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Stroke के शुरुआती लक्षण दिखते ही तुरंत कराएं इलाज, वरना हो सकता है खतरा

Stroke Symptoms: मस्तिष्क विशेषज्ञों का कहना है कि अगर स्ट्रोक आने के बाद समय पर उपचार न मिले तो जान को खतरा हो सकता है. वहीं समय पर इलाज होने पर व्यक्ति की स्वस्थ होने की उम्मीद काफी बढ़ जाती है.

Stroke के शुरुआती लक्षण दिखते ही तुरंत कराएं इलाज, वरना हो सकता है खतरा
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Zee News Desk|Updated: Oct 22, 2022, 05:50 PM IST

Stroke Symptoms: बीते कुछ समय से लोगों की जीवनशैली में बड़े बदलाव देखने को मिले हैं. अनियमित दिनचर्या लोगों के जीवन पर गहरा असर डाल रही है. जिसकी वजह से लोग दिमाग से जुड़ी समस्याएं तेजी से शिकार हो रहे हैं. इन दिनों भारत में स्ट्रोक के मामले काफी बढ़ रहे हैं. इस बीमारी में अगर समय रहते मरीज का इलाज किया जाता है तो व्यक्ति के पूरी तरह से स्वस्थ रहने की संभावना रहती है. लेकिन वहीं उपचार में देरी होने पर स्ट्रोक शारीरिक व मानसिक सेहत को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है. जिससे व्यक्ति की जान भी जा सकती है. स्ट्रोक के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए हर वर्ष 29 अक्टूबर को विश्व स्ट्रोक दिवस मनाया जाता है. आइय जानते हैं स्ट्रोक के लक्षणों के बारे में.  
  
ये हैं शुरुआती लक्षण 
अगर आपके एक तरफ के हाथ-पैर कमजोर होते हैं तो ये स्ट्रोक का प्रारंभिक लक्षण हो सकता है. इसके साथ ही बोलने में परेशानी होना, धुंधला दिखना, चेहरे पर कमजोरी आना या टेढ़ा होना, शरीर का कोई भी हिस्सा सुन्न पड़ जाना, शरीर पर नियंत्रण खो देना ये सभी स्ट्रोक के लक्षण हैं. ऐसे लक्षण दिखने पर तुरंत इलाज या डॉक्टर के पास जाना चाहिए.

क्या है कारण

स्ट्रोक के मामले तेजी से बढ़ने की सबसे बड़ वजह है हाई ब्लड प्रेशर. वहीं डायबिटीज, दिल की बीमारी, धूम्रपान का अधिक सेवन, अनियंत्रित कोलेस्ट्राल, अल्कोहल का सेवन ये सभी मुख्य कारण हो सकते हैं. स्ट्रोक की बीमारी से बचने के लिए आपको इन सभी चीजों का सवेन नहीं करना चाहिए. साथ ही सेहत का विशेष ध्यान देना होगा. 
 
दो तरह के Stroke
आपको बता दें स्ट्रोक की समस्या दो कारणों से होती है. पहला कारण है मस्तिष्क को मिलने वाली रक्त की पर्याप्त मात्रा का बाधित होना. इसमें आर्टिलरी फट जाती है, जिससे मस्तिष्क के किसी भी भाग में रक्त का थक्का बनने लगता है. इसे माइनर स्ट्रोक कहते हैं. दूसरा कारण है आर्टिलरी के फटने से अधिक रक्तस्राव का होना. इसमें रक्त मस्तिष्क के किसी भाग में जमा होने लगता है. इससे दिमाग की कार्य प्रणाली बाधित होने लगती है. जिसे मेजर स्ट्रोक कहते हैं.

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