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History of Laddu : मिठाई नहीं दवाई के रूप में खाया जाता था लड्डू, जानिए कैसे बना यह हर दिल अजीज

History of Laddu : लड्डू को पहले पहल मिठाई की तरह नहीं देखा गया था. इसे केवल एक दवाई की तरह इस्तेमाल किया जाता था. कैसे लड्डू ने दवाई से मिठाई का रुप अख्तियार किया, आइए जानते हैं इसके  इतिहास के बारे में... 

Laddu Recipe
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Updated: Oct 19, 2022, 04:00 PM IST

Diwali Special : मिठाई का नाम लेते ही भारती परिवेश मन जो सबसे आम तस्वीर उभरती है वह गोल मिठाई की होती है जिसका खयाल आते ही मन-मिजाज एकदम प्रफुल्लित हो जाता है. लड्डू, लाडू जैसे कई नामों से मशहूर इस मिठाई से मुहब्बत लगभग हर उस व्यक्ति को है जिसने इसका स्वाद कभी भी चख लिया हो. लड्डू न केवल उत्सवी माहौल बल्कि पूजा-पाठ में भी लड्डू की उपयोगिता अति महत्वपूर्ण मिठाई की है पर क्या आप जानते हैं, लड्डू को पहले पहल मिठाई की तरह नहीं देखा गया था. इसे केवल एक दवाई की तरह इस्तेमाल किया जाता था. कैसे लड्डू ने दवाई से मिठाई का रुप अख्तियार किया, आइए जानते हैं इसके  इतिहास के बारे में... 
 
विशुद्ध भारतीय है यह मिठाई 
भोजन में अभिरुचि रखने वाले इतिहासकारों की मानें तो लड्डुओं की सबसे प्रिय कैटेगरी मोतीचूर के लड्डू का जन्म राजस्थान या उत्तर प्रदेश में हुआ है वहीं नारियल के लड्डुओं  का जन्मस्थान दक्षिण भारत को माना जाता है. कहा जाता है कि चिकित्सक सुश्रुत ने सबसे पहले लड्डुओं को बनाना शुरू किया था.वे इसे एंटीसेप्टिक के तौर पर अपने उन मरीजों को दिया करते थे जिनकी सर्जरी होती थी. सबसे शुरुआती लड्डू तिल के बीज, गुड़ और मूंगफली को मिलाकर बनाए गए थे. आयुर्वेद के मुताबिक़ तिल में कई गुण होते हैं जो स्वास्थ्य को बेहतर करते हैं. 

नई माओं के लिए उपचार है लड्डू 
मेवे, गुड़ और हल्दी के लड्डू आज भी हॉट फेवरेट हैं. इन्हें नई मां को उपचार आहार के रूप में दिया जाता है. ये लड्डू न केवल स्वादिष्ट होते हैं बल्कि गर्भवती महिलाओं और नई मां की प्रतिरोधी क्षमता भी बेहतर करते हैं. 

बिहार से भी जुड़ते हैं बूंदी के लड्डू के तार 
 कन्नड़ भाषा में लिखे गए सूप शास्त्र के मुताबिक़ लड्डू के तार बिहार से भी जुड़ते हैं. वहां एक ऐसी मिठाई तैयार की जाती थी जिसमें बेसन की बूंदियों का इस्तेमाल  होता था. 
चोल वंश के इतिहास को पढ़ते हुए पता चलता है कि चोल सैनिक जब भी युद्ध के लिए निकलते थे अपने साथ लड्डू लेकर चलते थे कि भाग्य साथ रहे. 
यह था आपके प्रिय लड्डू का इतिहास जिसने धीरे-धीरे दवाई से लोगों की प्रिय मिठाई का रूप धर लिया. 

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