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मौत तक खींच लाती है डिप्रेशन की स्थिति, आपकी एक मदद बचा सकती है कई जिंदगियां, ऐसे करें सपोर्ट

Depression Prevention Tips: आज के दौर में डिप्रेशन एक गंभीर समस्या है. लाखों लोग इससे प्रभावित हो रहे हैं और जिंदगी से मुंह मोड़कर मौत को गले लगा लेते हैं. ऐसे लोगों को सुसाइड का ख्याल ज्यादा आता है. 

मौत तक खींच लाती है डिप्रेशन की स्थिति, आपकी एक मदद बचा सकती है कई जिंदगियां, ऐसे करें सपोर्ट
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Zee News Desk|Updated: Sep 08, 2022, 05:08 PM IST

Depression Prevention Tips: डिप्रेशन एक ऐसी कंडीशन है जिसमें आने के बाद इंसान कुछ भी सही सोचने समझने के लायक नहीं रह जाता है. अधिकतर लोग इससे जूझते हुए अपनी जिंदगी से हाथ धो बैठते हैं. व्यक्ति जब डिप्रेशन या अवसादग्रस्त में होता है तो वह इंसान का सबसे मुश्किल समय होता है. ऐसे में डिप्रेशन से जूझ रहे इंसान की परेशानी केवल वही समझ सकता है. इस स्थिति में पीड़ित व्यक्ति को सहारे की जरूरत होती है जो उसे बुरा सोचने या गलत करने से रोक सके. अवसादग्रस्त लोग ज्यादातर सुसाइड के बारे में सोचते हैं. इसके लिए डिप्रेशन वाले व्यक्ति को आप किस तरह सपोर्ट कर सकते हैं आइये जानें.

बातचीत करें 
एक रिपोर्ट के अनुसार, अवसादग्रस्त व्यक्ति से जितना हो सके उतनी बात करनी चाहिए. इससे डिप्रेशन वाला व्यक्ति आसानी से अपनी चिंता साझा कर सकेगा. उसके दिमाग में क्या चल रहा है, आप उनसे इस बारे में बात करें. वो आपसे बात करेंगे तो काफी हद तक खुद को हल्का महसूस करेंगे.  

अकेले में न रहने दें
अगर आपका कोई दोस्त या परिवार का कोई सदस्य डिप्रेशन से जूझ रहा है तो ऐसे में आप उसे अकेले में न छोड़ें. साथ ही उसे महसूस करवाएं कि आप उनके साथ हैं. डिप्रेशन के दौरान अकेलेपन की भावना खतरनाक हो सकती है. इस दौरान इंसान कुछ भी गलत सोचने पर मजबूर हो जाता है. 

थेरेपी होगी सहायक
अवसादग्रस्त शख्स ज्यादातर बाहर निकलना पसंद नहीं करते या फिर ज्यादा लोगों के संपर्क में नहीं आते. हो सकता है कि ये लोग डॉक्टर को दिखाने और किसी तरह की थेरेपी लेने के लिए घर से न निकलें. इस स्थिति में आप उनका साथ दें. उन्हें परमानेंट थेरेपी लेने के लिए प्रोत्साहित करें.

दैनिक कार्यों में मदद करें
डिप्रेशन के साथ जीना हर इंसान के लिए बेहद मुश्किल भरा होता है. कपड़े धोने हों या खरीददारी करनी हो, आप हर रोज के छोटे-छोटे कामों में उस व्यक्ति की मदद जरूर करें. जिससे वह खुद को अकेला महसूस ना कर सके और बुरे ख्याल उसके दिमाग में न पनप सके. आपकी छोटी सी कोशिश अवसादग्रस्त व्यक्ति को सुसाइड जैसे खतरों से बचा सकती है.

Disclaimer: इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है. हालांकि इसकी नैतिक जिम्मेदारी ज़ी न्यूज़ हिन्दी की नहीं है. हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें. हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है.

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