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Heart Attack warning sign: हार्ट अटैक आने से पहले कान में बजती है खतरे की घंटी, समय पर बचा सकते हैं जान

दुनियाभर में प्रमुख मौतों के कारणों में से एक हार्ट अटैक है. युवाओं की तुलना में 45 वर्ष से अधिक लोगों को हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा होता है. हार्ट अटैक आने से पहले शरीर पर कई तरह के लक्षण महसूस होते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि हार्ट अटैक आने से पहले कान में संकेत मिलते हैं.

प्रतिकात्मक तस्वीर
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Zee News Desk|Updated: Aug 02, 2022, 05:00 PM IST

हार्ट अटैक (दिल का दौरा) दुनिया भर में मौत के प्रमुख कारणों में से एक है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, 2016 में सर्वाधिक (करीब 17.9 मिलियन) लोगों की दिल की बीमारी से मौत हुई थी जिसमें से 85 प्रतिशत कारण हार्ट अटैक और स्ट्रोक था. हार्ट अटैक से पहले शरीर पर कई तरह के संकेत मिलते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि अटैक आने से पहले कान में भी चेतावनी संकेत दिखाई पड़ सकते हैं.

हार्ट अटैक का एक असामान्य संकेत फ्रैंक्स साइन है. यह कान के लोब में एक विकर्ण क्रीज है जो लोब्यूल के पार ट्रैगस से लेकर ऑरिकल के पीछे के किनारे तक फैली हुई होती है. इस स्थिति का नाम सैंडर्स टी. फ्रैंक के नाम पर रखा गया था, जो सीने में दर्द और कोरोनरी आर्टरी ब्लॉकेज वाले रोगियों में क्रीज का निरीक्षण करने वाले पहले व्यक्ति थे. उनके अनुसार, यह माना जाता है कि यह हृदय रोग विज्ञान से संबंधित है और कोरोनरी धमनी एथेरोस्क्लेरोसिस से जुड़ा हुआ है. हालांकि, इसे साबित करने के लिए कोई निश्चित उत्तर या पुख्ता सबूत नहीं है.

फ्रैंक के संकेत के पीछे हैं कई सिद्धांत
रिपोर्ट्स से पता चलता है कि फ्रैंक का संकेत मस्तिष्क रोधगलन का पूर्वसूचक हो सकता है. यह समय से पहले बूढ़ा होने तथा त्वचीय और वस्कुलर फाइबर के नुकसान से भी जुड़ा हुआ है. इसकी गंभीरता ग्रेड 1 से ग्रेड 3 तक भिन्न हो सकती है. ग्रेड 1 में ईयरलोब पर थोड़ी मात्रा में झुर्रियां पड़ सकती हैं. ग्रेड 2ए में ईयरलोब में एक सतही क्रीज पड़ सकती है. ग्रेड 2बी तब होता है जब क्रीज आधे से अधिक ईयरलोब में फैल जाती है और अंत में ग्रेड 3 में पूरे ईयरलोब में एक गहरी क्रीज शामिल होती है.

हार्ट अटैक के कई अन्य संकेत
यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के अनुसार, अधिकांश हार्ट अटैक में छाती के केंद्र या बाईं ओर दिक्कत होती है जो कुछ मिनटों तक रहती है. इससे आपको बेचैनी, असहज दबाव, जकड़न या दर्द की तरह महसूस हो सकती है. आपको कमजोरी, हल्का-हल्का या बेहोशी भी महसूस हो सकती है और आप ठंडे पसीने भी आ सकते हैं. अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (एएचए) ने बताया कि पुरुषों और महिलाओं में दिल के दौरे के लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं. इनके अनुसार, महिलाओं में सबसे आम हार्ट अटैक का लक्षण सीने में दर्द (एनजाइना) या बेचैनी है. पुरुषों की तुलना में महिलाओं को कुछ अन्य सामान्य लक्षणों का अनुभव होने की संभावना है, विशेष रूप से सांस की तकलीफ, उल्टी और पीठ या जबड़े में दर्द.

हार्ट अटैक के रिस्क फैक्टर
हार्ट अटैक एक ऐसी स्थिति है जिसमें कई रिस्क फैक्टर होते हैं. मेयो क्लिनिक के अनुसार, युवाओं की तुलना में 45 वर्ष से अधिक आयु के पुरुषों तथा 55 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को दिल का दौरा पड़ने का खतरा अधिक होता है. इसके अलावा, उच्च रक्तचाप, हाई कोलेस्ट्रॉल, मोटापा, मधुमेह और मेटाबोलिक सिंड्रोम जैसी बीमारियों से पीड़ित लोगों को दिल का दौरा पड़ने का खतरा ज्यादा होता है. वहीं, स्वास्थ्य लोग जो तंबाकू खाते हैं, शराब पीते हैं, तनाव लेते है या अनहेल्थी डाइट फॉलो करते हैं उन्हें भी हार्ट अटैक आने के चांस ज्यादा होते हैं.

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