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Heat Stroke: इलेक्शन ड्यूटी में तैनात मतदानकर्मियों की मौतें बनी चिंता का विषय, भीषण गर्मी में कैसे करें अपनी सेहत का ख्याल?

हीटस्ट्रोक एक गंभीर स्वास्थ्य स्थिति है जो तब होती है जब शरीर का तापमान बहुत तेजी से बढ़ जाता है और इसे कंट्रोल नहीं किया जा सकता है. गर्मी के मौसम में हाई बीपी और शुगर के मरीजों को हीटस्ट्रोक का खतरा ज्यादा होता है.

Heat Stroke: इलेक्शन ड्यूटी में तैनात मतदानकर्मियों की मौतें बनी चिंता का विषय, भीषण गर्मी में कैसे करें अपनी सेहत का ख्याल?
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Shivendra Singh|Updated: May 31, 2024, 09:25 PM IST

उत्तर प्रदेश में सातवें चरण के लोकसभा चुनाव के दौरान मतदान कर्मियों की मौतें चिंता का विषय बन गई हैं. सोनभद्र और मीरजापुर में चुनाव ड्यूटी पर तैनात छह लोगों की मौत हो गई है. इनमें से कई लोगों को हाई बीपी, शुगर और बुखार की शिकायत थी. ऐसे में यह जानना जरूरी है कि गर्मी के मौसम में हाई बीपी, शुगर और बुखार होने पर हीटस्ट्रोक से कैसे बचा जा सकता है.

हीटस्ट्रोक क्या है?
हीटस्ट्रोक एक गंभीर स्वास्थ्य स्थिति है जो तब होती है जब शरीर का तापमान बहुत तेजी से बढ़ जाता है और इसे कंट्रोल नहीं किया जा सकता है. गर्मी के मौसम में हाई बीपी और शुगर के मरीजों को हीटस्ट्रोक का खतरा ज्यादा होता है. शरीर में पानी की कमी, पसीने से इलेक्ट्रोलाइट्स का असंतुलन और तेज धूप इन मरीजों के लिए जानलेवा हो सकती है.

हाई बीपी, शुगर में हीटस्ट्रोक का खतरा क्यों बढ़ जाता है?
हाई बीपी:
हाई बीपी वाले लोगों में नसें सिकुड़ होती हैं, जिससे शरीर को ठंडा करना मुश्किल हो जाता है.
शुगर: शुगर खून में पानी को अट्रैक्ट करता है, जिससे डिहाइड्रेशन का खतरा बढ़ जाता है.
बुखार: बुखार शरीर के तापमान को बढ़ा देता है, जिससे हीटस्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है.

हीटस्ट्रोक के लक्षण
- तेज बुखार
- सिरदर्द
- चक्कर आना
- थकान
- मांसपेशियों में ऐंठन
- सांस लेने में तकलीफ
- बेहोशी

हीटस्ट्रोक से बचाव के उपाय
- दिन भर में भरपूर मात्रा में पानी पीते रहें, भले ही आपको प्यास न लगे.
- गहरे रंग के कपड़े गर्मी को अब्जॉर्ब करते हैं, जबकि हल्के रंग के कपड़े गर्मी को रिफ्लेक्ट करते हैं.
- जब भी संभव हो, तेज धूप से बचें.
- एयर कंडीशनिंग या पंखे का उपयोग करें या ठंडी जगहों पर जाएं.
- पसीने के साथ खोए हुए इलेक्ट्रोलाइट्स को फिर से भरने के लिए नमक और चीनी वाले ड्रिंक्स का सेवन करें.

लू लगने पर क्या करें
- लू लगे व्यक्ति को छांव में लिटा दें अगर उनके शरीर पर तंग कपडे हो तो उन्हें ढीला कर दें अथवा हटा दें.
- ठंढे गीले कपड़े से शरीर पोछे या ठंडे पानी से नहलायें.
- शरीर के तापमान को कम करने के लिए कूलर, पंखें आदि का प्रयोग करें. गर्दन, पेट एवं सिर पर बार-बार गीला तथा ठंढा कपड़ा रखें.
- व्यक्ति को ओआरएस/नींबू पानी नमक चीनी का घोल छाछ या शर्बत पीने को दें, जो शरीर में जल की मात्रा को बढ़ा सके. यदि व्यक्ति पानी की उल्टियां करें या बेहोश हो तो उसे कुछ भी खाने-पीने न दें.
- लू लगे व्यक्ति की हालत में एक घंटे तक सुधार न हो तो उसे तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में ले जाएं.
- शरीर के तापमान को कम करने के लिए कूलर, पंखे आदि का प्रयोग करे.
- गर्दन, पेट एवं सिर पर गीला तथा ठंडा कपड़ा रखें.
- व्यक्ति को छाछ नीबू पानी, शरबत पिलायें.
- व्यक्ति को छायादार स्थान पर लिटा दें एवं उसके कपड़ों को ढीला कर दें.

इन बातों का भी रखें ख्याल
- अगर आप किसी बीमारी से पीड़ित हैं, तो गर्मी के मौसम में अपनी सेहत का खास ख्याल रखें.
- बुजुर्गों और बच्चों को भी गर्मी से बचाने की जरूरत होती है.
- अगर आपको तेज बुखार या उल्टी-दस्त जैसी समस्या हो रही है, तो डॉक्टर से संपर्क करें.

यदि आपको हाई बीपी, शुगर या बुखार है, तो गर्मी के मौसम में विशेष रूप से सावधान रहें. यदि आपको हीटस्ट्रोक के लक्षण दिखाई देते हैं, तो तुरंत मेडिकल हेल्प लें.

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