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Akhilesh Yadav: इस समुदाय के लोगों का वोट पाना चाहते हैं अखिलेश, एक तीर से दो निशाना लगाने में जुटे

Lok Sabha Election 2024 को लेकर सभी दलों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. सभी राजनीतिक दलों ने अपनी-अपनी बिसात बिछाना शुरू कर दिया है. जहां भाजपा ने 80 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है. वहीं समाजवादी पार्टी भी पूरी ताकत के साथ सत्ताधारी दल को टक्कर देने की तैयारी कर रही है.

Akhilesh Yadav: इस समुदाय के लोगों का वोट पाना चाहते हैं अखिलेश, एक तीर से दो निशाना लगाने में जुटे
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Devang Dubey Gautam|Updated: Jun 15, 2023, 08:02 AM IST

Samajwadi Party Akhilesh Yadav: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सभी दलों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. सभी राजनीतिक दलों ने अपनी-अपनी बिसात बिछाना शुरू कर दिया है. जहां भाजपा ने 80 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है. वहीं समाजवादी पार्टी भी पूरी ताकत के साथ सत्ताधारी दल को टक्कर देने की तैयारी कर रही है. अब उसका फोकस आदिवासी वोट बैंक पर है.

अखिलेश 24 जून को चित्रकूट दौरे पर रहेंगे, जहां वह एक तीर से दो निशाने साधने के साथ आदिवासी समाज को एमपी चुनाव और लोकसभा चुनाव दोनो में ही अपनी तरफ करने के प्रयास में हैं.अखिलेश यादव बड़ा देव मंदिर, बरौधा, चित्रकूट में आदिवासी समाज की ओर से गोंड रानी वीरांगना दुर्गावती के बलिदान दिवस पर होने वाले समारोह में शामिल होंगे. सपा अध्यक्ष वीरांगना की मूर्ति अनावरण के जरिए एमपी चुनाव का भी शंखनाद करना चाहते हैं. वह आदिवासी समाज के बुंदेलखंड में फैले वोटबैंक को भी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर इस्तेमाल करना चाहते हैं.

कम मार्जिन से हारी सीटों पर ध्यान

सपा के एक वरिष्ठ नेता की माने तो अखिलेश यादव इस बार लोकसभा चुनाव पर विशेष ध्यान दे रहे हैं. उनका खास ध्यान अपने गढ़ रही और कम अंतर से हारी सीटों पर ज्यादा है. वे अपनी मजबूत आधार वाली सीटों को फिर जीतने की रणनीति बना रहे हैं. इनमें वे सीटें भी हैं जो मुलायम परिवार के सदस्यों ने पिछली बार कम अंतर से हार गए थे.

अखिलेश यादव ने अपनी लोक जागरण यात्रा के दौरान कार्यकर्ताओं से कहा कि समाजवादियों के गढ़ वाली सीटें फिर जीतनी हैं. अखिलेश यादव ने दावा किया है कि आगामी लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी यूपी में 80 की 80 सीटों पर जीत दर्ज करेगी.

गौरतलब हो कि साल 2019 में भाजपा ने 78 सीटों पर चुनाव लड़ा था जिसमें से 62 सीटों पर पार्टी कमल खिलाने में कामयाब हो गई थी. वहीं भाजपा की सहयोगी अपना दल एस को दो सीटों पर जीत हासिल हुई. सपा बसपा गठबंधन कोई खास जादू नहीं चला. बसपा के खाते में जहां 10 सीटें आई तो वहीं सपा को सिर्फ पांच सीटों पर जीत हासिल हुई थी. कांग्रेस को तो प्रदेश में तगड़ा झटका लगा. कांग्रेस महज एक रायबरेली सीट पर ही जीत दर्ज कर सकी.

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