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भारत के 'जेम्स बॉन्ड' अजीत डोभाल को PAK में किसने पहचान लिया था? खुद सुनाया था किस्सा

Ajit Doval: एक बार फिर से अजीत डोभाल को केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया है. अजीत डोभाल का यह तीसरा कार्यकाल होगा. डोभाल को साल 2014 में नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर बनाया गया था. साल 2019 में भी उनके कार्यकाल को बरकरार रखा गया था.

भारत के 'जेम्स बॉन्ड' अजीत डोभाल को PAK में किसने पहचान लिया था? खुद सुनाया था किस्सा
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Gaurav Pandey|Updated: Jun 13, 2024, 07:51 PM IST

National Security Advisor: कोई भारत का जेम्स बॉन्ड कहता है.. कोई राष्ट्रीय सुरक्षा का हीरो कहता है.. कोई मोदी का तुरुप का इक्का.. तो पाकिस्तान का सबसे बड़ा डर कहता है. अजीत डोभाल के खाते में वैसे तो कई तमगे हैं लेकिन मोदी सरकार के पहले कार्यकाल की शुरुआत से ही अजीत डोभाल जबरदस्त चर्चा में बने रहे. अब एक बार फिर से अजीत डोभाल को केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया है. अजीत डोभाल का यह तीसरा कार्यकाल होगा. असल में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने गुरुवार को भारतीय पुलिस सेवा के पूर्व अधिकारी अजीत डोभाल को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया है. 

कूटनीतिक और काउंटर टेरेरिज्म स्पेशलिस्ट

एक आधिकारिक आदेश में यह जानकारी दी गई है. आधिकारिक आदेश में साफ कहा गया है कि उनकी नियुक्ति प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल के साथ या अगले आदेश तक रहेगी. 1968 बैच के आईपीएस अधिकारी अजीत डोभाल को कूटनीतिक एक्सपर्ट और काउंटर टेरेरिज्म का स्पेशलिस्ट माना जाता है. अजीत डोभाल अपने टैलेंट और मेहनत के बल पर लगातार आगे बढ़ते रहे. पंजाब और मिजोरम में उग्रवादी विरोधी अभियानों में उन्होंने सक्रिय और कारगर भूमिका निभाई थी. 

पाकिस्तान में अंडरकवर ऑपरेटिव

धीरे धीरे अजीत डोभाल को देश का जेम्स बॉन्ड कहा जाने लगा था. उन्होंने पाकिस्तान में जाकर भी कई वर्षों तक गुप्तचर के रूप में काम किया था. उन्होंने अंडरकवर ऑपरेटिव के रूप में सक्रिय आतंकवादी समूहों के बारे में खुफिया जानकारी जुताई. इसके लिए उन्होंने सात साल बिताए. वे पाकिस्तानी लोगों से बातचीत करते लेकिन उन्हें कोई भांप नहीं पाया था. हालांकि एक बार एक शख्स ने बातचीत के दौरान मजाक में ही उन्हें पहचान लिया कि वो मुस्लिम नहीं हैं. ये बात डोभाल ने खुद एक इंटरव्यू में बताई थी. इसके बाद भी वे पाकिस्तान में काम करते रहे. खुफिया एजेंट के रूप में काम करने के बाद, उन्होंने इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग में छह साल तक काम किया.

पाकिस्तान में पहचाने जाना वाला किस्सा.. खुद ही बताया 

एक बार एक इंटरव्यू में अजीत डोभाल ने बताया कि ये उन दिनों की बात है जब वे लाहौर में थे. वे मुस्लिम के गेट अप में वहां की एक चर्चित मस्जिद के पास जाया करते थे. तभी अचानक एक शख्स ने उन्हें बुलाया और तपाक से कहा कि आप मुस्लिम नहीं हो. डोभाल चौंक गए. उन्होंने पूछा कि कैसे मालूम चला तो उस शख्स ने कहा कि आपके कान में छेद क्यों है. इसके बाद अजीत डोभाल ने स्वीकार किया कि हां मैंने कन्वर्ट किया है. मजे की बात यह रही कि उस शख्स ने भी खुलासा किया कि वह भी कन्वर्टेड है. उसने बताया कि उसके परिवार को इन लोगों ने मार दिया था. इतना ही नहीं उस शख्स ने डोभाल को दुर्गा और भगवान की तस्वीरें भी दिखाईं, जो उसने अपने एक कमरे में रखी हुई थीं. 

खुफिया एजेंसियों में माहिर

डोभाल का ज्यादातर समय देश के खुफिया विभाग में बीता है. डोभाल के बारे में कहा जाता है कि वे देश की आंतरिक और बाहरी दोनों ही तरह की खुफिया एजेंसियों में माहिर हैं. वे इंटेलिजेंस ब्यूरो के चीफ रह चुके हैं. कई प्रधानमंत्रियों के साथ काम कर चुके हैं. राजीव गांधी के सतह भी उनकी कई तस्वीरें अभी भी सामने आती रही हैं. डोभाल का जन्म 20 जनवरी 1945 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में हुआ था. 

कई अभियानों का हिस्सा रहे.. 

वे लंबे समय तक विवेकानंद के गैर-सरकारी संगठन की एक शाखा विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन के निदेशक रहे हैं. अगर उनके मिशन के बारे में बात की जाए तो ईराक से नर्सों की वापसी, सर्जिकल स्ट्राइक, चीन के साथ डोकलाम विवाद, म्यांमार में सैन्य ऑपरेशन, कंधार विमान कांड में वार्ताकार, जम्मू कश्मीर में 370, मिजोरम पंजाब में उग्रवाद विरोधी अभियान जैसे मामलों में उनकी जबरदस्त और सक्रिय भूमिका रही है. 

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