Donald Trump Hush-Money Trial: डोनाल्ड ट्रंप के नाम एक अनचाहा रिकॉर्ड दर्ज हो गया है. वह आपराधिक मामले में ट्रायल का सामना करने वाले पहले पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति हैं. ऐतिहासिक 'हश-मनी' ट्रायल का मंगलवार को दूसरा दिन था. न्यूयॉर्क शहर से 12 ज्यूरी मेंबर्स को चुना जाना है. यह ज्यूरी तय करेगी कि ट्रंप दोषी हैं या नहीं. मैनहट्टन डिस्ट्रिक्ट के अटॉर्नी एल्विन ब्रैग ने ट्रंप पर 34 बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं. ट्रंप पर 2016 चुनाव से कुछ समय पहले पॉर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स को किए गए 'सीक्रेट' पेमेंट को कवर-अप करने के लिए व्यावसायिक रिकॉर्ड में हेराफेरी का आरोप है. डेनियल्स के मुताबिक, ट्रंप के साथ उनके करीब एक दशक पहले से सेक्सुअल रिलेशंस थे. ट्रंप ने सभी आरोपों से इनकार किया है. वह दोबारा अमेरिका का राष्ट्रपति बनने की रेस में हैं और जो बाइडेन को कड़ी चुनौती पेश कर रहे हैं. ऐसे में अगर ज्यूरी का फैसला उनके खिलाफ जाता है तो क्या होगा? अगर ट्रंप को दोषी करार दिया गया तो क्या राष्ट्रपति पद पर उनकी दावेदारी भी खत्म हो जाएगी? जानिए.
यह मामला 2016 के राष्ट्रपति चुनाव से कुछ समय पहले का है. कथित तौर पर अक्टूबर 2016 में, डेनियल्स को 1,30,000 डॉलर का पेमेंट किया गया. उन समय ट्रंप के वकील रहे माइकल कोहेन ने यह रकम डेनियल्स को 'चुप रहने' के बदले दी थी. डेनियल्स और ट्रंप के बीच कथित तौर पर पहले कभी यौन संबंध बने थे. शुरू में ट्रंप ने ऐसे किस पेमेंट की जानकारी से इनकार किया. बाद में उन्होंने माना कि 'एक सिंपल प्राइवेट ट्रांजेक्शन' के लिए उन्होंने कोहेन को पैसा दिया था. उसी साल, कोहेन ने कई आरोप कबूल कर लिया.
कोहेन ने गवाह बनकर कहा कि ट्रंप और उनकी कंपनी ने झूठे दस्तावेज तैयार किए. डेनियल्स वाले पेमेंट को 'कानूनी खर्च' के रूप में दिखाया गया. जांचकर्ताओं ने माना कि डेनियल्स को जो रकम दी गई थी, वह ट्रंप कैंपेन को मिला 'अनुचित चंदा' थी. न्यूयॉर्क के कानून के मुताबिक, कंपनी रिकॉर्ड्स में गलत एंट्री करना गलत है. लेकिन किसी और अपराध को छिपाने के लिए रिकॉर्ड में हेरफेर करना - इस मामले में संभावित सेक्स स्कैंडल को चुप कराने के लिए चुनाव कानून का उल्लंघन - एक घोर अपराध है.
अभियोजन पक्ष ने ट्रंप पर व्यावसायिक रिकॉर्ड में हेराफेरी करने के 34 गंभीर आरोप लगाए हैं. ट्रंप ने सभी में खुद को निर्दोष बताया है. न्यूयॉर्क का कानून कहता है कि हर अपराध के लिए अधिकतम सजा चार साल की जेल है. पहली बार अपराध करने वालों को (ट्रंप जैसे) हल्की सजा मिलती है. ऐसा व्यक्ति जिसका कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड न हो, उसे दस्तावेजों में हेरफेर के लिए जेल भेजा जाना दुर्लभ है.
दोषी करार दिए जाने पर ट्रंप को जुर्माना, प्रोबेशन या घरेलू कारावास जैसी सजा दी जा सकती है. चूंकि ट्रंप पूर्व राष्ट्रपति हैं तो उन्हें ताउम्र सीक्रेट सर्विस की सुरक्षा मिलती है. उसके साथ उन्हें जेल में रख पाना बड़ा मुश्किल होगा. अगर ट्रंप को दोषी करार देकर जेल भेजा भी जाता है तो वह अपील दायर कर जमानत पर बाहर आ सकते हैं.
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कोई कानूनी प्रावधान तो ट्रंप को दोषी करार दिए जाने के बावजूद राष्ट्रपति बनने से नहीं रोकता. अमेरिकी संविधान में राष्ट्रपति पद की योग्यता शर्तें उतनी कड़ी नहीं हैं. राष्ट्रपति की उम्र कम से कम 45 साल होनी चाहिए, वह 'नेचुरल बॉर्न' नागरिक होना चाहिए, अमेरिका में कम से कम 14 साल रहा हो. अगर ट्रंप को सजा हो जाती है तो भी वे जेल से या घरेलू कैद में शपथ ले सकते हैं.
अमेरिका का सिस्टम इस मामले में भारत से अलग है. अपने यहां राष्ट्रपति की न्यूनतम उम्र 35 साल तय की गई है. वह लोकसभा का सांसद बनने की सभी योग्यताओं को पूरा करता हो. जनप्रतिनिधि कानून कहता है कि अगर किसी को आपराधिक मामले में दो या उससे ज्यादा साल की सजा हो तो वह व्यक्ति अगले 6 साल तक चुनाव नहीं लड़ सकता.