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Bihar News: जितने दिल नहीं टूटते, उतने बिहार में पुल टूट जाते हैं, आखिर कब तक सोती रहेगी नीतीश सरकार?

Bihar Bridge Collapse: लोगों को प्यार में जितने दिल नहीं टूटते होंगे, उससे ज्यादा बिहार में पुल टूट जाते हैं. पिछले कई सालों में वहां एक के बाद एक पुल टूटे हैं, जिससे सरकार को करोड़ों रुपये की चपत लगी है. इसके बावजूद नीतीश सरकार की चुप्पी आज तक टूट नहीं पा रही है.    

Bihar News: जितने दिल नहीं टूटते, उतने बिहार में पुल टूट जाते हैं, आखिर कब तक सोती रहेगी नीतीश सरकार?
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Devinder Kumar|Updated: Jun 22, 2024, 07:17 PM IST

Bihar Bridge Collapse Incidents: बिहार में भ्रष्टाचार का एक और ब्रिज गिर गया. ब्रिज गिरने की ये घटना सीवान से सामने आई. जहां गंडक नदी पर बना पुल देखते ही देखने भरभरा कर पानी में समा गया. इस घटना की हैरान कर देने वाली तस्वीरें भी सामने आईं जिसमें दिखा कि पुल का बीच का हिस्सा टूट हुआ था और जिस पिलर से पुल को सहारा मिल रहा था वो भी पानी के बहाव में कमज़ोर हो गया था. इसी बीच पानी के बहाव में वो पिलर एक तरफ गिरा, जिससे पुल का पूरा हिस्सा देखते ही देखते पानी में समा गया. 

आसपास के गांवों में घुस गया पानी

बताया जा रहा है कि गंडक की बड़ी नहर अचानक टूट गई थी, जिससे निकला पानी बांध को तोड़ते हुआ आसपास के गांवों में घुस गया. इससे इलाके के लोगों को काफी नुकसान उठाना पड़ा. अचानक आए पानी की वजह से खेतों में धान की फसल बर्बाद हो गई है. मौके पर गंडक विभाग के अधिकारी और कर्मी पहुंचे हुए है और नहर के बांध को मरम्मत करने की कवायद की जा रही है. 

लोगों में मच गई अफरा-तफरी

बताया जा रहा है कि गंडक नहर की ढलाई की गई थी. इसके बावजूद भी बांध से रिसाव होने लगा और देर रात को गंडक की बड़ी नहर अचानक टूट गई. उसके बाद नहर का बांध तोड़ते हुए पानी का धार गांव में घुस गया. जब लोगों के घरों में पानी ने प्रवेश किया तो लोगों की नींद टूटी. इसके बाद वहां अफरातफरी का माहौल बन गया. इसके बाद वे लोग अपने-अपने सामान को पानी से बचाने में जुट गए.

मंगलवार को अररिया में भी टूटा था पुल

इससे पहले बिहार में मंगलवार को अररिया में नदी पर बना पुल भी गिर गया था. अररिया की बकरा नदी पर 12 करोड़ की लागत से बने पुल का अभी उद्धाटन भी नहीं हुआ था कि वह मंगलवार को ध्वस्त होकर बीच में से टूट गया. इस पुल की लंबाई 180 मीटर थी. इस नवनिर्मित पुल के बिना उद्घाटन के ही ढह जाने से नीतीश सरकार की खासी फजीहत हो रही है. हालांकि यह कोई पहला प्रकरण नहीं है, जब बिहार में ऐसी घटनाएं हुई हैं. वहां पर पुलों के गिरने की घटनाएं लंबे वक्त से जारी हैं. इसके पीछे नेताओं, अफसरों और ठेकेदारों का भ्रष्टाचार बड़ा कारण बना हुआ है. सवाल ये है कि नीतीश सरकार इन करतूतों पर कब तक अपनी आंख मूंदे रहेगी और कब तक भ्रष्टाचार का यह खेल चलता रहेगा.

जानें बिहार में कब- कब गिरे पुल

सुल्तानगंज में गिरा पुल

बिहार के सुलतानगंज में 4 जून 2023 को अगुवानी गंगा घाट पर पुल अचानक टूटक नदी में जा गिरा. घटिया निर्माण सामग्री की वजह से पुल के तीन पिलर टूटकर नदी में गिर गए थे. इस पर नेताओं ने एक- दूसरे पर खूब निशाने साधे लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई. 

सारण में गिरा पुल

बिहार के सारण में 19 मार्च 2023 को एक पुल नदी में बह गया. यह पुल अंग्रेजों के जमाने का था, जिसकी निरंतर मरम्मत की जरूरत थी. लेकिन विभाग के अफसरों ने घोर लापरवाही करते हुए इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया, जिसके बाद वह पुल जर्जर होकर नदी में गिर गया.

नालंदा में गिरा पुल

बिहार के नालंदा जिले में 18 नवंबर 2022 को भी एक निर्माणाधीन पुल टूटकर गिर गया था. उस घटना में एक व्यक्ति को अपनी जान गंवानी पड़ी थी. बताते हैं कि निर्माण में घटिया सामग्री इस्तेमाल करने की वजह से पुल वजन नहीं झेल पाया और पूरा होने से पहले ही टूट गया. 

सहरसा में गिरा पुल

सहरसा जिले में भी 9 जून 2022 को एक पुल गिर गया था. इस घटना में कई मजदूर घायल हो गए थे. यह पुल बख्तियारपुर के कंडुमेर गांव में बना था. घटना के दौरान एक मजदूर नीचे दब गया था, हालांकि बाद में उसे बचा लिया गया था. 

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