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International Yoga Day: बिहार का योग से गहरा नाता, जानें कैसे दुनिया को मिला पहला योग विश्वविद्यालय

International Yoga Day: बिहार अपने आप में अकूट इतिहास समेटे हैं. इस धरती ने पुरी दुनिया को बहुत कुछ दिया है. संतों की इस पावन भूमि पर ना सिर्फ ज़िंदगी के अध्याय इंसान ने पढ़े, बल्कि मोक्ष की राह भी यही से होकर गुजरती है. 

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International Yoga Day: बिहार का योग से गहरा नाता, जानें कैसे दुनिया को मिला पहला योग विश्वविद्यालय
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Renu Shirish Sharma|Updated: Jun 21, 2022, 06:16 AM IST

पटनाः International Yoga Day: बिहार अपने आप में अकूट इतिहास समेटे हैं. इस धरती ने पुरी दुनिया को बहुत कुछ दिया है. संतों की इस पावन भूमि पर ना सिर्फ ज़िंदगी के अध्याय इंसान ने पढ़े, बल्कि मोक्ष की राह भी यही से होकर गुजरती है. कहा जाता है कि दुनिया भर के लोग भी प्राचीन समय में शिक्षा ग्रहण करने के लिए नालंदा विश्वविद्यालय का रूख करते थे. नालंदा विश्वविद्यालय दुनिया की सबसे पुरानी यूनिवर्सिटी है. बिहार का आकर्षण यही आकर नहीं ठहरता. बिहार ने मनुष्य प्रजाति को पहला योग विश्वविद्यालय भी दिया है.

बिहार ने दिया पहला योग विश्वविद्यालय
1963 में बिहार योग विद्यालय की स्थापना मुंगेर में की गई थी. मुंगेर के किला परिसर में पहाड़ी पर स्थित योग विद्यालय का गंगा दर्शन आश्रम विश्व पटल पर उभकर सामने आया और बिहार की प्रतिष्ठा बन गया. ये संस्थान चिकित्सा, विज्ञान और मनोविज्ञान के समन्वय को समेटकर या कहे की संजोकर आज भी योग के व्यावहारिक ज्ञान की अलख जगाए हैं. संसार में करीब सौ से ज्यादा देशों में संस्थान की शाखाएं हैं.

स्वामी सत्यानंद सरस्वती ने दिखाई राह
बिहार में स्वामी सत्यानंद सरस्वती ने योग परंपरा से अवगत कराया था. उन्होंने कहा था कि योग भविष्य की संस्कृति बनेगी. ये बात आज सच साबित होती प्रतीत हो रही है. योग का ही वरदान है कि बिहार योग विद्यालय के उल्लेखनीय संचालन के लिए स्वामी निरंजनानंद को पद्मभूषण से नवाजा गया. स्वामी निरंजनानंद स्वामी सत्यानंद के शिष्य हैं. जो 1995 में स्वामी सत्यानंद के उत्तराधिकारी बने.

विपश्यना योग के लिए सरकारी छुट्टी
बिहार में विपश्यना योग भी काफी चर्चा में रहा है. बिहार में विधानसभा भवन के 100 साल पूरा होने पर शताब्दी समारोह आयोजित किया गया था. जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सरकारी विपश्यना योग के लिए 15 दिन की सरकारी छुट्टी देने का ऐलान किया था. उन्होंने कहा था जो भी अधिकारी, कर्मचारी विपश्यना योग के लिए जाना चाहते हैं. उन्हें 15 दिन की सरकारी छुट्टी दी जाएगी.

प्राचीन शैलियों में से एक विपश्यना
विपश्यना ध्यान की सबसे प्राचीन शैलियों में से एक है. जिसके सहारे मन की अशुद्धियों को दूर कर आर्ट ऑफ लिविंग सिखाया जाता है. करीब ढाई साल पहले महात्मा बुद्ध ने इसे खोजा था. बताते हैं कि भगवान बुद्ध ने ध्यान की विपश्यना साधना से ही बुद्धत्व अर्जित किया था.

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