trendingNow/india/bihar-jharkhand/bihar01126145
Home >>Bihar

वैज्ञानिक पद्धति ने बदली खेती की तस्वीर, मुनाफे की सौ प्रतिशत गारंटी ने घटाई किसान की टेंशन

 वैज्ञानिक पद्धति से फलों की खेती करने के लिए सरकार के तरफ से किसानों को ड्रिप इरिगेशन और मंच अनुदान पर मिलता है.  

Advertisement
(फाइल फोटो)
Stop
Renu Shirish Sharma|Updated: Mar 16, 2022, 10:58 AM IST

पटना: विज्ञान विकास का विचार है. इस पथ पर जिसने कदम आगे बढ़ाया है. उसे तमाम तरह की सफलताएं ही मिली हैं. कैमूर के किसान भी वैज्ञानिक पद्धति का इस्तेमाल कर विकास और खुशहाली की एक नई कहानी लिख रहे हैं.

  1. फलों की खेती से फायदा
  2. ड्रिप इरिगेशन, मंच अनुदान की सुविधा
  3. रोजगार के बढ़े अवसर
  4.  

वैज्ञानिक पद्धति ने बदली खेती की तस्वीर
कैमूर के भभुआ प्रखंड के महेसुआ के किसानों  का रुझान धीरे-धीरे पारंपरिक खेती से खत्म हो रहा है. यहां के किसान पारंपरिक खेती का तरीका छोड़कर वैज्ञानिक पद्धति की तरफ आकर्षित हो रहे हैं. इसका फायदा भी अन्नदाता को हो रहा है. किसान वैज्ञानिक पद्धति के अनुसार खेती कर लाखों रुपये कमा रहे हैं. 

एक साल में उगा सकते हैं कई फसलें
मुन्ना सिंह नाम के किसान ने बताया कि उन्होंने अपने 20 एकड़ के खेत में अक्टूबर के अंत में मटर के पौधे लगाए थे. उस पौधे से फल निकल जाने के बाद फिर उसी खेत में तरबूज, खरबूजा ,पपीता और केले के पौधे उन्होंने रोपित किए. तरबूज और खरबूजा मई महीने में खत्म हो जाएंगे और केले की खेती फिर आगे उसी खेत में बढ़ जाएगी. 

लागत निकलने की टेंशन खत्म
इस खेती में 80 से 90 हजार रुपये लगभग उन्हें लागत मिलती है. जिसका मुनाफा एक लाख से प्रति एकड़ अधिक होता है. पारंपरिक खेती धान और गेहूं की खेती अगर मुन्ना सिंह ने की होती तो आज के परिवेश में लागत निकालना भी मुश्किल हो जाता. 

मुनाफे के साथ रोजगार 
आश्चर्य वाली बात ये है कि इस खेती में मुन्ना सिंह खुद 20 से 25 मजदूरों को साल भर में रोजगार दे रहे हैं. लोगों को 24 घंटे यहां पर काम मिला हुआ है. उन्होंने दूसरे किसानों को भी पारंपरिक खेती छोड़ कर वैज्ञानिक पद्धति अपनाने की सलाह दी है. मुनाफा ज्यादा होने पर उन्होंने खेती को बढ़ावा देने की भी बात कही.

सरकार करती है सहयोगी
उद्यान पदाधिकारी तबस्सुम परवीन ने बताया कि वैज्ञानिक पद्धति से फलों की खेती करने के लिए सरकार के तरफ से किसानों को ड्रिप इरिगेशन और मंच अनुदान पर मिलता है. अगर किसान वैज्ञानिक पद्धति से 4 एकड़ की खेती करता है तो उसमें वह प्रत्येक एकड़ तीन से चार लाख का मुनाफा कमा सकता है. धान और गेहूं की खेती के अनुरूप तीन से चार गुना मुनाफा अन्नदाता को इस खेती में होता है. 

ये भी पढ़िये:-Bihar Board 12th Result: BSEB आज जारी करेगा 12वीं का रिजल्ट, यहां करें चेक

Read More
{}{}