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तो पिघलने लगी कांग्रेस-TMC रिश्तों की बर्फ? संसद सत्र के लिए ममता ने विपक्ष की तैयार कर दी पिच

TMC Congress: ममता की तरफ से तीन नए कानूनों पर पीएम मोदी को पत्र लिखना, चिदंबरम और ममता की गर्मजोशी भरी मुलाकात, अधीर रंजन का हटना, ये टीएमसी और कांग्रेस के लिए नई पटकथा का प्लॉट लिख रहा है. अब निगाहें संसद सत्र पर हैं.

तो पिघलने लगी कांग्रेस-TMC रिश्तों की बर्फ? संसद सत्र के लिए ममता ने विपक्ष की तैयार कर दी पिच
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Gaurav Prabhat Pandey|Updated: Jun 21, 2024, 11:02 PM IST

Mamata Banerjee News: लोकसभा चुनाव में ममता की टीएमसी और कांग्रेस ने अलग होकर चुनाव लड़ा था. दोनों पार्टियों के बीच कहा सुनी भी बढ़ गई थी, ममता ने तो यहां तक कह दिया था कि कांग्रेस देशभर में चालीस से ज्यादा सीटें नहीं जीत पाएगी. लेकिन अब चुनाव बाद एक बार फिर से कांग्रेस टीएमसी के रिश्तों पर बर्फ पिघलने वाली है, इसके कई संकेत मिले हैं. इसी बीच ममता बनर्जी ने पीएम मोदी को पत्र लिखा है. ममता ने पीएम को पत्र लिखकर तीन नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन को टालने का आग्रह किया है. ये तीनों कानून एक जुलाई से लागू होने हैं.

ममता ने पीएम मोदी को लिख दिया पत्र

असल में ममता ने आपराधिक कानूनों की नये सिरे से संसदीय समीक्षा पर जोर दिया. तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने मोदी को लिखे पत्र में तीनों कानूनों के कार्यान्वयन को लेकर गंभीर चिंता जताई. ये तीन नये कानून हैं, भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम. इससे पहले तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन पहले ही गृह मंत्री अमित शाह को इन कानूनों को स्थगित रखने का अनुरोध कर चुके हैं. 

ममता की चिदंबरम से मुलाकात

इसी बीच जानकारी के मुताबिक टीएमसी सुप्रीमो ने गुरुवार को वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम से भी मुलाकात की, जो विधेयकों की जांच करने वाली संसद की स्थायी समिति का हिस्सा थे, और उनसे इस मुद्दे पर चर्चा की. टीएमसी नेता डेरेक ओ'ब्रायन, द्रमुक नेता एनआर एलंगो और चिदंबरम ने तीनों विधेयकों पर अपनी रिपोर्ट में असहमति जताई थी. 

संसद में घमसान के आसार

राजनीतिक एक्सपर्ट्स के मुताबिक विपक्ष इन तीनों कानूनों को स्थगित रखने के लिए संसद सत्र के दौरान दबाव बना सकती है. इतना ही नहीं विपक्ष नीट और यूजीसी-नेट विवादों पर सरकार को घेरने के लिए भी कमर कस रही हैं. वहीं पश्चिम बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी अब लोकसभा में कांग्रेस के नेता नहीं हैं. ममता के कट्टर आलोचक चौधरी इस बार अपने गढ़ रहे बहरामपुर में टीएमसी से चुनाव हार गए. यह भी एक कारण है कि संसद में दोनों दलों के बीच समन्वय में सुधार होगा क्योंकि बंगाल में ममता और अधीर की राजनीतिक लड़ाई किसी से छिपी नहीं है.

प्रोटेम स्पीकर मुद्दे पर भी एकजुट

जानकारी यह भी सामने आई है कि इंडिया गठबंधन के दलों ने वरिष्ठ कांग्रेस सांसद कोडिकुन्निल सुरेश को प्रोटेम स्पीकर के रूप में नियुक्त नहीं करने के सरकार के फैसले पर विचारों का आदान-प्रदान किया है. इस पर भी रार की संभावना है. फिलहाल जो भी हो बड़ी बात यही है कि कांग्रेस और ममता के रिश्ते एक बार फिर पटरी पर लौट रहे हैं. और अब तो कांग्रेस ने संसद सत्र के लिए विपक्ष की पिच भी तैयार कर दी है. 

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