Coromandel Train Accident: ओडिशा (Odissa) का बालासोर (Balasore) शुक्रवार की शाम एक भयानक ट्रेन हादसे (Train Accident) का गवाह बना. कोरोमंडल एक्सप्रेस बालासोर में बहनागा रेलवे स्टेशन के पास हादसे का शिकार हुई. 2 पैसेंजर ट्रेन और 1 मालगाड़ी आपस में भिड़ गईं, जिसके कारण बोगियां पटरी से उतर गईं और पलट गईं. टक्कर की गूंज करीब 200 मीटर तक सुनाई दी. बालासोर हादसे में अब तक 288 लोगों के मारे जाने की खबर सामने आ चुकी है. वहीं, 900 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं. उनका इलाज अस्पताल में जारी है. लेकिन आपको बता दें कि सबसे बड़ा रेल हादसा आज से 42 साल साल पहले 6 जून को बिहार में हुआ था. इस ट्रेन एक्सीडेंट में करीब 800 लोगों की जान चली गई थी. बिहार के इस रेल हादसे को दुनिया दूसरा सबसे बड़ा ट्रेन एक्सीडेंट माना जाता है. ये घटना कैसे हुई थी आइए इसके बारे में जानते हैं.
देश का सबसे बड़ा रेल हादसा!
बता दें कि आज से करीब 42 साल पहले मानसी-सहरसा रेल सेक्शन पर यात्रियों से भरी एक ट्रेन बदला घाट-धमारा घाट रेलवे स्टेशन के बीच पुल नंबर-51 पर पहुंचकर पलट गई थी और ट्रेन की 9 बोगियां उफनती बागमती नदी में समा गई थीं. हादसे का शिकार हुई ये ट्रेन मानसी से चलकर सहरसा जा रही थी. हालांकि, इस ट्रेन एक्सीडेंट में मारे गए लोगों का सरकारी आंकड़ा 300 ही है लेकिन स्थानीय लोगों का दावा है कि इसमें लगभग 800 लोगों की जान चली गई थी.
जब उफनती नदी में समा गईं 9 बोगियां
जान लें कि ये ट्रेन 6 जून की शाम करीब 3 बजे बदला घाट पहुंची थी. थोड़ी देर ठहरने के बाद ये धीरे-धीरे धमारा घाट की तरफ बढ़ी थी. कुछ ही दूर चलने के बाद मौसम अचानक खराब हो गया. तेज आंधी आई और बारिश होने लगी. ट्रेन तब तक रेलवे के पुल नंबर 51 के नजदीक पहुंच गई थी. ट्रेन स्पीड में थी. तभी ट्रेन के ड्राइवर ने एकदम से ब्रेक लगा दिया और ट्रेन के डिब्बे पटरी से उतरकर पलट गए. ट्रेन की 9 बोगियां पुल से गिरकर बागमती नदी में समा गईं.
क्या थी ड्राइवर की गलती?
कहा जाता है कि इस हादसे में लोगों को बचने का कोई मौका नहीं मिला था. तमाम शव तो कई दिनों तक ट्रेन के डिब्बों में फंसे रहे थे. इसे भारत का सबसे बड़ा ट्रेन एक्सीडेंट कहा जाता है. हालांकि, ट्रेन के ड्राइवर ने अचानक ब्रेक क्यों लगाया, इसकी कोई पुख्ता वजह सामने नहीं आई थी. इस पर भी कई थ्योरी है. एक थ्योरी है कि रेलवे ट्रैक पर अचानक जानवर आ गए थे, उन्हीं को बचाने के लिए ड्राइवर ने ब्रेक लगाया था. वहीं, दूसरी थ्योरी है कि तेज बारिश और आंधी के कारण ट्रेन के डिब्बों की सभी खिड़कियां लोगों ने बंद कर ली थीं. तूफान तेज होने के कारण पूरा प्रेशर ट्रेन पर पड़ा और डिब्बे नदी में समा गए.
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