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दिमाग के सेल्स कैसे एक दूसरे से करते हैं बात, साइंटिस्ट्स ने खोज निकाला कम्युनिकेशन का नया तरीका

Brain Processing Power: हम ह्यूमन ब्रेन को समझने की जितनी ज्यादा कोशिश करते हैं उतनी ही नई नई बातें निकलकर आती हैं. अब वैज्ञानिकों ने हमारे मस्तिष्क की नई शक्ति का पता लगाया है.

दिमाग के सेल्स कैसे एक दूसरे से करते हैं बात, साइंटिस्ट्स ने खोज निकाला कम्युनिकेशन का नया तरीका
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Shariqul Hoda|Updated: Mar 03, 2024, 09:56 AM IST

New Brain Communication Method: वैज्ञानिकों ने एक नए तरीके से पता लगाया है कि ब्रेन के सेल्स एक दूसरे से बात करते हैं, जो ये बताता है कि मानव मस्तिष्क हमारी पिछली समझ से कहीं अधिक जटिल और शक्तिशाली है. साइंस अलर्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2020 में डिटेल्ड खोज की गई जिसमेंकैल्शियम आयनों का उपयोग करके एक यूनिक सिग्नल मिलताहै, जो ब्रेन के कॉम्यूनिकेशन टूलबॉक्स में एक और परत जोड़ती है.

ब्रेन में नया मैसेजिंग सिस्टम मिला

रिसर्चर्स ने ये पाया है कि ब्रेन कॉर्टेक्स की बाहरी परत में एक नया मैसेजिंग सिस्टम देखा गया. मिर्गी की सर्जरी के रोगियों से मस्तिष्क के ऊतक के नमूनों का विश्लेषण करके, उन्होंने पाया कि व्यक्तिगत कोशिकाएं न सिर्फ सामान्य सोडियम आयनों बल्कि कैल्शियम आयनों का उपयोग करके भी संकेत भेज रही थीं.ये अनएक्सपेक्टेड कॉम्बिनेशन पूरी तरह से नए विद्युत तरंगों का निर्माण करता है. जिन्हें कैल्शियम-मीडिएटेड डेंड्राइटिक एक्शन पोटेंशिअल्स (dCaAPs) कहा जाता है.

कैसे काम करता है ये सिस्टम?

ह्यूमन ब्रेन की तुलना अक्सर कंप्यूटर से की जाती है, दोनों सूचना देने के लिए इलेक्ट्रिक सिग्नल पर निर्भर रहते हैं. कंप्यूटर्स में, इसमें इलेक्ट्रॉन्स का एक सिंपल फ्लो शामिल होता है, जबकि न्यूरॉन्स चार्ज पार्टिक्लस का एक्सचेंज करने के लिए खुलने और बंद होने वाले चैनलों के कैस्केड का उपयोग करते हैं. ये एक्सचेंज जिसे एक्शन पोटेंशिअल के रूप में जाना जाता है, वो है जिस तरह से न्यूरॉन परंपरागत रूप से संवाद करते हैं. नए खोजे गए dCaAPs एक एडिशनल कम्यूनिकेश चैनल प्रदान करते हैं, जो संभावित रूप से मस्तिष्क के अंदर ज्यादा कॉम्पलेक्स इंफॉर्मेशन प्रोसेसिंग को मुमकिन बनाते हैं.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

हम्बोल्ट यूनिवर्सिटी (Humboldt University) के न्यूरोसाइंटिस्ट मैथ्यू लार्कम (Matthew Larkum) ने जनवरी 2020 में 'अमेरिकन एसोसिएशन फॉर द एडवांसमेंट ऑफ साइंस' में वाल्टर बेकविथ (Walter Beckwith) को बताया, "डेंड्राइट ब्रेन को समझने के लिए सेंट्रल हैं क्योंकि वो वही हैं जो सिंगल न्यूरॉन्स की कम्प्यूटेशनल पॉवर को निर्धारित करते हैं." डेंड्राइट हमारे नवर्स सिस्टम के ट्रैफिक लाइट हैं. अगर कोई पोटेंशियल एक्शन पर्याप्त रूप से जरूरी है, तो इसे दूसरे नर्व्स को पास किया जा सकता है, जो मैसेज को रोक या पास कर सकते हैं.

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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