Director B.R. Ishara: हर फिल्मकार का अपना अंदाज होता है. वह अपनी सोच के मुताबिक कहानियां चुनता है. आज जबकि बॉलीवुड में बोल्ड फिल्मों, ओटीटी पर अश्लीलता वगैरह को लेकर खूब बहस हो रही है, 1970 और 1980 के दशक में निर्देशक बी. आर. इशारा ने अपनी बोल्ड थीम वाली फिल्मों से धूम मचा दी थी. वास्तव में इशारा ही कम बजट में बोल्ड फिल्में बनाने का ट्रेंड लेकर आए थी. उनकी ऐसी पहली सुपरहिट फिल्म थी, चेतना (1970). एक युवा कॉलकर्ल की इस कहानी नें पूरे देश में तहलका मचा दिया था. फिल्म में रेहाना सुल्ताना, शत्रुघ्न सिन्हा और अनिल धवन थे. इशारा हिमाचल प्रदेश में अपने घर से भागकर मुंबई आ गए थे. यहां उन्होंने फिल्मों के सेट पर चाय पिलाने वाले बॉय के रूप में काम शुरू किया था.
धमाका चेतना से
तब किसी को नहीं पता था कि सबको फिल्म सेट पर चाय पिलाने वाला यह लड़का एक दिन अपनी बोल्ड थीम वाली फिल्मों से हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में तहलका मचा देगा. इशारा सेट पर धीरे-धीरे लिखने का काम करने लगे थे और 1964 में अजित को लेकर पहली फिल्म बनाई, आवारा बादल. फिर संजीव कुमार और पृथ्वीराज कपूर को लेकर गुनाह और कानून डायरेक्ट की. परंतु धमाका किया, फिल्म चेतना से. इसके बाद उन्होंने लगातार वर्जित विषयों को पकड़ा. उन्होंने अपनी फिल्मों में रिश्तों, सामाजिक वर्जनाओं और मानवीय भावनाओं की जटिलताओं को उभराता. उन्होंने अमिताभ बच्चन और जया भादुड़ी के साथ एक नजर (1972) बनाई. जिसमें एक युवा कवि कोठे पर वेश्यावृति को मजबूर युवती से शादी करना चाहता है. प्रेम शास्त्र (1974) में रिश्तों में वर्जित संबंधों की कहानी थी. इसमें देव आनंद और जीनत अमान थे.
विवादों में घिरी फिल्में
इसी तरह कागज की नाव (1975) अमीर आदमी की अय्याशियों की कहानी थी, वहीं लोग क्या कहेंगे में समाज की ठुकराई एक ऐसी औरत की कहानी थी, जो बदनामी से बचने के लिए हत्याएं करती हैं. इसके अलावा इशारा ने जरूरत, मिलाप, नई दुनिया नए लोग, बाजार बंद करो, घर की लाज, हम दो हमारे दो, बेसहारा और सौतेला भाई जैसी फिल्में बनाईं. इशारा की फिल्में अक्सर अपने बोल्ड और साहसिक विषयों के कारण विवादों में घिरी रहती थीं. आलोचनाओं के बावजूद, दर्शकों का एक वर्ग उनका फैन था. जो उनकी लीक से हटककर समाज की सच्चाई दिखाने वाली कहानियों की सराहना करता था. बी. आर. इशारा ने बॉलीवुड सिनेमा पर अपना असर छोड़ा. कई लोग मानते हैं कि वह समय से पहले के डायरेक्टर थे.
लॉन्च किए नए चेहरे
यह इशारा की कहानियों की ताकत थी कई लोगों द्वारा उन्हें बी ग्रेड का बताए जाने के बावजूद उनके साथ अपने दौर के तमाम सितारों ने काम किया. संजीव कुमार, राजेश खन्ना, राज बब्बर, राज किरण, जया बच्चन, अरुणा ईरानी. उन्होंने अपनी फिल्मों में उस समय के कई नए चेहरों को मौका दिया, जो आगे जाकर स्टार बने. इनमें अमिताभ बच्चन, डैनी, विजय अरोड़ा, शत्रुघ्न सिन्हा, रीना रॉय, रजा मुराद शामिल हैं. वह क्रिकेटर सलीम दुर्रानी को फिल्मों में लाए और उनके साथ परवीन बाबी को भी फिल्मों में डेब्यू कराया.