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Brain Stroke: ब्रेन स्ट्रोक से बचने के लिए अपने दिल के स्वास्थ्य की जांच कराते रहें

ब्रेन स्ट्रोक तब होता है जब दिमाग में खून की आपूर्ति बाधित हो जाती है. यह एक गंभीर चिकित्सा स्थिति है जो मृत्यु या विकलांगता का कारण बन सकती है. दिल की सेहत ब्रेन स्ट्रोक से बचने के लिए महत्वपूर्ण है.

Brain Stroke: ब्रेन स्ट्रोक से बचने के लिए अपने दिल के स्वास्थ्य की जांच कराते रहें
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Shivendra Singh|Updated: Oct 05, 2023, 01:05 PM IST

Prevent brain stroke: ब्रेन स्ट्रोक तब होता है जब दिमाग में खून की आपूर्ति बाधित हो जाती है. यह एक गंभीर चिकित्सा स्थिति है जो मृत्यु या विकलांगता का कारण बन सकती है. दिल की सेहत ब्रेन स्ट्रोक से बचने के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि एक स्वस्थ दिल दिमाग को आवश्यक खून और ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करता है. जब दिल का स्वास्थ्य खराब होता है, तो यह खून के थक्के बनने का खतरा बढ़ जाता है. खून के थक्के दिमाग की नसों को ब्लॉक कर सकते हैं, जिससे ब्रेन स्ट्रोक हो सकता है.

गुड़गांव स्थित आर्टेमिस हॉस्पिटल में न्यूरोइंटरवेंशन और स्ट्रोक न्यूरोलॉजिस्ट के वरिष्ठ सलाहकार डॉ.भूपेश कुमार बताते हैं कि अनुपचारित हाई ब्लड प्रेशर (जिसे हाइपरटेंशन भी कहा जाता है) स्ट्रोक के लिए एक प्रमुख रिस्क फैक्टर है. जब आप नियमित जांच और लाइफस्टाइल में बदलाव की उपेक्षा करते हैं, जो आपके रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं, तो आपकी नसों की दीवारें कमजोर हो सकती हैं, जिससे उनके फटने या सिकुड़े होने और प्लाक से ब्लॉक होने की संभावना बढ़ जाती है, जिससे थक्का बनने की संभावना बढ़ जाती है. जबकि खराब डाइट विकल्प और गतिहीन लाइफस्टाइल (जो अक्सर दिल की सेहत की उपेक्षा के परिणामस्वरूप होती है) मोटापे और हाई कोलेस्ट्रॉल के स्तर में योगदान करती है. अतिरिक्त वजन और हाई कोलेस्ट्रॉल दोनों ही नसों में रुकावटों और थक्कों के अधिक खतरे से जुड़े हैं, जिससे स्ट्रोक का खतरा और बढ़ जाता है.

डॉ.भूपेश कुमार ने आगे बताया कि धूम्रपान एक और आदत है जो अक्सर दिल की सेहत की उपेक्षा से मेल खाती है, ब्लड वेसेल्स को नुकसान पहुंचाती है और थक्के बनने को बढ़ाती है. यह आपके खून द्वारा ले जाने वाली ऑक्सीजन की मात्रा को भी कम कर देता है, जो दिमाग को नुकसान पहुंचा सकता है. हाई ब्लड प्रेशर, अनहेल्दी जीवनशैली या धूम्रपान को नजरअंदाज करके अपने दिल के स्वास्थ्य की उपेक्षा करने से ऐसी घटनाओं का सिलसिला शुरू हो सकता है, जो स्ट्रोक के प्रति आपकी संवेदनशीलता को बढ़ाती हैं. इस खतरे को कम करने के लिए नियमित जांच, बैलेंस डाइट, व्यायाम और हानिकारक आदतों से परहेज के माध्यम से दिल की सेहत को प्राथमिकता देना महत्वपूर्ण है.

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