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कैंसर ने तोड़ दिया था शरीर, फिर बीमारी को हराकर पूरी की आयरनमैन ट्रायथलॉन; IPS निधिन वलसन की Inspiring कहानी

निधिन वलसन वर्तमान में पुलिस अधीक्षक (अपराध शाखा) के रूप में गोवा में कार्यरत हैं. तीन साल पहले उनको कैंसर का पता चला था. वह ठीक से सांस नहीं ले पा रहे थे और थोड़ा चलने पर भी थक जाते थे.

कैंसर ने तोड़ दिया था शरीर, फिर बीमारी को हराकर पूरी की आयरनमैन ट्रायथलॉन; IPS निधिन वलसन की Inspiring कहानी
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Shivendra Singh|Updated: Dec 22, 2023, 05:13 PM IST

''सच है, विपत्ति जब आती है, कायर को ही दहलाती है; सूरमा नहीं विचलित होते, क्षण एक नहीं धीरज खोते'' इस कविता को आईपीएस अधिकारी निधिन वलसन ने जी कर दिखाया है. सभी बाधाओं को पार करते हुए, निधिन वलसन ने कैंसर को हरा दिया और कठिन आयरनमैन ट्रायथलॉन रेस को सफलतापूर्वक पूरा किया.

निधिन वलसन वर्तमान में पुलिस अधीक्षक (अपराध शाखा) के रूप में गोवा में कार्यरत हैं. वह यहां के संवेदनशील भूमि हड़पने के मामलों को भी देख रहे हैं. तीन साल पहले उनको कैंसर का पता चला था. वह ठीक से सांस नहीं ले पा रहे थे और थोड़ा चलने पर भी थक जाते थे. डॉक्टरों ने उन्हें बताया कि उन्हें नॉन-हॉजकिन के लिंफोमा है. जो एक प्रकार का कैंसर है, जो लसीका (lymphatic) प्रणाली पर हमला करता है. उनको कैंसर के चौथे चरण में बीमारी का पता चलता है, जो सबसे गंभीर चरण होता है.

कैंसर से लड़ने का लिए दृढ़ संकल्प
आईपीएस ऑफिसर निधिन वलसन ने कैंसर से लड़ने के लिए दृढ़ संकल्प लिया. उन्होंने कीमोथेरेपी और रेडिएशन थेरेपी का लंबा दौरा किया. कुछ महीनों के इलाज के बाद फरवरी 2022 में उन्हें बताया गया कि वे कैंसर से ठीक हो गए हैं. निधिन वलसन ने कैंसर से लड़ने के अनुभव से प्रेरणा ली और आयरनमैन ट्रायथलॉन रेस में भाग लेने का फैसला किया. उन्होंने एक साल तक कड़ी मेहनत की और अंततः अपनी मंजिल हासिल की.

आयरनमैन 70.3 ट्रायथलॉन रेस की पूरी
2012 बैच के IPS अधिकारी वलसन ने गोवा में आयोजित ग्रयूलिन आयरनमैन 70.3 ट्रायथलॉन रेस पूरी की. यह एक कठिन चुनौतीपूर्ण दौड़ है जिसमें 1.9 किलोमीटर की खुली समुद्र में तैराकी, 90 किलोमीटर की साइकिल चलाना और 21 किलोमीटर की दौड़ शामिल होती है. उन्होंने निर्धारित समय के भीतर, यानी 8 घंटे, 3 मिनट और 53 सेकंड में दौड़ पूरी की थी.

प्रेरणादायक है आईपीएस निधिन वलसन की कहानी
रेस खत्म होने के बाद वलसन ने कहा था, "मैंने सोचा था कि अगर मैं यह कर सकता हूं, तो मैं दुनिया को दिखा पाऊंगा कि मनुष्य क्या हासिल कर सकता है. मैं यह भी दिखाना चाहता था कि कैंसर एक ऐसी बीमारी नहीं है जिससे लड़ा न जा सके." आईपीएस निधिन वलसन की कहानी ने लोगों को प्रेरित किया है और उन्हें कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से लड़ने के लिए प्रोत्साहित किया है.

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