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'400 पार' के नारे ने पहुंचाया नुकसान.. विपक्ष को मिल गया मौका! शिंदे के बयान से चढ़ा सियासी पारा

Eknath Shinde: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को कहा कि हालिया लोकसभा चुनाव में '400 पार' के नारे के बाद लोगों के मन में संविधान बदलने और आरक्षण खत्म करने जैसी आशंका उत्पन्न हो गई.

'400 पार' के नारे ने पहुंचाया नुकसान.. विपक्ष को मिल गया मौका! शिंदे के बयान से चढ़ा सियासी पारा
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Gunateet Ojha|Updated: Jun 11, 2024, 11:24 PM IST

Eknath Shinde: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को कहा कि हालिया लोकसभा चुनाव में '400 पार' के नारे के बाद लोगों के मन में संविधान बदलने और आरक्षण खत्म करने जैसी आशंका उत्पन्न हो गई. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राजग के घटक दलों के साथ मिलकर 400 से अधिक सीट जीतने का लक्ष्य रखा था. 

..इसका खामियाजा भुगतना पड़ा

शिंदे ने मुंबई में कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) की एक बैठक में कहा, ‘‘(विपक्ष द्वारा) झूठी कहानी गढ़े जाने के कारण हमें कुछ स्थानों पर नुकसान हुआ. हमें महाराष्ट्र में भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ा.'' उन्होंने कहा, ‘‘400 पार (नारे) के कारण लोगों को लगा कि भविष्य में संविधान बदलने और आरक्षण हटाने जैसे मुद्दों पर कुछ गड़बड़ हो सकती है.’’ शिंदे की पार्टी शिवसेना को लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र की 49 सीट में से सात सीट पर जीत दर्ज की.

प्याज ने हमें चुनावों में रुलाया..

इससे पहले शिंदे ने स्वीकार किया कि कृषि संकट के कारण सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन को लोकसभा चुनावों में भारी नुकसान उठाना पड़ा. उन्होंने कहा कि वह नए केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलेंगे और प्याज, सोयाबीन और कपास के लिए समर्थन मूल्य तय करने का मुद्दा उठाएंगे. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से कृषि संबंधी मुद्दों पर बात की है. उन्होंने कहा, ‘‘हमें नासिक (उत्तर महाराष्ट्र के प्रमुख प्याज उत्पादन केंद्र) के आसपास प्याज के कारण समस्याओं का सामना करना पड़ा. प्याज ने हमें नासिक में, सोयाबीन और कपास ने मराठवाड़ा तथा विदर्भ में (चुनावों के दौरान) रुलाया.’’

नासिक में विरोध प्रदर्शन

शिंदे ने कहा, ‘‘हम केंद्रीय कृषि मंत्री से प्याज, सोयाबीन और कपास के लिए समर्थन मूल्य तय करने के बारे में बात करेंगे.’’ खुदरा कीमतों को नियंत्रित करने के लिए पिछले साल दिसंबर में केंद्र ने प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया था, जिसके चलते खासकर नासिक में विरोध प्रदर्शन हुए. सरकार ने मई की शुरुआत में प्रतिबंध हटा लिया गया.

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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