trendingNow11785626
Hindi News >>बॉलीवुड
Advertisement

Bollywood Vamp: शशि कपूर की हीरोइन बनकर किया था डेब्यू, मगर बाथ टब सीन ने बदल दिया सब कुछ

Bollywood Actress: बॉलीवुड में कई एक्ट्रेसों ने छोटी पारियां खेली, लेकिन अपनी छाप भी छोड़ी. हिंदी फिल्मों में वैंप की भूमिकाओं में अपने-अपने दौर में चर्चित हुई अभिनेत्रियों में फरियाल (Faryal) का नाम आता है. 1970 के दशक में उन्होंने हीरोइन के रूप में करियर शुरू किया, लेकिन जल्द ही उन्हें वैंप के रोल ऑफर होने लगे. जानिए क्या थी वजह...  

Bollywood Vamp: शशि कपूर की हीरोइन बनकर किया था डेब्यू, मगर बाथ टब सीन ने बदल दिया सब कुछ
Stop
Ravi Buley|Updated: Jul 18, 2023, 08:21 PM IST

Faryal: बॉलीवुड ऐसी जगह है जहां एक रोल जमीन से आसमान पर पहुंचा देता है और कभी इसका उल्टा भी हो जाता है. 1970 के दशक की एक्ट्रेस फरियाल के साथ यही ट्रेजडी हुई. शुरुआत तो उनकी हीरोइन के रूप में हुई, लेकिन जल्द ही वह नेगेटिव किरदारों में आ गईं. फिर करियर में बाथ टब में नहाने के एक सीन के साथ उनकी किस्मत हमेशा के लिए बदल गई. वह पर्दे पर वैंप और कैबरे डांसर बनकर ही रह गईं. भारतीय मूल के पिता और सीरियाई मूल की मां की संतान फरियाल पैदा भले सीरिया में हुई, लेकिन उनकी पढ़ाई-लिखा मुंबई (Mumbai) में हुई. वह एयरहोस्टेस बनीं. एयर इंडिया में. लेकिन फरियाल को एक्टिंग का शौक था और वह फिल्मालय स्टूडियो से जुड़ गईं. फरियाल ने बतौर लीड एक्ट्रेस अपनी पहली फिल्म बिरादरी शशि कपूर (Shashi Kapoor) जैसे सितारे के साथ साइन की थी. फिल्म बनते-बनते थोड़ी लेट हो गई और इस बीच उन्हें दूसरी फिल्म प्रदीप कुमार (Pradeep Kumar) जैसे बड़े स्टार के साथ मिली, जिंदगी और मौत.

दिल लगाकर हम ये समझे
जिंदगी और मौत (1965) उनकी रिलीज होने वाली पहली फिल्म बनी. फिल्म चली. इसका एक गाना दिल लगाकर हम ये समझे आज भी सुना जाता है. लेकिन शशि कपूर के साथ बिरादरी (1966) फ्लॉप हो गई. इसके बाद कोई बड़ा प्रोड्यूसर सामने नहीं आया. कुछ छोटे प्रोडक्शन हाउसों की फिल्मों में वह हीरोइन बनीं, परंतु बात नहीं बनी. तभी चेतन आनंद उर्फ गोल्डी ने उन्हें देव आनंद-वैजयंतीमाला-अशोक कुमार स्टारर ज्वैल थीफ (1967) में एक डांस के लिए साइन किया. यह कैबरे डांस था. फिल्म तो खूब चली, मगर फरियाल को फिर कैबरे डांस वाले रोल ऑफर होने लगे. राजेश खन्ना-मुमताज की सच्चा झूठा (1970), धर्मेंद्र-वहीदा रहमान की मन की आंखें (1970) जैसी फिल्मों से टाइपकास्ट होती गईं. तब उन्होंने ऐसे रोल इंकार किए, परंतु जल्द ही समझ गईं कि अगर वह नहीं करेंगी तो दूसरी एक्ट्रेस-डांसर उनकी जगह ले लेंगी.

लगी किस्मत पर मुहर
करियर की इसी मोड़ पर फिरोज खान (Firoz Khan) ने अपनी फिल्म अपराध (1972) में उन्हें ग्लैमरस रोल ऑफर किया. फिरोज खान इस फिल्म से पहली बार प्रोड्यूसर-डायरेक्टर के रूप में सामने आए. फरियाल ने फिल्म में एक बाथ टब का सीन किया और इसके बाद उनकी किस्मत पर जैसे वैंप वाली भूमिकाओं की मुहर लग गई. फिर कभी उन्हें कैरेक्टर आर्टिस्ट वाले रोल नहीं मिले. वह लगातार वैंप भूमिकाएं निभाती चली गईं, जिनमें कैबरे डांस भी शामिल होता था. रोचक बात यह कि फरियाल ने कभी डांस नहीं सीखा था और डांस करना उन्हें नापसंद था. पसंद-नापसंद के बीच फरियाल का करियर आगे बढ़ता रहा, लेकिन 1980 का दशक खत्म होते-होते उन्हें फिल्में ऑफर होना कम हो गईं. फरियाल ने भी फिल्मों को अलविदा कह दिया. 1979 में वह आखिरी बार जितेंद्र (Jitendra) की गर्लफ्रेंड के रूप में थ्रिलर फिल्म द गोल्ड मैडल (The Gold Medal) में दिखीं. 1984 में उन्होंने विवाह करके इंडस्ट्री को अलविदा कह दिया. वह अपने पति के साथ इजरायल चली गईं. उनकी उम्र 80 के आस-पास है.

Read More
{}{}