trendingNow12248275
Hindi News >>देश
Advertisement

30 साल पहले मर चुकी बेटी के लिए परिवार तलाश रहा दूल्हा! कर्नाटक की इस अनूठी प्रथा को जानिए

Karnataka News: दक्षिण कन्नड़ जिले में एक कपल की शादी करवाई गई. ये शादी नॉर्मल शादियों की ही तरह, सारे रीति-रिवाजों का पालन करते हुई बस फर्क इतना था कि दोनों कपल को मरे 30 साल बीत चुके हैं.  

Karnataka
Stop
KIRTIKA TYAGI|Updated: May 14, 2024, 07:13 PM IST

Karnataka : कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले में स्थित पुत्तुर में हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां पर एक परिवार ने लोकल न्यूज पेपर में विज्ञापन दिया है, जिसमें उन्होंने अपनी 30 साल पहले मर चुकी बेटी की शादी के लिए अच्छे वर की तलाश के लिए विज्ञापन छपवाया था. दक्षिण कन्नड़ की एक जाति में प्रथा है कि मृत कुंवारे बच्चों की आत्माओं की शादी की परंपरा है, जिसे प्रेथा कल्याणम के नाम से जाना जाता है.

माना जाता है कि इस प्रथा में आत्माओं की शादी कराई जाती है. तमिलनाडु-दक्षिण कन्नड़ और उडुपी के तटीय जिलों में यह प्रथा प्रेथा कल्याणम नाम से प्रचलित है. दरअसल, लोकल न्यूज पेपर में विज्ञापन छपा था कि कुलाल जाति और बंगेरा गोत्र की लड़की के लिए एक लड़के की तलाश है, जिसकी करीब 30 साल पहले मौत हो चुकी थी. अगर, इस जाति और अलग बारी का कोई लड़का है, जिसकी 30 साल पहले मौत हो गई है और परिवार प्रेथा मदुवे करने को तैयार है तो वो इस नंबर पर संपर्क कर सकते हैं.

 

परिवार से 50 लोगों ने किया संपर्क

हालांकि, इस मामले को किसी ने सोशल मीडिया में वायरल कर दिया है. इस बीच विज्ञापन देने वाले परिवार के सदस्य का कहना है कि करीब 50 लोगों ने संपर्क किया. साथ ही उन्होंने बताया कि फिलहाल, मरने के 30 साल बाद शोभा और चंदप्पा की शादी कराई गई. दक्षिण कन्नड़ जिले में ये शादी सामान्य शादियों की ही तरह, सारे रीति-रिवाजों से पूरी की जाती है. वहीं, इस शादी में महज इतना अंतर था कि शोभा और चंदप्पा को मरे 30 साल हो चुके हैं. 

 

क्यों होती है आत्माओं की शादी?

इस प्रथा के बारे में जानकारों ने बताया कि आत्माओं में मोक्ष के लिए मृत अविवाहित लोगों की शादी की रश्म प्रेथा कल्याणम कराई जाती है. इसे तुलुनाडु-दक्षिण कन्नड़ और उडुपी के तटीय जिलों में प्रथा के तौर पर माना जाता है. उनका मानना है कि इन अनुष्ठानों को पूरा करने से भावी दुल्हन या दूल्हे के रास्ते में आने वाली परेशानियां खत्म हो जाती हैं. क्योंकि, अनुष्ठान 'पितृ आराधना' या पूर्वजों की पूजा का हिस्सा है. दरअसल, आत्माओं की शादी ऐसी होती है जैसे आम विवाह कराए जाते हैं. इसमें शादी के वो सारे रश्म-ओ-रिवाज निभाए जाते हैं, जो आज के दौर में होती हैं.

 

Read More
{}{}