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पंचायत चुनाव को हिंसा के हवाले करने वालों की खैर नहीं, सीएम ममता ने पुलिस को दे दी ये खुली छूट

Bengal panchayat poll violence: पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव और फिर नतीजों के दौरान हुई हिंसा को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक्शन मोड में आ गई हैं. ग्रामीण चुनाव के बाद उन्होंने बुधवार को बयान जारी कर लोगों से राज्य में शांति, सद्भाव की अपील की.

पंचायत चुनाव को हिंसा के हवाले करने वालों की खैर नहीं, सीएम ममता ने पुलिस को दे दी ये खुली छूट
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Gunateet Ojha|Updated: Jul 12, 2023, 09:21 PM IST

Bengal panchayat poll violence: पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव और फिर नतीजों के दौरान हुई हिंसा को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक्शन मोड में आ गई हैं. ग्रामीण चुनाव के बाद उन्होंने बुधवार को बयान जारी कर लोगों से राज्य में शांति, सद्भाव की अपील की. सीएम ने कहा कि चुनाव की घोषणा के बाद से चुनाव संबंधी हिंसा में 19 लोगों की मौत हुई, जिनमें ज्यादातर टीएमसी के थे. ग्रामीण चुनाव 71 हजार मतदान केंद्रों पर हुए, लेकिन हिंसा की घटनाएं 60 से भी कम बूथ पर हुईं.

उन्होंने सख्त तेवर में कहा कि ग्रामीण चुनाव में हिंसा में जिन लोगों का हाथ है, मैं उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पुलिस को खुली छूट दे रही हूं. ग्रामीण चुनाव में हिंसा की छिटपुट घटनाओं में जनहानि होने पर दुखी हूं. पुलिस को जांच के लिए खुली छूट दी जाए. जिन 19 लोगों की मौत हुई है, उन्हें 2 लाख रुपये का मुआवजा और एक विशेष होम गार्ड की नौकरी दी जाएगी. इनमें टीएमसी के 10 लोग शामिल हैं. हम उस पार्टी के आधार पर अंतर नहीं करेंगे, जो लोग मारे गए हैं, उन्हें मुआवजा और नौकरी दी जाएगी.

बंगाल की सीएम ने दावा किया कि 71,000 बूथों में से केवल 60 बूथों से हिंसा की घटनाएं सामने आईं, जहां ग्रामीण चुनाव हुए थे. पंचायत चुनावों में अपनी पार्टी की प्रचंड जीत दर्ज करने के बाद ममता बनर्जी ने भी लोगों को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा, "मैं उन सभी को धन्यवाद देना चाहती हूं जिन्होंने हमारा विरोध किया. हमारी आलोचना करके उन्होंने हमारी मदद की है."

ममता ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी को चुनाव से पहले काफी 'झूठे प्रचार' से जूझना पड़ा. उन्होंने कहा, "जब मैं विपक्ष में थी तो मुझे शारीरिक हमलों का सामना करना पड़ा और अब जब भाजपा सत्ता में है, तो उन्होंने झूठे प्रचार की सभी हदें पार कर दी हैं. आप सभी के मन में मेरे प्रति इतनी नफरत क्यों है? क्या ऐसा इसलिए है क्योंकि मैं एक पिछड़े परिवार से आती हूं? क्या ऐसा इसलिए है क्योंकि मैं एकता के लिए बोलती हूं?"

उन्होंने कहा, "जब मणिपुर जल रहा था तब तथ्यान्वेषी टीम कहां थी? जब असम एनआरसी के कारण जल रहा था तब यह टीम कहां थी? कितने आयोगों ने इन स्थानों का दौरा किया? 2 साल के भीतर, करीब 154 टीमों ने पश्चिम बंगाल का दौरा किया है. ये भाजपा उकसाने वाली समितियां हैं , तथ्य-खोज समितियां नहीं. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि (पंचायत चुनावों के दौरान) इतने सारे लोग मारे गए. वे परिस्थितियों के शिकार हैं."

बंगाल की मुख्यमंत्री ने कांग्रेस और सीपीएम पर भी निशाना साधा और उन पर हिंसा के लिए समान रूप से जिम्मेदार होने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, "मैं किसी भी हिंसा का समर्थन नहीं करती. मैं नफरत और हिंसा की राजनीति में शामिल नहीं हूं. मुझे यह कहते हुए दुख हो रहा है कि राम, श्याम और बाम ने मिलकर हिंसा का इस्तेमाल कर चुनाव को खराब करने की साजिश रची."

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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