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रात की चमकती स्ट्रीट लाइट्स से हमारे दिमाग को बड़ा खतरा, हो सकता है ब्रेन स्ट्रोक; इन लक्षणों पर दें ध्यान

आपको यह जानकर हैरानी होगी कि जो रोशनी हमें रात में रास्ता दिखाती है, वही हमारी सेहत के लिए एक बड़ा खतरा बन सकती है.

रात की चमकती स्ट्रीट लाइट्स से हमारे दिमाग को बड़ा खतरा, हो सकता है ब्रेन स्ट्रोक; इन लक्षणों पर दें ध्यान
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Shivendra Singh|Updated: Aug 13, 2024, 06:04 AM IST

आपको यह जानकर हैरानी होगी कि जो रोशनी हमें रात में रास्ता दिखाती है, वही हमारी सेहत के लिए एक बड़ा खतरा बन सकती है. वैज्ञानिकों ने पाया है कि स्ट्रीट लाइट्स की चमकदार रोशनी हमारे शरीर की बायोलॉजिकल घड़ी को बिगाड़ सकती है और इससे कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं.

एक नए अध्ययन से पता चला है कि रात में लगातार तेज चमकदार स्ट्रीट लाइट्स के संपर्क में रहने से लोगों को स्ट्रोक होने का खतरा बढ़ सकता है. चीन में 28 हजार से अधिक लोगों पर किए गए इस अध्ययन में पाया गया कि जो लोग रात में अधिक चमकदार रोशनी में रहते थे, उनमें स्ट्रोक का खतरा 43% तक अधिक था.

शोधकर्ताओं ने उपग्रह तस्वीरों का उपयोग करके लोगों के घरों के आसपास की रोशनी की मात्रा मापी. फिर उन्होंने इन लोगों के हेल्थ रिकॉर्ड की जांच की और पाया कि जिन लोगों के घरों के आसपास अधिक रोशनी थी, उनमें स्ट्रोक होने की संभावना अधिक थी.

क्यों होता है ऐसा?
शोधकर्ताओं का मानना है कि तेज रोशनी शरीर में मेलाटोनिन नामक हार्मोन के उत्पादन को कम कर देती है. मेलाटोनिन नींद को नियंत्रित करने में मदद करता है. जब मेलाटोनिन कम होता है, तो नींद की समस्याएं हो सकती हैं और शरीर पर कई अन्य नेगेटिव प्रभाव पड़ सकते हैं.

क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
अध्ययन के लेखकों का कहना है कि हमें शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए स्ट्रीट लाइट्स के संभावित नुकसान के बारे में सोचना चाहिए और कम रोशनी वाले विकल्पों पर विचार करना चाहिए.

क्या करें?
घर के अंदर कम रोशनी का उपयोग करें, खासकर सोने से पहले.
सोते समय कमरे को पूरी तरह से अंधेरा रखें.
सोने से पहले मोबाइल फोन या कंप्यूटर का उपयोग कम करें क्योंकि इनसे निकलने वाली नीली रोशनी नींद को बाधित कर सकती है.
पेड़-पौधे घर के आसपास रोशनी को कम करने में मदद कर सकते हैं.

ब्रेन स्ट्रोक के प्रमुख लक्षण
ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण अचानक और बिना किसी चेतावनी के प्रकट हो सकते हैं. इन लक्षणों को याद रखना बेहद जरूरी है ताकि आप या आपके आसपास का कोई व्यक्ति अगर स्ट्रोक का शिकार हो तो तुरंत मेडिकल हेल्प ले सकें.
* मुस्कुराने या बात करने पर चेहरे का एक तरफ लटक सकता है या मुंह टेढ़ा हो सकता है.
* अचानक एक हाथ या पैर में कमजोरी महसूस हो सकती है या वह सुन्न हो सकता है.
* शब्दों को ढूंढने में मुश्किल हो सकती है, बातें अस्पष्ट हो सकती हैं या बोलने में परेशानी हो सकती है.
* अचानक चक्कर आना या चलने में असमर्थता हो सकती है.
* अचानक एक आंख का धुंधला दिखना या पूरी तरह से अंधा हो जाना.
* अचानक और बहुत तेज सिरदर्द होना जो पहले कभी नहीं हुआ हो.

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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