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Chatra News:नल जल योजना चतरा के गांव में बनी लूट की योजना, कुएं का दूषित जल पीने को मजबूर ग्रामीण

Chatra News: गांव-गांव से लेकर घर-घर तक पीने के लिए शुद्ध जल मुहैया कराने के उद्देश्य से संचालित नल जल योजना चतरा में लूट की योजना बनकर रह गई है. यही कारण है कि आज भी कई गांव के लोग दूषित कुएं का जल पीकर प्यास बुझाने को विवश हैं.

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नल जल योजना चतरा के गांव में बनी लूट की योजना
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Zee Bihar-Jharkhand Web Team|Updated: May 01, 2024, 07:29 AM IST

चतराः Chatra News: गांव-गांव से लेकर घर-घर तक पीने के लिए शुद्ध जल मुहैया कराने के उद्देश्य से संचालित नल जल योजना चतरा में लूट की योजना बनकर रह गई है. यही कारण है कि आज भी कई गांव के लोग दूषित कुएं का जल पीकर प्यास बुझाने को विवश हैं. इसकी बानगी अगर देखनी हो तो प्रतापपुर प्रखंड के बरही पंचायत के रबदा गांव पहुंच जाइए. यहां नल जल योजना के नाम पर खानापूर्ति कर की गई लूट से आप रूबरू हो जाएंगे. 

बता दें कि इस गांव में नल जल योजना के तहत पाइप लाइन बिछाए गए. बजा पत्ते जलमीनार बनाकर उसे सोलर से भी आच्छादित कर दिया गया. इसके बावजूद छह माह बीत जाने के बाद भी आज तक एक बूंद पानी ग्रामीणों के घरों तक नहीं पहुंच पाया. छह माह के इंतजार के बाद अंततः ग्रामीणों का सब्र का बांध टूट गया और ग्रामीणों ने इसकी जानकारी प्रखंड विकास पदाधिकारी अजय कुमार दास से लेकर जनप्रतिनिधियों तक को दी. लेकिन उक्त योजना में हुई लूट सर्फ चर्चा बनकर रह गयी. आज भी यहां के ग्रामीण कुआं का पानी पी रहे हैं. 

वैसे यहां एक चापानल भी लगा था जिसका हेड चोरी हो जाने के कारण यह किसी काम का नहीं रह गया है. स्थानीय ग्रामीण शिवकुमार भारती ने बताया कि सोलर जलमीनार से एक बार पानी निकलते हुए देखे थे. उसके बाद से आजतक पानी नहीं मिला है. लेकिन, ग्रामीण हमेशा कुआं का पानी ही पीते हैं. गांव में पचास घर लगभग है. सभी गर्मी, बरसात, ठंड हर दिन कुआं का गंदा पानी पीने को मजबूर हैं.

वहीं ग्रामीण महिलाओं ने बताया कि सोलर जलमीनार बना तो था पर केवल दिखावे के लिए. चापाकल आधा अधूरा खोदा था, जिसका भी उपयोग नहीं हुआ. सभी ग्रामीणों को कुएं का पानी पीना पड़ता है. गर्मी में पानी सूख जाता है. जिसके कारण लड़ाई भी हो जाती है. बरसात में भी गंदा पानी ही पीना पड़ता है. उन्होंने बताया कि गांव में एक कुआं है और सभी कुएं का ही पानी पीते हैं. कई बार कुएं की मरम्मत करने के लिए बोले पर कोई सुनवाई नहीं हुई.

वहीं इस पूरे मामले पर प्रतापपुर प्रखंड विकास पदाधिकारी से बात किए जाने पर उन्होंने बताया कि पीएचएफ विभाग लगातार जल संकट से निपटने के लिए कार्य कर रही है. जिससे लोगों को पीने का पानी मिल सकें. वहीं बरही पंचायत के रबदा का मामला उनके संज्ञान में नहीं था. यही वजह है कि वहां के लोगों को जल संकट का सामना करना पड़ा. हालांकि उन्होंने आश्वासन देते हुए कहा कि बहुत जल्द इस समस्या से लोगों को निजात दिलाया जाएगा.
इनपुट- धर्मेन्द्र पाठक

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