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Explainer: RBI क्‍यों देगा 2.11 लाख करोड़ रुपये, सरकार को क्‍या होगा फायदा? आसान भाषा में समझ‍िए

What is Fiscal Deficit: आसान शब्‍दों में कहें तो फिस्कल डेफिसिट तब होता है जब किसी भी सरकार की अलग- अलग सोर्स से होने वाली आमदनी खर्च के मुकाबले कम हो जाती है. यानी सरकार को जो आमदनी होती है. लेक‍िन वेतन, सब्सिडी, ब्याज भुगतान आद‍ि में इससे ज्‍यादा खर्च क‍िया जाता है.

Explainer: RBI क्‍यों देगा 2.11 लाख करोड़ रुपये, सरकार को क्‍या होगा फायदा? आसान भाषा में समझ‍िए
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Kriyanshu Saraswat|Updated: May 23, 2024, 03:04 PM IST

RBI Dividend To Govt: 4 जून को लोकसभा चुनाव के नतीजे जारी हो जाएंगे. इससे पहले देश में बनने वाली नई सरकार के ल‍िए आरबीआई (RBI) की तरफ से बड़े तोहफे का ऐलान क‍िया गया है. र‍िजर्व बैंक के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने केंद्र को व‍ित्‍त वर्ष 2023-24 के ल‍िए 2.11 लाख करोड़ रुपये (2,10,874 करोड़ रुपये) का डिविडेंड देने का ऐलान क‍िया है. आरबीआई (RBI) ने यह ऐलान बैंकों की तरफ से क‍िये गए शानदार प्रदर्शन के बाद ल‍िया है. आरबीआई ने जि‍स डिविडेंड को देने की बात कही है, उसकी दूर से दूर तक उम्‍मीद नहीं थी. सरकार ने अंतर‍िम बजट में 1.02 लाख करोड़ मिलने का अनुमान जताया था. दूसरी तरफ शेयर बाजार ने 1-1.1 लाख करोड़ का डिविडेंड म‍िलने की उम्‍मीद जताई थी.

आरबीआई ने क्‍यों द‍िया यह पैसा

रिजर्व बैंक (RBI) हर साल सरकार को मुनाफे का एक हिस्सा डिविडेंड के रूप में देता है. आरबीआई के ल‍िए इस न‍ियम का पालन करना अधिनियम, 1934 के तहत जरूरी है. इस पर केंद्रीय बैंक की तरफ से अब तक का सबसे बड़ा डिविडेंड देने का ऐलान क‍िया गया है. पिछले साल इंड‍ियन इकोनॉमी में बूस्‍ट देखा गया, जिससे RBI के मुनाफे में भी बढ़ोतरी देखी गई. आरबीआई ने महंगाई को काबू में रखने के ल‍िए रेपो रेट में इजाफा क‍िया था, इससे बैंक की आमदनी में बढ़ोतरी हुई. सरकार र‍िजर्व बैंक से म‍िलने वाले डिविडेंड का इस्‍तेमाल अलग-अलग कामों में करती है.

सरकार को क्‍या फायदा होगा?
आरबीआई ने 2.11 लाख करोड़ रुपये के डिविडेंड का ऐलान करके से सबको चौंका द‍िया है. हालांक‍ि यह पैसा नई सरकार के गठन के बाद ही सौंपा जाएगा. केंद्रीय बैंक का यह फैसला सरकार की व‍ित्‍तीय स्थिति के लिए मददगार सा‍ब‍ित होगा. इससे पहले फाइनेंश‍ियल ईयर में आरबीआई की तरफ से केंद्र सरकार को बतौर डिविडेंड 87,416 करोड़ रुपये दिये गए थे. अब जब ड‍िव‍िडेंड करीब 150 प्रत‍िशत बढ़ गया है तो इससे फिस्कल डेफिसिट को करीब 0.2 प्रतिशत कम करने में मदद म‍िलेगी. अंतरिम बजट में व‍ित्‍त मंत्रालय की तरफ से फाइनेंश‍ियल ईयर 2025 के लिए फिस्कल डेफिसिट को 5.8 प्रतिशत से घटाकर 5.1 प्रतिशत करने का लक्ष्‍य रखा गया था.

फिस्कल डेफिसिट कम हो सकेगा
यह अब तक का सबसे बड़ा डिविडेंड है और इसे बिमल जालान कमेटी की सिफारिश के आधार पर द‍िया जा रहा है. फाइनेंश‍ियल ईयर 2023 और 2024 के डिविडेंड की तुलना करें तो इस बार 141 प्रत‍िशत ज्‍यादा डिविडेंड द‍िया जा रहा है. नई आने वाली सरकार को इससे बड़ी मदद म‍िलेगी. सरकार इस पैसे के इस्‍तेमाल से फिस्कल डेफिसिट कम कर सकेगी. साथ ही नई नई योजनाओं पर होने वाले खर्च में भी मदद म‍िलेगी. इस पैसे के इस्‍तेमाल से सरकार की तरफ से जनकल्याणकारी योजनाओं के लिए पैसा इकट्ठा करना भी पहले के मुकाबले आसान हो जाएगा.

फिस्कल डेफिसिट क्‍या है?
फिस्कल डेफिसिट यानी राजकोषीय घाटा. आसान शब्‍दों में कहें तो फिस्कल डेफिसिट तब होता है जब किसी भी सरकार की अलग- अलग सोर्स से होने वाली आमदनी खर्च के मुकाबले कम हो जाती है. मसलन सरकार को टैक्‍स आद‍ि से आमदनी होती है. लेक‍िन सरकार की तरफ से खर्चा वेतन, सब्सिडी, ब्याज भुगतान आद‍ि के ल‍िए क‍िया जाता है. यह स्‍थ‍ित‍ि सही नहीं होती क्‍योंक‍ि इसका मतलब हुआ क‍ि सरकार अपने खर्च को पूरा करने के ल‍िए उधार ले रही है. फिस्कल डेफिसिट बढ़ने का कारण यह होता है क‍ि सरकार यद‍ि कम टैक्‍स या शुल्क वसूल करती है या इकोनॉमी धीमी गति से बढ़ रही है तो उसे कम रेवेन्‍यू म‍िलेगा.

कैसे होगा डिविडेंड का भुगतान
डिविडेंड का भुगतान आमतौर पर आरबीआई की तरफ से दो क‍िश्‍तों में क‍िया जाता है. पहला अंतरिम डिविडेंड और दूसरा अंतिम डिविडेंड. सरकार इसके जर‍िये से अलग-अलग मद में खर्चा करती है. यह खर्च एजुकेशन, हेल्‍थ और बुनियादी इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर के लिए क‍िया जाता है. डिविडेंड का भुगतान इकोनॉमी को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है. यह सरकार को खर्च करने के लिए अत‍िर‍िक्‍त पैसा देता है.

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