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Bhojpuri News: इस वजह से सेंसर बोर्ड में अटकी रंग दे बसंती! समझिए खेसारी की फिल्म का पूरा विवाद

Bhojpuri Film Rang De Basanti: फिल्म निर्माताओं ने बताया कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड से उनके बार-बार पूछे गए सवालों का एकमात्र जवाब यही मिलता है कि फिल्म की फाइल सीबीएफसी अध्यक्ष की मंजूरी का इंतजार कर रही है. उन्होंने कहा कि सीबीएफसी स्क्रीनिंग के बाद निर्माताओं को बताया गया कि कुछ कटौती के बाद फिल्म को 'UA' प्रमाणपत्र दिया जाएगा, लेकिन कोई आधिकारिक पत्र नहीं दिया गया. 

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खेसारी लाल की रंग दे बसंती
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Zee Bihar-Jharkhand Web Team|Updated: Mar 11, 2024, 04:37 PM IST

Bhojpuri Film Rang De Basanti: भोजपुरी फिल्म रंग दे बसंती के निर्माता यह सोच कर परेशान हैं कि वह अपनी फिल्म को कैसे रिलीज कर पाएंगे, जिसकी घोषणा 22 मार्च को की गई है. उनकी फिल्म को सीबीएफसी ने देख लिया है, लेकिन बोर्ड की ओर से वह सर्टिफिकेट नहीं दिया जा रहा है, जिसके बिना कोई भी फिल्म स्क्रीन पर नहीं आ सकती. खेसारी लाल यादव की फिल्म और सेंसर बोर्ड के बीच में क्या विवाद है इस ऑर्टिकल में हम जानने की कोशिश करेंगे.

दरअसल, फिल्म निर्माता कंपनी एसआरके म्यूजिक ने 3 फरवरी, 2024 को सर्टिफेकेट के लिए सेंसर बोर्ड के सामने दिखाया. मिली जानकारी के अनुसार, फिल्म 19 फरवरी, 2024 को देखी गई और स्क्रीनिंग रिपोर्ट दो दिन बाद सबमिट की गई. कई बार कॉल करने और अनुरोध करने के बाद क्षेत्रीय अधिकारी ने 26 तारीख को फिल्म को मंजूरी दे दी, लेकिन उसके 13 दिन बाद भी निर्माताओं को प्रमाणपत्र नहीं मिल पाया है. इसकी वजह से अब खेसारीलाल यादव स्टारर बड़े बजट की फिल्म की रिलीज डेट को पूरा करने से घबरा रहे हैं. 

फिल्म निर्माताओं ने बताया कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड से उनके बार-बार पूछे गए सवालों का एकमात्र जवाब यही मिलता है कि फिल्म की फाइल सीबीएफसी अध्यक्ष की मंजूरी का इंतजार कर रही है. उन्होंने कहा कि सीबीएफसी स्क्रीनिंग के बाद निर्माताओं को बताया गया कि कुछ कटौती के बाद फिल्म को 'UA' प्रमाणपत्र दिया जाएगा, लेकिन कोई आधिकारिक पत्र नहीं दिया गया. 

दिलचस्प बात यह है कि निर्माताओं को सीबीएफसी कार्यालय से एक फोन आया, जिसमें फिल्म के नाम को बदलाव के लिए कहा गया. निर्माता के अनुसार, अब इस लेवल पर फिल्म का नाम बदलाव असंभव है. क्योंकि इसी नाम से फिल्म रिलीज करने के लिए प्रचार किया गया है. उन्होंने बताया कि सबसे दिलचस्प बात ये भी है कि सिर्फ 6 दिन पहले सीबीएफसी ने कभी खुशी कभी गम नामक एक और भोजपुरी फिल्म को 'UA' प्रमाणपत्र जारी किया है. 

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अभी तक इस मामले में मिली जानकारी के अनुसार, विवाद की जड़ फिल्म का टाइटल ही मालूम होता है. हालांकि, इसके बारे में कुछ भी आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है, लेकिन ऐसा लगता है कि सीबीएफसी अध्यक्ष प्रसून जोशी चाहते हैं कि निर्माता टाइटल बदल दें. क्योंकि प्रसून जोशी साल 2006 में इसी नाम की हिंदी ब्लॉकबस्टर फिल्म से जुड़े थे. 

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