PM Modi Meets Volodymyr Zelensky: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के यूक्रेन दौरे को लेकर दुनिया भर में शांति की उम्मीदों के बीच पड़ोसी चीन और पाकिस्तान को मिर्ची लगी है. पीएम मोदी एक दिवसीय आधिकारिक दौरे पर शुक्रवार को यूक्रेन पहुंचे. राजधानी कीव में वोलोडिमिर जेलेंस्की ने उनका स्वागत किया तो चीन और पाकिस्तान की मीडिया जलन से भर उठे और तंज के लहजे में सवाल उठाए.
भारतीय 'योग डिप्लोमेसी' की सफलता पर चीनी मीडिया को शक
चीन के सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने पीएम मोदी के यूक्रेन दौरे पर लिखा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस और यूक्रेन दोनों के बीच समझौता करके परस्पर विरोधी पक्षों के बीच की खाई को पाटने में भारत के लचीलेपन को दिखाने के लिए "योग डिप्लोमेसी" का इस्तेमाल करने की उम्मीद कर रहे होंगे. हालांकि, विश्लेषकों का कहना है कि इस बार इसे सफल बनाने के लिए नई दिल्ली में ताकत की कमी है.
पाकिस्तानी वेबसाइट ने पीएम मोदी को बताया 'संभावित शांतिदूत'
वहीं, पाकिस्तान की प्रमुख वेबसाइट डॉन ने पीएम मोदी के कीव दौरे की रिपोर्ट में लिखा कि भारतीय नेता खुद को मॉस्को और कीव के बीच संभावित शांतिदूत के रूप में पेश कर रहे हैं. लेकिन उनकी यात्रा ढाई साल के युद्ध में एक नाटकीय क्षण में हुई है, जिसमें एक राजनयिक समझौता पहले से कहीं अधिक तिलस्मी दिखाई दे रहा है. कीव के मरिंस्की महल में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यूक्रेन की पहली यात्रा में मोदी ने भावुक दिख रहे जेलेंस्की को गले लगाया.
पीएम मोदी ने बुधवार को शुरू की थी पोलैंड और यूक्रेन की यात्रा
पीएम मोदी ने बुधवार को पोलैंड और यूक्रेन की अपनी यात्रा शुरू की. उन्होंने रूस-यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के लिए अभियान चलाने का वादा किया है. पोलैंड के बाद शुक्रवार को यूक्रेन पहुंचने के साथ ही पीएम मोदी तीन दशक से अधिक समय पहले राजनयिक संबंध स्थापित होने के बाद से इस देश की यात्रा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री बन गए. पीएम मोदी की यूक्रेन यात्रा उनकी 8-9 जुलाई की मॉस्को यात्रा के बाद हुई. अमेरिका और यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने उसकी आलोचना की थी.
ग्लोबल टाइम्स ने पीएम मोदी के यूक्रेन दौरे पर क्या-क्या लिखा?
ग्लोबल टाइम्स ने लिखा कि हाल के वर्षों में, भारत अपनी "योग डिप्लोमेसी" का प्रदर्शन कर रहा है. मीडिया आउटलेट्स ने इस शब्द का इस्तेमाल उस दृष्टिकोण के बारे में बताने के लिए किया है जिसे नई दिल्ली राष्ट्रों को एक साथ लाकर और उनके बीच दरारों को पाटकर अपने बढ़ते वैश्विक प्रभाव का दावा करने के लिए अपना रही है.
चीनी विशेषज्ञों ने कहा कि मोदी की यूक्रेन यात्रा इस "योग डिप्लोमेसी" का प्रतीक है, जिसका मकसद रूस और यूक्रेन दोनों के साथ जुड़ने की देश की क्षमता को दिखाना और रूस की पिछली यात्रा को लेकर कई पश्चिमी देशों की चिंताओं को कम करना है. हालांकि, उन्होंने शक जताया कि भारतीय नेता का कदम केवल अपना अस्तित्व दिखाने से ज्यादा कुछ होगा और उनका मानना है कि यह पहले से ही बढ़ते संकट को कम करने में कोई अहम भूमिका नहीं निभाएगा.
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पीएम मोदी के यूक्रेन दौरे पर पाकिस्तानी वेबसाइट डॉन ने क्या लिखा?
पाकिस्तानी वेबसाइट डॉन ने लिखा कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कीव की ऐतिहासिक यात्रा पर यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की से मुलाकात की. वह रूस के साथ यूक्रेन के दो साल से अधिक समय से चल रहे युद्ध को समाप्त करने के समाधान पर जोर दे रहे हैं. मोदी ने जेलेंस्की को गले लगाया. भारतीय नेता खुद को मॉस्को और कीव के बीच संभावित शांतिदूत के रूप में पेश कर रहे हैं. हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि क्या मोदी एक प्रभावी डीलमेकर हो सकते हैं? क्योंकि कीव की सेनाएं रूस के कुर्स्क क्षेत्र में बड़ी घुसपैठ कर रही हैं और मॉस्को की सेना पूर्वी यूक्रेन में आगे बढ़ रही है.
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