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Explainer: 3.30 बजते ही बीप-बीप करने लगे पेजर, फिर धमाके... हिजबुल्ला पर 'मोसाद स्टाइल' में हमले की इनसाइड स्टोरी

Lebanon News: लेबनान और सीरिया में हिजबुल्ला को निशाना बनाकर किए गए हमलों में कम से कम नौ लोग मारे गए हैं. करीब तीन हजार घायल हैं. यह हमले पेजर डिवाइसेज में सेंध लगाकर किए गए.

Explainer: 3.30 बजते ही बीप-बीप करने लगे पेजर, फिर धमाके... हिजबुल्ला पर 'मोसाद स्टाइल' में हमले की इनसाइड स्टोरी
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Deepak Verma|Updated: Sep 18, 2024, 09:28 AM IST

Pager Attack In Lebanon: इजरायल की खुफिया एजेंसी 'मोसाद' ने हिजबुल्ला पर पेजर अटैक कर पूरी दुनिया को हैरान कर दिया है. किसी ने सोचा भी नहीं था कि कम्युनिकेशन की यह बेसिक डिवाइस इतनी खतरनाक साबित हो सकती है. हिजबुल्ला के मुताबिक, मंगलवार दोपहर करीब 3.30 बजे उसके द्वारा यूज किए जा रहे पेजर अचानक फटने लगे. धमाकों के कुछ घंटों बाद यह पता चला कि हर पेजर की बैटरी के पास विस्फोटक प्लांट किए गए थे. साथ में एक स्विच लगा था जिससे दूर बैठकर धमाका किया जा सकता था. दोपहर 3.30 बजे हिजबुल्ला मेंबर्स के पेजर्स पर एक मैसेज फ्लैश हुआ. कुछ सेकेंड की बीप-बीप के बाद पेजर्स में धमाका होने लगा.

मोसाद और IDF का साझा ऑपरेशन

पेजर में धमाकों के जरिए लेबनान और सीरिया में हिजबुल्ला ऑपरेटिव्स को टारगेट किया गया. रॉयटर्स, सीएनएन, न्यूयॉर्क टाइम्स समेत अलग-अलग मीडिया संस्थानों ने सूत्रों के हवाले से कहा कि यह इजरायल की डिफेंस फोर्स (IDF) और मोसाद का संयुक्त ऑपरेशन था. NYT के अनुसार, इजरायल ने ताइवान में बने पेजर्स के एक बैच में विस्फोटक लगाए. इन पेजर्स को लेबनान ने आयात किया और हिजबुल्ला को दिए.

यह भी देखें: बचने के लिए ही मोबाइल की जगह पेजर चला रहे थे हिजबुल्ला आतंकी, इजरायल ने फिर भी चुन-चुनकर ऐसे मारा

कैसे पेजर को बनाया गया विस्फोटक डिवाइस?

पेजर जिसे 'बीपर' भी कहते हैं, एक छोटी सी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस होती है जिसके जरिए बेहद छोटे संदेश रिसीव और सेंड किए जा सकते हैं. ये रेडियो फ्रीक्वेंसी पर काम करते हैं. जब कोई मेसेज आता है तो पेजर बीप करता है. नब्बे के दशक में पेजर्स का खूब इस्तेमाल होता था. अब चलन से बाहर होने के बावजूद, हेल्थकेयर और इमरजेंसी सेवाओं में अब भी पेजर का यूज होता है.

NYT की रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार को जिन पेजर्स में धमाका हुआ, वे ताइवान में बने थे. हिजबुल्ला ने गोल्ड अपोलो नाम की कंपनी से ये पेजर मंगाए थे. हालांकि, उनके लेबनान पहुंचने से पहले ही इन पेजर्स से छेड़छाड़ की जा चुकी थी. रिपोर्ट्स के अनुसार, 30-50 ग्राम विस्फोटक को हर पेजर की बैटरी के ठीक बगल में लगाया गया था. एक स्विच भी था जिससे दूर बैठे हुए, रिमोट के जरिए धमाके ट्रिगर किए जा सकते थे.

इजरायल ने आखिर किस तकनीक से पेजर में किया सीरियल ब्लास्ट, कंट्रोल्ड ब्लास्ट कैसे हुआ मुमकिन?

लेबनान में मंगलवार दोपहर 3.30 बजे पेजर्स पर एक मैसेज फ्लैश हुआ. ऐसे दिखा जैसे हिजबुल्ला की लीडरशिप ने भेजा हो. लेकिन असल में इस मेसेज ने विस्फोटकों को एक्टिव कर दिया. रिपोर्ट्स के अनुसार, पेजर्स को इस तरह से प्रोग्राम किया गया था कि वे धमाके से पहले कई सेकेंड्स तक बीप करते रहें.

इजरायल ने साध ली चुप्पी

धमाकों के फौरन बाद, हिजबुल्ला ने इजरायल पर हमला करने का आरोप लगाया. हिजबुल्ला के मुताबिक, उसके सदस्य जिन पेजर्स का इस्तेमाल करते थे, उसमें लिथियम बैटरियां लगी थीं. इजरायल ने हमले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, न ही यह कहा कि वह इसके पीछे था. हालांकि, सोमवार को ही, इजरायल के रक्षा मंत्री योआव गैलेंट ने अमेरिकी दूत अमोस होचस्टीन के साथ एक बैठक के दौरान कहा था कि हिजबुल्ला के साथ कूटनीति का समय बीत चुका है और सैन्य शक्ति केंद्र में आ सकती है. कुछ ही घंटों बाद, इजरायल के दुश्मन के पूरे कम्युनिकेशन सिस्टम को ही तबाह कर दिया गया.

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