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Corona JN.1: कितना खतरनाक है कोरोना जेएन.1? जानिए इस वेरिएंट से खुद कैसे रखें सेफ

Corona Prevention: कोरोना के नए सबवेरिएंट जेएन.1 भारत के कई शहरों मे पैर पसार रहा है, लेकिन इसको लेकर लोग समझ नहीं पा रहे हैं कि ये कितना रिस्की है और क्या इस वायरस से डरने की जरूरत है?

Corona JN.1: कितना खतरनाक है कोरोना जेएन.1? जानिए इस वेरिएंट से खुद कैसे रखें सेफ
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Shariqul Hoda|Updated: Dec 30, 2023, 10:22 AM IST

How Dangerous is Corona JN.1: कोरोना ओमीक्रॉन लीनीएज के भीतर नए सबवेरिएंट जेएन.1 की उतपत्ती विस्तार कई सवाल और टेंशन पैदा कर दिया है. इस संक्रमण से बचकर रहने की जरूरत है, साथ ही हमें हेल्थ अथॉरिटीज की दी हुई हिदायतों का पालन करना होगा.  कोरोना जेएन.1 का खतरा कई कारकों पर टिका है, जिसमें इसकी संक्रामकता, बीमारी की गंभीरता और पिछले संक्रमणों या टीकाकरण से प्रतिरक्षा से बचने की क्षमता शामिल है. इस तरह के वेरिएंट परिवर्तित विशेषताओं का प्रदर्शन कर सकते हैं, इससे पब्लिक हेल्थ पर बुरा असर पड़ सकता है.

इंफेक्शन से बचें
फोर्टिस एस्कॉर्ट फरीदाबाद अस्पताल के पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. रवि शेखर झा (Dr. Ravi Shekhar Jha) ने कहा कि चूंकि इस नए सबवेरिएंट को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है, इस लिए हमें हर हाल में सतर्क रहना होगा. इसके लिए हर किसी को रोकथाम के उपाय करने चाहिए. आप भीड़भाड़ वाली जगहों और हाई रिस्क एरिया में मास्क पहनें, हाथों को बार-बार साबुन से धोएं या सेनिटाइज करें. जहां जरूरत हो, वहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें. इस इंफेक्शन का रिस्क कम किया जा सकता है.

वैक्सीन जरूर लगवाएं
कोरोनावायरस के नए वेरिएंट का मुकाबला करने में वैक्सीन एक कारगर उपाय है. राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान और दिशानिर्देशों का पालन करना बेहद जरूरी है. इसके अलावा, बूस्टर डोज लगाना रोग प्रतिरक्षा को बढ़ाने में मदद करता है और संभावित रूप से नए वेरिएंट के प्रभाव को कम करता है.

नए सबवेरिएंट के खिलाफ मौजूदा वैक्सीन का असर अलग-अलग हो सकता है. मौजूदा टीकों द्वारा दी जाने वाली सुरक्षा की सीमा को समझने के लिए रिसर्च और स्टडीज जारी हैं. स्वास्थ्य अधिकारी लगातार वैक्सीन प्रभावशीलता का आकलन करते हैं और सिफारिशों को अपना सकते हैं.

हर कोई निभाए जिम्मेदारी
एक आम नागरिक के तौर पर भी हम अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी जिससे कोरोना जेएन.1 को फैलने से रोका जा सके. सबसे पर अपने मन को शांत रखने की कशिश करें, क्योंकि ये अच्छे स्वास्थ्य की तरफ पहला कदम होता है. आप समय-समय पर टेस्ट कराते रहें और खतरा होने पर खुद को क्वारंटीन या आइसोलेट कर लें.

कितना खतरनाक है ये वेरिएंट?
जबकि एक नए कोरोना जेएन.1 के खतरे के स्तर और सावधानियों के बारे में पुख्ता जानकारी अभी तक पूरी तरह से क्लीयर नहीं है, इसलिए हमें सतर्क और जागरूक बने रहना होगा. साथ ही नए रिसर्च को भी मॉनिटर करना अहम है. इस बात पर भी ध्यान देना जरूरी है कि भारत में इस सबवेरिएंट से होने वाली मौत की तादात काफी कम है, जो इसे बाकी वेरिएंट से कम खतरानाक बनाता है. यही वजह है कि हमें फिलहाल ज्यादा घबराने की जरूरत वहीं है, हालांकि ये वायरस म्यूटेशन के लिे जाना जाता है, इसलिए इसलिए इंफेक्शन रेट हाई है. इन बातों को ध्यान रखते हुए सतर्कता बनाए रखें.

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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