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कीटनाशकों से कम हो रही पुरुषों की फर्टिलिटी, स्पर्म काउंट में 50 फीसदी की गिरावट

घरों, बगीचों, खेतों और फूड में छिड़के जाने वाले कीटनाशकों से पुरुषों की प्रजनन क्षमता घट रही है. इस वजह से दुनियाभर में पांच दशकों के दौरान पुरुषों के स्पर्म काउंट में औसतन 50 फीसदी की गिरावट आई है. 

कीटनाशकों से कम हो रही पुरुषों की फर्टिलिटी, स्पर्म काउंट में 50 फीसदी की गिरावट
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Shivendra Singh|Updated: Nov 22, 2023, 03:46 PM IST

घरों, बगीचों, खेतों और फूड में छिड़के जाने वाले कीटनाशकों से पुरुषों की प्रजनन क्षमता घट रही है. इस वजह से दुनियाभर में पांच दशकों के दौरान पुरुषों के स्पर्म काउंट में औसतन 50 फीसदी की गिरावट आई है. पर्यावरण संबंधी पत्रिका इंवायरमेंटल हेल्थ पर्सपेक्टिव में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक, दुनिया भर में इस्तेमाल होने वाले मुख्य कीटनाशकों पर प्रकाशित 25 अध्ययनों पर किए गए विश्लेषण में यह जानकारी सामने आई. वर्जीनिया के फेयरफैक्स में जॉर्ज मेसन यूनिवर्सिटी में यह विश्लेषण हुआ.

अध्ययन के प्रमुख लेखक, डॉ. डेविड रॉबर्स ने कहा कि हमारे अध्ययन से पता चलता है कि कीटनाशकों का पुरुषों की प्रजनन क्षमता पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है. उन्होंने कहा कि कीटनाशकों से स्पर्म काउंट, स्पर्म गतिशीलता और स्पर्म आकार में कमी आ सकती है. अध्ययन में पाया गया कि जिन पुरुषों के शरीर में कीटनाशकों का स्तर अधिक था, उनमें स्पर्म काउंट कम था. कीटनाशकों के संपर्क में आने से स्पर्म गतिशीलता और स्पर्म आकार में भी कमी आ सकती है.

डॉ. रॉबर्स ने कहा कि कीटनाशकों के संपर्क में आने से पुरुषों की प्रजनन क्षमता में कमी आने का खतरा बढ़ जाता है. उन्होंने कहा कि हम सरकारों और उद्योगों से आह्वान करते हैं कि वे पुरुषों की प्रजनन क्षमता पर कीटनाशकों के प्रभाव को कम करने के लिए कदम उठाएं. इस अध्ययन के रिजल्ट चिंताजनक हैं. वे बताते हैं कि कीटनाशकों का उपयोग पुरुषों की प्रजनन क्षमता के लिए एक गंभीर खतरा हो सकता है. सरकारों और उद्योगों को इस मुद्दे पर ध्यान देने और पुरुषों की प्रजनन क्षमता की रक्षा के लिए कदम उठाने की आवश्यकता है.

स्पर्म काउंट बढ़ाने के लिए क्या करें और क्या नहीं?

स्वस्थ आहार लें
एक स्वस्थ आहार शुक्राणु उत्पादन के लिए आवश्यक पोषक तत्वों की आपूर्ति करता है. स्पर्म काउंट बढ़ाने के लिए कई आवश्यक पोषक तत्वों की जरूरत होती है, जिसमें  जिंक, सेलेनियम, विटामिन सी और विटामिन ई शामिल करें. आज से ही आप अपनी डाइट में कद्दू के बीज, मूंगफली,बादाम, सोयाबीन, अंडे, मांस, मछली, संतरा, नींबू, ब्रोकोली, स्ट्रॉबेरी, टमाटर, अखरोट,  जैतून का तेल, पालक, वनस्पति तेल, आदि चीजों को शामिल करें.

व्यायाम करें
नियमित रूप से व्यायाम करना शुक्राणु उत्पादन और गतिशीलता में सुधार करने में मदद कर सकता है.

तनाव कम करें
तनाव शुक्राणु उत्पादन को प्रभावित कर सकता है. तनाव को कम करने के लिए योग, ध्यान या अन्य विश्राम तकनीकों का अभ्यास करें.

धूम्रपान और शराब से बचें
धूम्रपान और शराब शुक्राणु उत्पादन और गतिशीलता को नुकसान पहुंचा सकते हैं.

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