trendingNow11820947
Hindi News >>Health
Advertisement

खतरे में धरती: भीषण गर्मी से बढ़ेंगी बीमारियां, वैज्ञानिकों की चेतावनी डरा देगी आपको!

जलवायु संकट के मद्देनजर एल नीनो की वापसी से दुनिया के कई हिस्सों में लोगों का स्वास्थ्य प्रभावित होगा. विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने पिछले महीने कहा था कि गर्म मौसम का पैटर्न एल नीनो के तीन साल बाद वापस आ गया है. 

खतरे में धरती: भीषण गर्मी से बढ़ेंगी बीमारियां, वैज्ञानिकों की चेतावनी डरा देगी आपको!
Stop
Shivendra Singh|Updated: Aug 12, 2023, 06:45 AM IST

जलवायु संकट के मद्देनजर एल नीनो की वापसी से दुनिया के कई हिस्सों में लोगों का स्वास्थ्य प्रभावित होगा. बोस्टन, कोलंबिया, विश्व मौसम विज्ञान संगठन आदि के वैज्ञानिकों ने चेताया है कि इससे भूखमरी, सूखा व मलेरिया का खतरा बढ़ेगा. खासकर कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों पर इसका ज्यादा असर पड़ेगा.

विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) ने पिछले महीने कहा था कि गर्म मौसम का पैटर्न एल नीनो के तीन साल बाद वापस आ गया है. वैज्ञानिकों के अनुसार बढ़ते वैश्विक तापमान के कारण हृदय रोग से आत्महत्या तक के खतरे बढ़ सकते हैं. वर्ल्ड वेदर एट्रिब्यूशन नेटवर्क के अनुसार, ग्रीनहाउस गैसों के कारण पृथ्वी 1.2 डिग्री सेल्सियस गर्म है इस वजह से उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी यूरोप व पूर्वी एशिया में जुलाई में घातक हीटवेव का प्रभाव रहा.

क्या है एल नीनो?
एल नीनो एक प्रकार की मौसमी घटना होती है जो समुद्र तटों के पास प्रशांत महासागर में दिखाई देती है. इस घटना का मुख्य कारण ये होते हैं की ऊपरी वायुमंडल में तटों के पास अधिक तापमान और तटों के साथ-साथ बंदरगाहों में कम तापमान होता है. एल नीनो के प्रभाव से संबंधित मौसम में परिवर्तन हो सकता है, जैसे की तापमान में वृद्धि, बारिश के पैटर्न में परिवर्तन और बाढ़ या सूखे की स्थितियों में असामान्यता. यह पृथ्वी के कुछ हिस्सों में भारी बाढ़ लाता है, जबकि अन्य हिस्से में सूखा होता है.

भारत सहित एशिया में फैला था मलेरिया
नेचर जर्नल में प्रकाशित स्टडी के अनुसार 2015-2016 के दौरान जब पिछली बार एलनीनो आया था, तब दक्षिण एशिया के देशों में डेंगू और चिकनगुनिया की घटनाओं में वृद्धि हुई थी. भारत और बांग्लादेश में हैजा, मलेरिया और चिकनगुनिया के प्रकोप की रिपोर्ट दर्ज की गई थी. उस दौरान दक्षिण पूर्व एशिया में बारिश कम हुई थी, जिसकी वजह से डेंगू और चिकनगुनिया के मामले बढ़े.

Read More
{}{}