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Bihar Flood: बाढ़ से निपटने के लिए कितना तैयार प्रशासन, उफान पर बिहार की कई नदियां

Bihar Flood: बिहार में मॉनसून ने दस्तक दे दी है. मॉनसून की दस्तक के साथ ही लोगों को जहां एक तरफ गर्मी से राहत मिली. वहीं अब यहीं बारिश उनके लिए आफत का पैगाम भी लेकर आई है. 

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Bihar Flood: बाढ़ से निपटने के लिए कितना तैयार प्रशासन, उफान पर बिहार की कई नदियां
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Preeti Singh|Updated: Jun 19, 2022, 01:41 PM IST

पटनाः Bihar Flood: बिहार में मॉनसून ने दस्तक दे दी है. मॉनसून की दस्तक के साथ ही लोगों को जहां एक तरफ गर्मी से राहत मिली. वहीं अब यहीं बारिश उनके लिए आफत का पैगाम भी लेकर आई है. बिहार में बाढ़-बारिश का तांडव आप हर साल देखते है. लेकिन हर बार प्रशासन की ओर से कहा जाता है कि तैयारी पुख्ता है. मॉनसून में बारिश और बाढ़ को लेकर तमाम जिलों से लेकर पंचायत तक नगर निगम की तैयारी है. हालांकि हर साल तमाम दावों की पोल खुलती हुई नजर आती है. एक बार फिर जहां तमाम तैयारी का दावा किया जा रहा है. वहीं एक बार फिर नदियों के बढ़ते जलस्तर से बिहारवासियों पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है.

नदी का बढ़ा जलस्तर, उफान पर कई नदियां
बिहार की कई नदियां उफान पर है. जहां बाढ़ का खतरा अभी से मंडरा रहा है. मुजफ्फरपुर के औराई कटरा के कई नदियां उफान पर है. जिससे लोगों पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. मॉनसून के शुरुआत में ही बागमती नदी के जलस्तर में वृद्धि से कटरा और औराई इलाके में बाढ़ आने की संभावना जताई जाने लगी है. वहीं लखनदेई नदी के जलस्तर में भी वृद्धि जारी है. कटरा के बकुची में पीपा पुल का दोनों एप्रोच पथ पहली बारिश में ही ध्वस्त हो गया. अतरार घाट पर चचरी पुल बह गया. जबकि मधुबन प्रताप में चचरी पुल क्षतिग्रस्त होने के कगार पर है. वहीं एसडीओ ने कहा कि नदियों के जल स्तर पर नज़र रखी जा रही है. बाढ़ को लेकर एहतियातन सारी तैयारियां पूरी कर ली गई है.

जून में ही उफान पर नदियां
राज्य की आठ प्रमुख नदियों का जलस्तर कई जगहों पर लगातार बढ़ रहा है. इससे आने वाले समय में बाढ़ का खतरा बना हुआ है. जल संसाधन विभाग ने सभी जगह इंजीनियरों को अलर्ट कर दिया है. हालांकि विभाग के अनुसार किसी बड़े खतरे की आशंका नहीं है. लेकिन जून के दूसरे सप्ताह में नदियों के खतरनाक उफान को देखते हुए विशेष सावधानी बरती जा रही है. हाल ही में, कोसी और कमला बालन ने अप्रत्याशित रूप से कुछ समय के लिए खतरे के निशान को पार कर लिया. इसके बाद चौकसी बढ़ा दी गई है.

पिछले साल भी बाढ़ से हुई तबाही
बिहार में पिछले साल भी प्रमुख नदियों के जलस्तर में वृद्धि के बाद राज्य में बाढ़ से लगभग 16 जिले प्रभावित हुए थे. राज्य की 32 लाख से ज्यादा की आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई थी. आपदा प्रबंधन विभाग ने कई जिलों में राहत और बचाव का कार्य तेज भी किया था. सभी प्रमुख नदियों के जलस्तर पर जल संसाधन विभाग के इंजीनियरों के साथ लगातार निगरानी भी की गई थी. पटना के अलावा मुजफ्फरपुर, दरभंगा, खगड़िया, सहरसा, वैशाली, भोजपुर, लखीसराय, भागलपुर, सारण, बक्सर, बेगूसराय, कटिहार, मुंगेर, समस्तीपुर और पूर्णिया जिले बाढ़ से प्रभावित हुए. इन जिलों में बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ की 14 और एसडीआरएफ की 12 टीमों को लगाया गया. बावजूद इसके बाढ़ में कई लोगों ने अपनी जान गवां दी. हर साल बाढ़-बारिश से निपटने के लाख दावें किए जाते है. लेकिन हालात हर साल एक जैसे ही दिखाई दिए. 

प्रशासन की ओर से तैयारी पूरी
बिहार में एक बार फिर से मॉनसून आने के साथ नदियों के बढ़ते जलस्तर ने लोगों की मुश्किलों को बढ़ा दिया है. बिहार में मौसम विभाग के अनुसार बारिश अपना रिकॉर्ड तोड़ सकती है. जिसकी वजह से नदियाों का जलस्तर तेजी से बढ़ेगा. उम्मीद की जा रही है कि प्रशासन बाढ़ और बारिश से निपटने के लिए तैयार हो. हालांकि देखना लाजमी है कि बिहार में बाढ़ बारिश से निपटने की तैयारी के तमाम दावें जमीनी स्तर पर कितना सही साबित होते है.

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