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रणबीर कपूर की 'एनिमल' पर भड़के स्वानंद किरकिरे, कहा- 'भारतीय सिनेमा का गौरवशाली इतिहास शर्मसार'

Ranbir Kapoor Animal criticises by Swanand Kirkire: संदीप रेड्डी वांगा द्वारा निर्देशित फिल्म 'एनिमल' अतिहिंसक और स्त्रीद्वेषी होने के कारण आलोचना का शिकार भी हो रही है. रणबीर कपूर की फिल्म के बारे में गीतकार स्वानंद किरकिरे ने एक के बाद एक सिलसिलेवार ट्वीट किए हैं. 

रणबीर कपूर की 'एनिमल' पर गीतकार स्वानंद किरकिरे ने किए सिलेसिलेवार ट्वीट
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Mridula Bhardwaj|Updated: Dec 03, 2023, 04:50 PM IST

Ranbir Kapoor Animal criticises by Swanand Kirkire: रणविजय सिंह बलबीर की भूमिका में रणबीर कपूर स्टारर 'एनिमल' इस शुक्रवार 1 दिसंबर को सिनेमाघरों में रिलीज हुई. एक्शन ड्रामा ने बॉक्स ऑफिस पर बंपर ओपनिंग की और रिलीज के दो दिनों के भीतर भारत में 100 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई कर ली है. हालांकि, फिल्म को अतिहिंसक और स्त्रीद्वेषपूर्ण होने के लिए भी आलोचना का शिकार होना पड़ रहा है.

लोकप्रिय गीतकार स्वानंद किरकिरे ने रणबीर कपूर की फिल्म 'एनिमल' पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने एक के बाद एक कई सिलसिलेवार ट्वीट किए और इस फिल्म को लेकर अपनी राय दी. उन्होंने शुरुआत की, 'महबूब खान की औरत. गुरुदुत्त की - साहब बीवी और ग़ुलाम , हृषीकेश मुखर्जी की - अनुपमा , श्याम बेनेगल की अंकुर और भूमिका , केतन मेहता की मिर्च मसाला , सुधीर मिश्रा की मैं ज़िंदा हूं , गौरी शिंदे की इंगलिश विंगलिश , बहल की क्वीन सुजीत सरकार की पीकू आदि हिंदुस्तानी सिनेमा की कई ऐसी  फ़िल्में हैं  जिन्होंने मुझे सिखाया कि स्त्री ,उसके अधिकार उसकी स्वायत्तता की इज़्ज़त कैसे की जानी चाहिये और सबकुछ समझ बूझ कर भी सदियों पुरानी इस सोच में अब भी कितनी कमियाँ हैं. पता नहीं सफल हुआ या नहीं पर लगातार अपने आप को सुधार ने की कोशिश आज भी कर रहा हूं।'

एनिमल देख कर मुझे सचमुच आज की पीढ़ी की स्त्रियों पर दया आयी'
स्वानंद किरकिरे ने लिखा, 'सब सिनेमा की बदौलत. पर आज एनिमल फ़िल्म देख कर मुझे सचमुच आज की पीढ़ी की स्त्रियों पर दया आयी ! आप के लिये फिर एक नया पुरुष तैयार किया गया है जो ज़्यादा डरावना है, वो आपकी इतनी भी इज़्ज़त नहीं करता और जो आप को झुकाने, दबाने और उस पर  गर्व करने को अपना पुरुषार्थ समझता. आज की पीढ़ी की लड़कियों तुम उस सिनेमा हॉल में बैठ रश्मिका के पीटने पर जब तालियां पीट रही थी तो मैंने मन ही मन समता के हर विचार को श्रद्धांजलि दे दी. मैं घर आ गया हूं. हताश निराश और दुर्बल!' 

'भारतीय सिनेमा का गौरवशाली इतिहास शर्मिंदा हो रहा है'
उन्होंने आगे लिखा, 'रणवीर के उस संवाद जिसमें वो अल्फा मेल को डिफाइन करता है और कहता है जो मर्द अल्फा नहीं बन पाते वो सारे स्त्री का भोग पाने के लिए कवि बन जाते है और चाँद तारे तोड़ कर लाने के वादे करने लगते है. मैं कवि हूँ ! कविता करता हूँ जीने के लिए ! मेरी कोई जगह है ?. एक फ़िल्म बहुत पैसे कमा रही है और भारतीय सिनेमा का गौरवशाली इतिहास शर्मिंदा हो रहा है! मेरी समझ से ये फ़िल्म  हिंदुस्तानी सिनेमा के भविष्य को नये सिरे से निर्धारित करेगी, एक अलग भयानक ख़तरनाक दिशा में!'

बता दें कि रणबीर कपूर के अलावा इस फिल्म में बॉली देओल, अनिल कपूर और रश्मिका मंदाना भी मुख्य किरदारों में हैं. संदीप रेड्डी वांगा की पिछली दो फिल्में अर्जुन रेड्डी और कबीर सिंह की भी उनके विषयों के लिए आलोचना की गई थी. 

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