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Karan Johar: साउथ की फिल्मों पर करण जौहर ने साधा निशाना, बोले- इन फिल्मों से इंस्पायर हीरो है स्त्री विरोधी

Karan Johar Films: साउथ का सिनेमा बॉक्स ऑफिस पर चल रहा है और हिंदी फिल्मों में भी उसकी नकल हो रही है. परंतु साउथ की फिल्मों के अपने खतरे हैं, जिनका समाज पर और खास तौर पर महिलाओं पर नकारात्मक असर पड़ता है. खुद करण जौहर ने कही है कुछ ऐसी बातें, जिन पर गौर करना चाहिए...  

Karan Johar: साउथ की फिल्मों पर करण जौहर ने साधा निशाना, बोले- इन फिल्मों से इंस्पायर हीरो है स्त्री विरोधी
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Ravi Buley|Updated: Oct 26, 2023, 07:32 PM IST

Karan Johar Interview: क्या साउथ का सिनेमा न केवल बॉलीवुड (Bollywood) के लिए खतरे की घंटी है, बल्कि समाज के लिए भी खतरनाक और स्त्री विरोधी भी हैॽ सिनेमा के गंभीर विमर्श में हमेशा यह बात कही जाती है, लेकिन अब बॉलीवुड के दिग्गज निर्देशक करण जौहर (Karan Johar) ने भी साउथ के सिनामे के खतरे पर कुछ महत्पूर्ण बातें कही हैं. हाल ही में एक इंटरव्यू में करण जौहर से बॉलीवुड फिल्मों में महिलाओं के खिलाफ मर्दवादी सोच को लेकर कुछ सवाल पूछे गए थे. करण जौहर ने कहा अन्य फिल्म निर्माताओं के साथ मुझे भी नहीं पता कि हम क्या कर रहे हैंॽ हम लोग बिना सिर वाले मुर्गों की तरह घूम रहे हैं.

बात कबीर सिंह की
करण जौहर ने केजीएफ (KGF) और पुष्पा (Pushpa) जैसी साउथ फिल्मों का नाम लिया और कहा कि हम लोग साउथ सिनेमा से सब गलत बातें सीख रहे हैं. उन्होंने इस मुद्दे पर बात की कि हिंदी फिल्मों हीरो कैसे धीरे-धीरे बदलता गया. निखिल तनेजा के वी आर युवा यूट्यूब चैनल (You tube) के साथ अपने साक्षात्कार के दौरान, जब करण जौहर से कबीर सिंह (Film Kabir Singh) जैसी फिल्मों के बारे में पूछा गया, जो कथित मर्दानगी को स्त्री के विरुद्ध एक हथियार की तरह पेश करती हैं, तो करण जौहर ने कहा कि यह मौलिक हिंदी फिल्म नहीं है. यह साउथ से आया विचार है. यह फिल्म साउथ की अर्जुन रेड्डी की रीमेक है. हिंदी का मेकर इस तरह से नहीं सोचता.

साउथ के रास्ते पर
कबीर सिंह जैसी फिल्मों के समाज पर असर के सवाल पर करण जौहर ने कहा कि निर्माता कहानियों की तलाश में हैं, लेकिन सच यह भी है कि बॉलीवुड साउथ की पुरुष प्रधान फिल्मों के रास्ते पर चल रहा है. आज हिंदी सिनेमा में कोई हीरो नहीं है. आज का हीरो, फिल्म है. उन्होंने कहा कि हमें कंटेंट को प्रभावशाली बनाने की जरूरत है. करण जौहर ने कहा कि आज हिंदी सिनेमा में हीरो की जो मर्दानगी दिख रही है, इसे साउथ के सिनेमा से लिया गया है. यह हमारा मूल स्वभाव नहीं है. चूंकि केजीएफ और पुष्पा बड़ी हिट हैं, इसलिए हम उनसे प्रभावित होकर ऐसे हीरो बना रहे हैं. साउथ के सिनेमा की अपनी ताकत है ,जो हमारे पास नहीं है. उन्होंने कहा कि हिंदी सिनेमा का नया एंग्री यंग मैन समाज के लिए सही नहीं है क्योंकि इसका चरित्र महिला विरोधी है.

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