trendingNow11937768
Hindi News >>शिक्षा
Advertisement

न पैन कार्ड, न बैंक अकाउंट और फोन में सिर्फ 3 रुपये का बैलेंस; ऐसी है KBC की पहली महिला करोड़पति की कहानी

Kaun Banega Crorepati Rahat Taslim: राहत तसलीम कभी टीचर बनना चाहती थीं, लेकिन परिवार के कारण नहीं बन सकीं. ऐसे में वह फिर टेलरिंग का काम सिखाकर परिवार की खर्च में मदद करने लगीं.

न पैन कार्ड, न बैंक अकाउंट और फोन में सिर्फ 3 रुपये का बैलेंस; ऐसी है KBC की पहली महिला करोड़पति की कहानी
Stop
chetan sharma|Updated: Oct 31, 2023, 10:55 AM IST

Kaun Banega Crorepati: कौन बनेगा करोड़पति 15 हर किसी का ध्यान अपनी ओर खींच रहा है, इसका क्रेडिट अमिताभ बच्चन के अद्भुत होस्टिंग स्किल और प्रतिभावान प्रतियोगियों को जाता है. केबीसी की शुरुआत 2000 में हुई थी, लेकिन पहली महिला करोड़पति पाने के लिए दर्शकों को 10 साल तक इंतजार करना पड़ा. जी हां, झारखंड के गिरिडीह की राहत तसलीम 2010 में हुए केबीसी 4 में 1 करोड़ रुपये जीतने वाली पहली महिला थीं. शो जीतने के बाद उनकी जिंदगी पूरी तरह से बदल गई है.

राहत तसलीम बेहद कॉन्फिडेंट महिला हैं. वह अपने अद्भुत ज्ञान से अमिताभ बच्चन को प्रभावित करने में सफल रहीं. विशेष रूप से, उन्होंने 50 लाख रुपये के सवाल तक लाइफलाइन का भी उपयोग नहीं किया. उन्होंने एक बार एक इंटरव्यू में कहा था, "जब बिग बी ने मुझसे पूछा कि मुझे अपना आत्मविश्वास कहां से मिला, तो मैंने जवाब दिया कि यह आत्मविश्वास और इस फैक्ट से आया है कि मैं यह सब जानती हूं"

जब घर वापस गईं
झारखंड की रहने वाली महिला के फोन बैलेंस में केवल 3 रुपये थे. बैलेंस कम होने के बावजूद उन्होंने अमिताभ बच्चन के शो में हिस्सा लेने के लिए एसएमएस भेजा. मुंबई में ऑडिशन के समय उनके पास बैंक खाता और पैन कार्ड भी नहीं था. उन्होंने याद करते हुए कहा, "जब मैं घर वापस गई, तो सबसे पहले मैंने एक बैंक अकाउंट खोला और पैन कार्ड के लिए अप्लाई किया"

अब मॉल में है शॉप
राहत तसलीम अब झारखंड में अपना बिजनेस करती हैं. गिरिडीह के एक मॉल में उनका कपड़े का शोरूम है. राहत तसलीम कभी टीचर बनना चाहती थीं, लेकिन परिवार के कारण नहीं बन सकीं. ऐसे में वह फिर टेलरिंग का काम सिखाकर परिवार की खर्च में मदद करने लगीं.

बेटे को दिलाई बाइक
राहत तसलीम जब 'कौन बनेगा करोड़पति' में आई थीं, तो उन पर काफी कर्ज भी था. राहत तसलीम ने जीती हुई राशि से पहले तो अपना सारा कर्ज चुकाया. उसके बाद उन्होंने झारखंड के गिरीडीह में ही अपना गारमेंट्स का बिजनेस खोल लिया, और बेटे को बाइक दिलाई.  

Read More
{}{}