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Stroke Symptoms: कम उम्र में ये दो समस्याएं बढ़ा रही स्ट्रोक का खतरा, इन 6 चेतावनी संकेतों को न करें इग्नोर

हार्ट अटैक और दिल से जुड़े दूसरे रोगों के बाद स्ट्रोक दुनिया भर में मौत का दूसरा सबसे बड़ा कारण है. एक अनुमान के अनुसार, आज दुनियाभर में करीब पौने तीन करोड़ लोग स्ट्रोक से जूझने के बाद अपनी जिंदगी जी रहे हैं.

Stroke Symptoms: कम उम्र में ये दो समस्याएं बढ़ा रही स्ट्रोक का खतरा, इन 6 चेतावनी संकेतों को न करें इग्नोर
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Shivendra Singh|Updated: Oct 19, 2023, 04:30 PM IST

Symptoms of stroke: हार्ट अटैक और दिल से जुड़े दूसरे रोगों के बाद स्ट्रोक दुनिया भर में मौत का दूसरा सबसे बड़ा कारण है. एक अनुमान के अनुसार, आज दुनियाभर में करीब पौने तीन करोड़ लोग स्ट्रोक से जूझने के बाद अपनी जिंदगी जी रहे हैं और 70 लाख लोग हर साल इस कारण अपनी जान गंवा बैठते हैं. पहले जहां स्ट्रोक (ब्रेन अटैक) के मामले आमतौर पर 60 साल के बाद सामने आते थे, अब युवा वर्ग (30 से 35 साल की उम्र वाले ) भी इससे अछूते नहीं हैं.

इस समस्या का बुनियादी कारण अनहेल्दी लाइफस्टाइल और गलत खानपान है. युवाओं की अति महत्वाकांक्षा और फिर उनकी इन उम्मीदों का पूरा न होना भी मानसिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है. उनमें हाई ब्लड प्रेशर और डिप्रेशन का लंबे समय तक बने रहना आगे चलकर स्ट्रोक के खतरे को बढ़ा देता है. हाई कोलेस्ट्रॉल, व्यायाम न करना, धूम्रपान व शराब का अधिक सेवन करना, नमक व रिफाइंड चीजें अधिक खाना इस खतरे को और बढ़ा देता है. इसके अलावा हाई बीपी, डायबिटीज, मोटापा व लंबे समय से किडनी रोगों से जूझ रहे लोगों को खासतौर पर अपनी जीवनशैली सुधारने की जरूरत है.

गोल्डन आवर्स
स्ट्रोक के इलाज में शुरुआती समय बेहद महत्वपूर्ण होता है. स्ट्रोक से पीड़ित व्यक्ति को अगर साढ़े 4 घंटे समुचित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो जाती है तो इस अवधि को मेडिकल टर्म में गोल्डन आवर्स कहा जाता है. गोल्डन आवर्स में उपलब्ध होने वाली चिकित्सा से मरीज की जान बच पाती है, साथ ही स्ट्रोक के नुकसानों और जटिलताओं को काफी हद तक कम और कंट्रोल किया जा सकता है.

स्ट्रोक के लक्षण
- बिना कारण तेज सिर दर्द.
- उलझन और बेहोशी आना शरीर का संतुलन बिगड़ना, खड़े होने और बैठने में दिक्कत.
- अचानक सुन्नता, कमजोरी या चेहरे के एक तरफ लकवे के लक्षण दिखना
- बांहों में कमजोरी आना. उन्हें ऊपर उठाने में दिक्कत होना.
- वाक्य ढंग से नहीं बोल पाना.
- आंखों में धुंधलापन.

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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