कम तेल में पकाएं, मिर्च-मसाला सीमित मात्रा में लें. नारियल पानी, अदरक की चाय, काली चाय, जलजीरा, छाछ, सब्ज़ियों के सूप अधिक मात्रा में ले सकते हैं. चाय बिना शक्कर की पिएं. मीठा खाने का मन करे तो खजूर, किशमिश या छुहारा खाएं.
2.खाने से अनाज की मात्रा कम कर दें, अर्थात गेहूं चावल, ब्रेड, इनसे बने हुए खाद्य पदार्थ कम कर दें. पर्याप्त मात्रा में दाल, सब्जि़यां, फल, सूखे मेवे, अंडे, चिकन, दूध, दही, सलाद को भोजन में शामिल करें. ऐसा करने से आहार में प्रोटीन, फाइबर व हेल्दी फैट्स शामिल होंगे.