Ankit Saxena Murder Case Verdict: दिल्ली की एक अदालत ने अंतर धार्मिक प्रेम संबंधों के कारण फरवरी 2018 में फोटोग्राफर अंकित सक्सेना की दिनदहाड़े की गई हत्या के मामले में गुरुवार (7 मार्च) को अपना फैसला सुनाया. कोर्ट ने तीन लोगों को दोषी ठहराते हुए कठोर आजीवन कारावास की सजा सुनाई. अदालत ने यह भी कहा कि इस मामले में मौत की सजा उचित नहीं है.
एडिशनल सेशन जज सुनील कुमार शर्मा ने सक्सेना की प्रेमिका के माता-पिता अकबर अली और शहनाज बेगम और मामा मोहम्मद सलीम के खिलाफ मामले की सुनवाई करते हुए यह सजा सुनाई.
‘दोषियों के पुनर्वास की संभावना है तो मृत्युदंड उचित नहीं’
जज ने कहा, ‘विभिन्न परिस्थितियों पर गौर करने के बाद अगर अदालत इस निष्कर्ष पर पहुंचती है कि दोषियों के पुनर्वास की संभावना है तो मृत्युदंड उचित नहीं है.’ विशेष लोक अभियोजक विशाल गोसाईं और रेबेका मैमन जॉन ने अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी की.
अदालत ने गौर किया कि जब अपराध को अंजाम दिया गया, तब सलीम 43 वर्ष और अली तथा बेगम 40 वर्ष के थे. इसमें कहा गया है कि वे लगभग छह साल से न्यायिक हिरासत में हैं.
‘पहले किसी भी अपराध में उनकी भागीदारी भी नहीं थी’
अदालत ने कहा, ‘ उनकी छवि साफ-सथुरी थी और पहले किसी भी अपराध में उनकी भागीदारी भी नहीं थी. इसके अलावा, पहले किसी भी आपराधिक प्रवृत्ति, नशीली दवाओं के दुरुपयोग या किसी अन्य लत की बात भी रिकॉर्ड पर नहीं लाई गई है. इस मामले में गिरफ्तार होने से पहले दोषी अपने परिवारों के साथ रह रहे थे और समाज में उनका काफी मान सम्मान था.’
कोर्ट ने कहा कि अपराध की भयावहता, आचरण और उद्देश्य के साथ-साथ अदालत ने दोषियों की पृष्ठभूमि, उम्र, हिरासत की अवधि और सामाजिक पृष्ठभूमि सहित अन्य महत्वपूर्ण कारकों पर भी गौर किया गया.
जज ने कहा, ‘इसलिए, विभिन्न परिस्थितियों को गौर करते हुए इस अदालत की राय है कि मृत्युदंड देने के लिए यह मामला उपयुक्त नहीं है.’
दोषियों पर 50-50 हजार का जुर्माना भी लगाया
अदालत ने तीनों को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 (हत्या) और 34 (साझा इरादा) के तहत अपराध करने के लिए कठोर आजीवन कारावास की सजा सुनाई. अदालत ने प्रत्येक दोषी पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना लगाते हुए निर्देश दिया कि जुर्माने की रकम सक्सेना की मां को दी जाए.
अदालत ने कहा कि बेगम को जानबूझकर चोट पहुंचाने के मामले में अतिरिक्त रूप से तीन माह के कठोर कारावास और एक हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है. अदालत ने कहा कि मृत्युदंड की सजा केवल ‘रेयरेस्ट’ मामलों में ही दी जा सकती है.
पिछले साल ठहराया था तीनों को दोषी
पिछले साल 23 दिसंबर को अदालत ने सक्सेना की प्रेमिका के माता-पिता अकबर अली और शहनाज बेगम और मामा मोहम्मद सलीम को इस मामले में दोषी ठहराया था. इस सनसनीखेज मामले में दिल्ली के ख्याला इलाके में प्रेमिका के परिवार के सदस्यों ने दिनदहाड़े सक्सेना की चाकू घोंपकर हत्या कर दी थी. सक्सेना और प्रेमिका तीन साल से रिश्ते में थे.
प्रेमिका का परिवार सक्सेना के साथ उसके रिश्ते के विरोध में था क्योंकि दोनों अलग-अलग समुदाय से थे.
(एजेंसी इनपुट के साथ)