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Heart Disease: कैंसर के उपचार में इस्तेमाल होने वाली इस तकनीक से हो सकेगा दिल की बीमारी का इलाज

वाशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने एक महत्वपूर्ण खोज की है. उन्होंने पाया कि कैंसर के इलाज में इस्तेमाल होने वाली रेडिएशन थेरेपी दिल की बीमारी का भी इलाज कर सकती है.

Heart Disease: कैंसर के उपचार में इस्तेमाल होने वाली इस तकनीक से हो सकेगा दिल की बीमारी का इलाज
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Shivendra Singh|Updated: Dec 05, 2023, 01:03 PM IST

कैंसर के इलाज में इस्तेमाल होने वाली रेडिएशन थेरेपी दिल की बीमारी का भी इलाज कर सकती है. यह खोज वाशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने की है. इस खोज से दिल की बीमारी से पीड़ित लाखों लोगों के लिए एक बड़ी उम्मीद है.

शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में वेंट्रिकुलर टैकीकार्डिया से पीड़ित मरीजों पर रेडिएशन थेरेपी का टेस्ट किया. वेंट्रिकुलर टैकीकार्डिया एक गंभीर दिल की बीमारी है, जिसमें दिल की धड़कने बहुत तेज हो जाती है. यह बीमारी अचानक दिल की गति रुकने का कारण बन सकता है. शोधकर्ताओं ने पाया कि रेडिएशन थेरेपी से वेंट्रिकुलर टैकीकार्डिया से पीड़ित मरीजों की दिल की गति सामान्य हो गई. उन्होंने यह भी पाया कि रेडिएशन थेरेपी से दिल की मांसपेशियों में मौजूद हानिकारक सेल्स को कम करने में मदद मिली.

शोध के निष्कर्ष
शोध के निष्कर्ष इस बात को दर्शाते हैं कि रेडिएशन थेरेपी दिल की बीमारी के इलाज में एक प्रभावी तरीका हो सकता है. यह विधि उन लोगों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद हो सकती है जिन पर पारंपरिक उपचारों का फायदा नहीं होता.

कैसे काम करती है रेडिएशन थेरेपी?
रेडिएशन थेरेपी में अधिक ऊर्जा वाली किरणों का उपयोग किया जाता है. ये किरणें दिल की मांसपेशियों में मौजूद हानिकारक सेल्स को नष्ट कर देती हैं. इससे दिल की कार्यक्षमता में सुधार होता है.

इन लोगों के लिए फायदेमंद होगी
यह तकनीक उन लोगों के लिए बेहद कारगर होगी, जिन पर पारंपरिक उपचारों का फायदा नहीं होता. दिल की वजह से अचानक होने वाली बीमारी से सबसे प्रमुख बीमारी वेंट्रिकुलर टैचीकार्डिया है. हेल्दी दिल एक मिनट में 60-100 की दर से धड़कता है, पर वेंट्रीकुलर टैचीकार्डिया की स्थिति में या दर 200 तक हो जाती है.

उपचार से छह महीने में मिल सकता है आराम
कुछ मरीजों में दवा और इंजेक्शन से दिल की गति को नियंत्रित करने में सफलता मिल जाती है. कुछ को सर्जरी कराकर डिवाइस इंप्लांट करवानी पड़ती है, जिससे की जब कभी दिल गति अनियंत्रित हो तो इसे नियंत्रित किया जा सके. नए शोध से पता चलता है कि रेडिएशन थेरेपी से छह महीने के भीतर दिल की गति को नियंत्रित करने में मदद मिलती है.

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