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शेख हसीना के तख्तापलट के पीछे अमेरिका का हाथ? बांग्लादेश तोड़कर ईसाई देश बनाने की थी साजिश

Bangladesh Crisis: बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना को सत्ता से बेदखल करने में अमेरिकी और उसकी एजेंसियों का हाथ है? दुनिया भर में इस बात की जबरदस्त चर्चा बहुत तेज है. खास तौर पर अब सभी शेख हसीना के उस बयान को याद कर रहे, जिसमें उन्‍होंने कहा था कि एक अंग्रेज देश बांग्‍लादेश को तोड़कर एक अलग ईसाई देश बनाना चाहता है, जो मैं होने नहीं दूंगी, जानें पूरा मामला.    

शेख हसीना के तख्तापलट के पीछे अमेरिका का हाथ? बांग्लादेश तोड़कर ईसाई देश बनाने की थी साजिश
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krishna pandey |Updated: Aug 07, 2024, 08:27 AM IST

Sheikh Hasina: पूरी दुनिया भर में कोई भी मामला हो अमेरिका का नाम जरूर सामने आता है, बांग्‍लादेश में जिस तरह से तख्‍तापलट हुआ उसमें भी अमेरिका का नाम सामने आ रहा है. इजराइल-हमास, रूस-यूक्रेन, भारत-पाकिस्‍तान, चीन-ताइवान,  अजरबैजान-आर्मेनिया के हर मामले में अमेरिका की भूमिका किसी न किसी रूप में है. अब बांग्‍लादेश में  जिस तरह शेख हसीना को तत्‍काल देश छोड़कर भागना पड़ा, उसमें भी अमेरिका का खतरनाक प्‍लान बताया जा रहा है. 

अमेरिका ने रची साजिश
पूरी दुनिया में अपने वर्चस्व की लड़ाई लड़ रहा अमेरिका हमेशा इस ताक में रहता है कि कैसे भी, कही भी उसका कब्‍जा हो, उसकी ताकत बढ़े, पूरी दुनिया में उसके नाम का डंका बजे, तभी तो अमेकिरा की चाहत बांग्‍लादेश को तोड़ने की थी, यह मैं नहीं कह रहा, बांग्‍लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना ने अपने एक बयान से पूरी देश-दुनिया को चौंका दिया था. बांग्लादेशी पीएम शेख हसीना का कहना था कि अमेरिका हमें तोड़ने की कोशिश कर रहा है. शेख हसीना ने कहा कि बांग्लादेश में सैन्य अड्डे के लिए बेचैन अमेरिका बांग्लादेश और म्यांमार से नया देश बनाने की साजिश रच रहा  है. 

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एयरबेस​ बनाने दो, सत्‍ता चलने देंगे
इसी साल 2024 के मई महीने में बांग्लादेश के तत्कालीन पीएम शेख हसीना ने कहा था, "अगर मैंने एक खास देश को बांग्लादेश में एयरबेस बनाने की अनुमति दी होती, तो मुझे कोई समस्या नहीं होती." उन्होंने कहा कि यह प्रस्ताव एक "व्हाइट मैन" की ओर से आया था, लेकिन उन्होंने किसी देश का नाम नहीं बताया. उन्होंने आगे कहा था कि ऐसा लग सकता है कि यह केवल एक देश के लिए है, लेकिन ऐसा नहीं है. मुझे पता है कि वे और कहां जाने का इरादा रखते हैं.

अमेरिका बांग्‍लादेश में क्‍यों बनाना चाहता है एयरबेस?
अब बड़ा सवाल यह है कि आखिर अमेरिका बांग्‍लादेश को क्‍यों तोड़ना चाहता है, एयरबेस क्‍यों बनाना चाहता है तो अमेरिका की मंशा एक दम साफ है. एशिया में दादागिरी जमाने के लिए अमेरिका को एक जगह चाहिए. और जिससे वह चीन, हिंद महासागर और भारत समेत कई देशों में दखल दे सके. दुनिया के लगभग 80 देशों में अमेरिका के 175 से अधिक बेस बने हुए हैं. यहां अमेरिकी फोर्स मौजूद हैं. दुनियाभर में अमेरिका के दो लाख सैनिक की मौजूदगी है. अमेरिका दुनिया पर कंट्रोल करने के लिए एक विशेष क्षेत्र में अपना बेस बनाकर छोड़ देता है.  लेकिन म्यामांर, भूटान, नेपाल, बांग्लादेश हो या भारत अमेरिकी  बेस की मौजूदगी नहीं है. इस पूरे इलाके को संवेदनशील माना जाता है. 

