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Bollywood Actors: इस सीनियर डायरेक्टर ने बोला बड़ा हमला, कहा- ‘आज के एक्टर साबुन-तेल वाले लोग हैं’

Bollywood Actors Fees: करण जौहर कह चुके हैं कि नई पीढ़ी के एक्टरों की एक भी फिल्म नहीं चलती और वे करोड़ों की फीस मांगते हैं. कुछ और निर्माता-निर्देशक भी दबी जुबान में यह बात करते हैं. सच यही है कि बॉलीवुड फिल्में निर्माताओं के लिए घाटे का सौदा बन रही हैं. वजह है, एक्टरों का गैर-पेशेवर रवैया. अब एक दिग्गज निर्देशक ने एक्टरों को खरी-खरी सुनाई है.  

Bollywood Actors: इस सीनियर डायरेक्टर ने बोला बड़ा हमला, कहा- ‘आज के एक्टर साबुन-तेल वाले लोग हैं’
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Ravi Buley|Updated: Oct 23, 2022, 11:58 PM IST

Bollywood Actors Brand: बॉलीवुड के एक्टरों के प्रति सीनियर निर्देशकों और प्रोड्यूसरों की नाराजगी खुल कर सामने आने लगी है. अब सुभाष घई ने बॉलीवुड के एक्टरों की नई पीढ़ी पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि शाहरुख, सलमान, आमिर के बाद की पीढ़ी के एक्टरों की दिलचस्पी फिल्मों से ज्यादा विज्ञापन फिल्मों में काम करने की हो गई है. वे खुद को एक्टर कम और ब्रांड ज्यादा मानते हैं. उनके पास फिल्म की शूटिंग के बीच में अगर विज्ञापन शूट करने का काम आ जाए, तो वह फिल्म छोड़ कर विज्ञापन की शूटिंग करने चले जाते हैं. बॉलीवुड में किसी जमाने में शो मैन कहलाने वाले घई ने कहा कि बॉलीवुड के नए एक्टर साबुन-तेल वाले लोग हैं.

नाम में समस्या है
ईटाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में घई ने कहा कि जब से हमारी फिल्म इंडस्ट्री का नाम बॉलीवुड रखा गया, प्रॉब्लम शुरू हो गई. इन लोगों के चेहरे हॉलीवुड की तरफ घूम गए. जहां लोग इंग्लिश में लिखते-सोचते हैं. लेकिन हम भी ऐसा करेंगे तो हमारी फिल्में लोगों तक कैसे पहुंचेंगी. घई के अनुसार पश्चिम की विकसित तकनीक को अपनाना अच्छा है, मगर उनकी तर्ज पर सोचना और कहानी लिखना नहीं चल सकेगा. हमें कहानी में भावनाएं तो इंडियन ही रखनी पड़ेंगी. उन्होंने शाहरुख, सलमान और आमिर की तारीफ करते हुए कहा कि ये ऐसे एक्टर थे, जो काम करके सीधे घर जाते थे. उन्हें अगले दिन लौट कर काम पूरा करने की चिंता रहती थी, मगर आज की पीढ़ी को बड़े ब्रांड्स की चिंता रहती है.

पर्सनल ब्रांडिंग की चिंता
घई ने कहा कि 1990 के दशक में एक्टरों की पीढ़ी काम के महत्व को जानती थी. वह चाहती थी कि काम समय से पूरा हो क्योंकि उन्हें मालूम था कि काम होने पर पैसा जरूर आएगा. परंतु आज के एक्टर पहले पैसा चाहते हैं. उन्हें सिर्फ अपनी पर्सनल ब्रांडिंग और फीस की चिंता रहती है. उन्हें लगता है कि हम बड़े ब्रांड हो गए हैं. दुर्भाग्य से उनके चारों तरफ ऐसे ही लोग हैं, जो उन्हें यही महसूस कराते हैं. घई ने कहा कि ये एक्टर साबुन-तेल वाले लोग लगते हैं, जो अपनी शूटिंग छोड़ कर एड करने के लिए चले जाते हैं. वह दिन गए जब एक्टर के सामने कोई चुनौतीपूर्ण दृश्य आ जाता था तो वह उसकी तैयारी करने के लिए दो-दो रात सोता नहीं था.

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