ईसाई देश बनाने का था प्लान
बांग्लादेश के पूर्व पीएम शेख हसीना कहा था कि 'पूर्वी तिमोर की तरह वे बांग्लादेश (चटगांव) और म्यांमार के कुछ हिस्सों को लेकर एक ईसाई देश बनाएंगे और बंगाल की खाड़ी में एक बेस बनाएंगे. हसीना ने कहा कि कई लोगों की नजर इस जगह पर है. हालांकि, शेख हसीना ने किसी भी दबाव के आगे न झुकने की कसम खाई थी. शेख हसीना ने कहा कि अमेरिका और ब्रिटेन समेत पश्चिमी देश एक ईसाई बहुल मुल्क बनाने की साजिश रच रहे हैं. इसे बनाने के लिए बांग्लादेश, म्यांमार और कुछ हिस्सा भारत का भी शामिल करके इसे बनाया जाएगा. इसे बनाने के लिए ईस्ट तिमोर का मॉडल कॉपी किया जाएगा. बांग्लादेश की पीएम का कहना है कि अमेरिका कुकी चिन, यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट के साथ मिलकर कुछ ऐस प्लानिंग कर रहा है. 

बांग्लादेश के इस द्वीप पर अमेरिकी की नजर
अमेरिका की नजर कई सालों से बंगाल की खाड़ी में मौजूद एक छोटे से द्वीप सेंट मार्टिन पर है, जो बांग्लादेश के सबसे दक्षिणी भाग का हिस्सा है.  केवल 3 किलोमीटर क्षेत्रफल वाला यह द्वीप कॉकस बाजार-टेकनॉफ प्रायद्वीप से लगभग 9 किमी दक्षिण में स्थित है. अमेरिका लंबे समय से सेंट मार्टिन द्वीप पर नौसैनिक अड्डा स्थापित करने की मांग कर रहा है.  शेख हसीना ने कहा कि अमेरिका और ब्रिटेन समेत पश्चिमी देश एक ईसाई बहुल मुल्क बनाने की साजिश रच रहे हैं. इसे बनाने के लिए बांग्लादेश, म्यांमार और कुछ हिस्सा भारत का भी शामिल करके इसे बनाया जाएगा. इसे बनाने के लिए ईस्ट तिमोर का मॉडल कॉपी किया जाएगा. बांग्लादेश की पीएम का कहना था कि अमेरिका कुकी चिन, यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट के साथ मिलकर कुछ ऐस प्लानिंग कर रहा है.

शेख हसीना ने नहीं माना कहना तो छोड़नी पड़ी सत्‍ता? अमेरिका ने रद्द किया वीजा 
बांग्लादेश हिंसा की आग में ऐसा झुलसा कि वहां की प्रधानमंत्री शेख हसीना को ना सिर्फ अपना पद छोड़ना पड़ा, बल्कि वहां से भागने के लिए भी उन्हें मजबूर होना पड़ा. इसके बाद वहां के बागडोर सेना ने संभाल ली. शेख हसीना की सत्‍ता जिस तरह गई है, उसके बाद अब इस बात की चर्चा तेज हो गई है कि शेख हसीना अगर अमेरिका का कहना मान लेती तो उनकी सत्‍ता बची रहती. इसी बीच शेख हसीना को अमेरिका ने बड़ा झटका दिया है. अमेरिका ने शेख हसीना का वीजा रद्द कर दिया है। इसका मतलब है कि हसीना शरण लेने अब अमेरिका के लिए नहीं जा सकेंगी. 

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